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RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

August 24, 2019 by Prasanna Leave a Comment

Rajasthan Board RBSE Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

RBSE Class 11 Sociology Chapter 7 पाठ्यपुस्तक के प्रश्नोत्तर  

RBSE Class 11 Sociology Chapter 7 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
मैकाइवर एवं पेज के अनुसार सामाजिक परिवर्तन है
(अ) समाज की संस्कृति में परिवर्तन
(ब) सामाजिक सम्बन्धों में परिवर्तन
(स) समाज के कार्यों में परिवर्तन
(द) सामाजिक जीवन में परिवर्तन।
उत्तर:
(ब) सामाजिक सम्बन्धों में परिवर्तन

प्रश्न 2.
निम्न में से कौन-सी स्थिति परिवर्तन के लिए उत्तरदायी है?
(अ) वस्तु
(ब) समय
(स) भिन्नता
(द) उपर्युक्त तीनों।
उत्तर:
(द) उपर्युक्त तीनों।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 3.
सामाजिक परिवर्तन के लिए सांस्कृतिक विलम्बना का सिद्धान्त किस विद्वान ने दिया है?
(अ) आगबर्न
(ब) दुर्थीम
(स) वेब्लिन
(द) माल्थस।
उत्तर:
(अ) आगबर्न

प्रश्न 4.
निम्न में से सामाजिक नियंत्रण का प्रकार नहीं है?
(अ) चेतन व अचेतन
(ब) औपचारिक
(स) प्रकृति
(द) सकारात्मक।
उत्तर:
(स) प्रकृति

प्रश्न 5.
“विपथगामी प्रवृत्तियों की कली को फूल बनने से पहले ही कुचल देना सामाजिक नियंत्रण है।” यह कथन किसका है?
(अ) ई.ए. रास
(ब) पारसंस
(ग) किंग्सले डेविस
(द) कार्लमानहीम।
उत्तर:
(ब) पारसंस

प्रश्न 6.
निम्न में से कौन-सा औपचारिक नियंत्रण का साधन है
(अ) परिवार
(ब) कानून
(स) प्रथाएँ
(द) जनरीतियाँ।
उत्तर:
(ब) कानून

RBSE Class 11 Sociology Chapter 6 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
ऐस्से ऑन पापुलेशन’ पुस्तक के लेखक कौन हैं?
उत्तर:
‘ऐस्से ऑन पापुलेशन’ पुस्तक के लेखक माल्थस हैं।

प्रश्न 2.
शहरी जनसंख्या में वृद्धि कैसे होती है?
उत्तर:
लोगों का गाँव से रोजगार की तलाश में शहरों में प्रवास करने से शहरी जनसंख्या में वृद्धि होती है।

प्रश्न 3.
प्रौद्योगिकी का क्या अर्थ है?
उत्तर:
अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए मानव जिन उपकरणों, यन्त्रों एवं मशीनों आदि को प्रयोग में लाता है, उनसे सम्बन्धित ज्ञान प्रौद्योगिकी कहलाता है।

प्रश्न 4.
सामाजिक नियंत्रण के चेतन व अचेतन स्वरूप का उल्लेख किस विद्वान ने किया है?
उत्तर:
सामाजिक नियन्त्रण में चेतन व अचेतन स्वरूप का उल्लेख अमेरिका के समाजशास्त्री सी. एच. कुले ने. किया है।

प्रश्न 5.
अनौपचारिक नियंत्रण के साधन कौन-कौन से हैं?
उत्तर:
अनौपचारिक नियंत्रण के साधन हैं-प्रथाएँ, जनरीतियाँ, धर्म, व्यंग्य, जनमत व परंपराएँ आदि।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 6.
सकारात्मक सामाजिक नियंत्रण क्या है?
उत्तर:
सकारात्मक सामजिक नियंत्रण समाज में नियंत्रण का वह स्वरूप है जिसमें सलाह, अनुनय, शिक्षा एवं पुरस्कार के द्वारा व्यक्तियों के व्यवहार को नियंत्रित किया जाता है।

प्रश्न 7.
“सामान्य व्यक्तियों के मन में लोकाचारों से बड़ा कोई न्यायालय नहीं है।” यह कथन किसका है?
उत्तर:
उपर्युक्त कथन समाजशास्त्री किंग्सले डेविस का है।

प्रश्न 8.
सीधी रेखा में होने वाला परिवर्तन क्या कहलाता है?
उत्तर:
सीधी रेखा में होने वाला परिवर्तन रेखीय परिवर्तन कहलाता है।

प्रश्न 9.
गुरविच तथा मुरे ने सामाजिक नियंत्रण के कितने स्वरूप बताये हैं?
उत्तर:
गुरविच तथा मुरे ने सामाजिक नियंत्रण के तीन स्वरूपों का उल्लेख किया है-संगठित सामाजिक नियंत्रण, असंगठित सामाजिक नियंत्रण, सहज सामाजिक नियंत्रण।

प्रश्न 10.
औपचारिक नियंत्रण के साधन लिखिए?
उत्तर:
राज्य, कानून, पुलिस, जेल व न्यायालय आदि औपचारिक नियंत्रण के साधन हैं।

RBSE Class 11 Sociology Chapter 6 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सामाजिक परिवर्तन को परिभाषित कीजिए।
उत्तर:
समाज में होने वाले परिवर्तनों को सामाजिक परिवर्तन कहा जाता है। समाजशास्त्री मैकाइवर एवं पेज ने अपनी पुस्तक ‘सोसायटी’ में सामाजिक सम्बन्धों में होने वाले परिवर्तनों को ही सामाजिक परिवर्तन माना है। इसी प्रकार किंग्सले डेविस का भी मानना है कि “सामाजिक परिवर्तन से हम केवल उन्हीं परिवर्तनों को समझते हैं जो सामाजिक संगठन अर्थात् समाज के ढाँचे और प्रकार्यों में घटित होते हैं।”

प्रश्न 2.
सामाजिक परिवर्तन के जनसंख्यात्मक कारक पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने वाले अनेक कारक हैं, जिनमें से एक प्रमुख कारक जनसंख्यात्मक कारक भी है। इस संपूर्ण संसार में बिना जनसंख्या के किसी भी समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है। जब किसी देश की जनसंख्यात्मक संरचना जिसमें जनसंख्या का आकार, मृत्यु-दर, जन्म-दर, आवास-प्रवास व स्त्री-पुरुष अनुपात आदि सम्मिलित हैं, में परिवर्तन आता है तो ऐसी दशा में सामाजिक संरचना, संगठन व अर्थव्यवस्था भी प्रभावित होती है। इस प्रकार सामाजिक परिवर्तन लाने में जनसंख्यात्मक कारकों का महत्त्वपूर्ण योगदान है।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 3.
सामाजिक परिवर्तन की तीन विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
सामाजिक परिवर्तन की तीन विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :

  • सामाजिक परिवर्तन एक सार्वभौमिक प्रक्रिया है :
    प्रत्येक समाज में सामाजिक परिवर्तन की प्रक्रिया पायी जाती है। पूर्णतः स्थिरता व स्थायित्व किसी भी समाज की विशेषता नहीं रही है। विभिन्न समाजों में परिवर्तन की गति भिन्न हो सकती है परंतु परिवर्तन होता अवश्य है। इस कारण सामाजिक परिवर्तन एक विश्वव्यापी प्रक्रिया है।
  • सामाजिक परिवर्तन एक स्वाभाविक प्रक्रिया है :
    प्रत्येक समाज में सामाजिक परिवर्तन अनिवार्यतः होता है। कभी यह परिवर्तन नियोजित रूप से होता है तो कभी स्वतः ही उत्पन्न हो जाता है।
  • सामाजिक परिवर्तन एक गतिशील प्रक्रिया है :
    सामाजिक परिवर्तन स्थिर अवधारणा नहीं है। यह गतिशील प्रक्रिया है जो समायानुसार सदैव परिवर्तित होती रहती है।

प्रश्न 4.
अनौपचारिक या औपचारिक सामाजिक नियंत्रण में अंतर कीजिए।
उत्तर:
औपचारिक व अनौपचारिक सामाजिक नियंत्रण में निम्न आधारों पर अंतर पाया जाता है :

  1. औपचारिक सामाजिक नियंत्रण में नियम लिखित व स्पष्ट होते हैं। इसके विपरीत अनौपचारिक सामाजिक नियंत्रण में नियम अलिखित व अस्पष्ट होते हैं।
  2. औपचारिक सामाजिक नियंत्रण जटिल व आधुनिक समाजों की विशेषता है जबकि अनौपचारिक सामाजिक नियंत्रण सरल व आदिम समाजों की विशेषता है।
  3. औपचारिक सामाजिक नियंत्रण के पीछे राज्य व सरकार की सत्ता होती है किन्तु अनौपचारिक सामाजिक नियंत्रण के पीछे सरकार व राज्य की सत्ता नहीं होती है।
  4. औपचारिक सामाजिक नियन्त्रण के लिए साधन के रूप में कानून, पुलिस व न्यायालय प्रयुक्त होते हैं जबकि अनौपचारिक सामाजिक नियन्त्रण में प्रतिमान, परम्पराएँ व धर्म आदि साधन प्रयुक्त होते हैं।

प्रश्न 5.
कानून के माध्यम से सामाजिक नियंत्रण कैसे होता है?
उत्तर:
कानून के माध्यम से समाज में निम्न प्रकार से सामाजिक नियंत्रण स्थापित किया जाता है :

  1. कानून के द्वारा समाज में व्यक्तियों के व्यवहारों व आचरण पर नियंत्रण रखा जाता है ताकि समाज की व्यवस्था बनी रहे।
  2. कानून के माध्यम से ही समाज में विघटनकारी प्रवृत्तियों को रोकने के लिए दंड की व्यवस्था की जाती है।
  3. कानून के माध्यम से व्यक्तियों से सामाजिक नियमों का पालन करवाया जाता था ताकि समाज की संरचना सुदृढ़ हो सके।.

प्रश्न 6.
‘धर्म तथा नैतिकता सामाजिक नियंत्रण का प्रभावी साधन है।’ कैसे?
उत्तर:
निम्न आधारों पर यह स्पष्ट होता है कि धर्म व नैतिकता सामाजिक नियंत्रण के प्रभावी साधन हैं :

  1. धर्म व नैतिकता का पालन करने पर ही व्यक्ति को सही व अनुचित कार्यों में भेद का पता चलता है।
  2. धर्म व नैतिकता के आधार पर ही व्यक्ति समाज में स्वीकृत व मान्य नियमों का पालन करता है।
  3. धर्म व नैतिकता के पालन से व्यक्ति में अनेक सामाजिक गुणों का विकास होता है; जैसे-सत्यता, ईमानदारी आदि। इनसे उत्तम चरित्र का निर्माण होता है।
  4. धर्म व नैतिकता सामाजिक नियंत्रण के दो अनौपचारिक साधन हैं, जिसका अनुपालन करने से समाज की व्यवस्था बनी रहती है और लोगों में आपसी सहयोग की भावना का उदय होता है।

उपरोक्त स्थिति के कारण ही धर्म और नैतिकता सामाजिक नियन्त्रण का प्रभावी साधन बन जाते हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

RBSE Class 11 Sociology Chapter 6 निबंधात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सामाजिक परिवर्तन को परिभाषित करते हुए इसकी विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
सामाजिक परिवर्तन की परिभाषा :
सामाजिक परिवर्तन की कोई एक सर्वमान्य परिभाषा नहीं है बल्कि इसके बारे में विभिन्न समाजशास्त्रियों ने अलग-अलग परिभाषाएँ दी हैं, जो निम्नलिखित हैं

मैकाइवर एवं पेज :
ने अपनी पुस्तक सोसायटी में समाजिक परिवर्तन की व्याख्या सामाजिक सम्बन्धों में परिवर्तन के द्वारा प्रस्तुत की है। इनके अनुसार “समाज सामाजिक सम्बन्धों का जाल है।” अतः इन सम्बन्धों में होने वाला परिवर्तन ही सामाजिक परिवर्तन है।

समाजशास्त्री किंग्सले डेविस ने सामाजिक परिवर्तन का आधार सामाजिक संगठन को माना है। इनके शब्दों में “सामाजिक परिवर्तन से हम केवल उन्हीं परिवर्तनों को समझते हैं जो सामाजिक संगठन अर्थात् समाज के ढाँचे और प्रकार्यों में घटित होते हैं।”

गिलिन एवं गिलिन :
ने सामाजिक परिवर्तन की व्याख्या सांस्कृतिक सन्दर्भ में की है। उनके अनुसार”सामाजिक परिवर्तन जीवन की मानी हुई रीतियों में परिवर्तन को कहते हैं। चाहे ये परिवर्तन भौगोलिक दशाओं में हुए हों या सांस्कृतिक साधनों, जनसंख्या की रचना या विचारधारा के परिवर्तन से या समूह के अन्दर ही आविष्कार के फलस्वरूप हों।”

उपर्युक्त समस्त परिभाषाओं से स्पष्ट है कि सामाजिक परिवर्तन का सम्बन्ध रीतियों, प्रथाओं, मूल्यों, सामाजिक सम्बन्धों, व्यवहारों, कार्य-विधियों व सामाजिक संगठन आदि में परिवर्तनों से है।

सामाजिक परिवर्तन की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :

  • सामाजिक परिवर्तन की प्रकृति सामाजिक है :
    सामाजिक परिवर्तन की प्रकृति वैयक्तिक न होकर सामाजिक है। अर्थात् सामाजिक परिवर्तन का संबंध समुदाय एवं समाज में होने वाले परिवर्तन से ही होता है।
  • भविष्यवाणी असंभव :
    समाज में कौन-से परिवर्तन होंगे, कब होंगे यह पहले बता पाना संभव नहीं है। परिवर्तनों के बारे में केवल पूर्वानुमान ही लगाया जा सकता है, निश्चित भविष्यवाणी नहीं की जा सकती।
  • सामाजिक परिवर्तन गुणात्मक होता है :
    परिवर्तन गुणात्मक होता है क्योंकि इसमें विचारों, मतों, प्रथाओं व विश्वासों का समावेश होता है।
  • सामाजिक परिवर्तन की गति असमान होती है :
    परिवर्तन की गति ही समाज में अलग-अलग होती है। यह कहीं तीव्र तो कहीं धीमी होती है, इसी कारण इसकी गति में भिन्नता पायी जाती है।

प्रश्न 2.
सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख कारणों की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक परिवर्तन के प्रमुख कारण समाज में परिवर्तन अकारण नहीं होता बल्कि इस परिवर्तन के पीछे महत्वपूर्ण कारक उत्तरदायी होते हैं, ये कारक हैं-भौगोलिक कारक, जनसंख्यात्मक कारक, सांस्कृतिक कारक, प्रौद्योगीकीय कारक एवं आर्थिक कारक। इनका संक्षिप्त विवेचन निम्न प्रकार है :

(क) भौगोलिक कारक :
प्रकृति से संबंधित समस्त पक्ष जिनमें वायु, आकाश, नदी, धरती व पहाड़ शामिल हैं। ये पर्यावरण की रचना करते हैं व इन्हें ही भौगोलिक कारक भी कहा जाता है। अनेक सामाजिक परिवर्तन प्राकृतिक कारकों से होते हैं अर्थात् प्रकृति समाज को परिवर्तन की प्रेरणा प्रदान करती है।
इन कारकों से समाज में अनेक परिवर्तन दृष्टिगोचर होते हैं :

  1. प्राकृतिक आपदाओं जैसे-बाढ़, अकाल व भूकंप से एकाएक जन-धन की हानि होती है, जिससे समाज में बदलाव आता है।
  2. लोगों के खान-पान, रहन-सहन व अन्य दशाओं में परिवर्तन से समाज में नवीन संस्कृति का विकास होता है।

(ख) जनसंख्यात्मक कारक :
जब किसी देश की जनसंख्यात्मक संरचना में बदलाव आता है तो वहाँ के सामाजिक, राजनीतिक व अन्य पक्षों में बदलाव दिखाई देते हैं। गरीबी, बेरोजगारी व अन्य समस्याएँ उत्पन्न होती है। गाँव से लोग शहरों में रोजगार के लिए आते हैं, जिससे नगरों में रहने वालों की संख्या व अपराधों में वृद्धि होती है। इसके अलावा विभिन्न प्रांतों से विभिन्न संस्कृति लोग आते हैं, जिससे नए वर्गों का उदय होता है।

(ग) सांस्कृतिक कारक :
ये कारक किसी भी सामाजिक संरचना को प्रभावित करते हैं। समाज में सांस्कृतिक कारक ही प्रौद्योगिकी विकास के स्वरूप एवं गति को निर्धारित करते हैं। इनसे ही समाज का सांस्कृतिक स्वरूप निश्चित होता है।

(घ) प्रौद्योगिकीय कारक :
प्रौद्योगिकी से समाज में अनेक परिवर्तन देखने को मिलते हैं। इससे समाज में नए कारखानों का निर्माण होता है, व्यक्ति के रहन-सहन के स्तर में वृद्धि होती है व साथ ही देश व राष्ट्र का भी विकास होता है।

(ङ) आर्थिक कारक :
यदि समाज की आर्थिक संरचना में परिवर्तन होता है तो सामाजिक संस्थाओं में भी बदलाव होते हैं। मार्क्स ने भी आर्थिक कारकों को प्रमुखता दी है।

उपर्युक्त विवरण से स्पष्ट है कि उल्लिखित कारक अपरिहार्यतः सामाजिक परिवर्तन से जुड़े हुए हैं।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 3.
सामाजिक परिवर्तन के प्रकार लिखिए।
उत्तर:
सामाजिक परिवर्तन के प्रकार हैं :
(क) रेखीय परिवर्तन :
सामाजिक परिवर्तन का वह प्रकार अथवा प्रतिमान है जिसमें परिवर्तन एक निश्चित दिशा में होता है। एक सीध में होने वाले परिवर्तनों को ही रेखीय परिवर्तन की संज्ञा दी जाती है। उदाहरण-प्राचीनकाल में लोग हवा के लिए हाथ के पंखे का प्रयोग करते थे, उसके पश्चात् टेबल फैन का आविष्कार, फिर सीलिंग फैन, कूलर व अब वर्तमान में A.C. का प्रयोग भी किया जाता है। ये रेखीय परिवर्तन का ही उदाहरण है जिससे यह स्पष्ट होता है कि परिवर्तन एक निश्चित क्रम में आगे बढ़ता है। इस कारण इसे रेखीय परिवर्तन कहा जाता है।
RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण 1

(ख) उतार-चढ़ाव वाला परिवर्तन :
परिवर्तन के इस स्वरूप की दिशा निश्चित न होकर ऊपर व नीचे की ओर होती है। इस परिवर्तन के विषय में केवल पूर्वानुमान ही लगाया जा सकता है। निश्चित रूप से कुछ नहीं कहा जा सकता है। इस प्रकार की परिवर्तन की गति आदिम समाज में बहुत ही धीमी होती है व आधुनिक समाज में काफी तीन होती है।
RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण 2

(ग) चक्रीय परिवर्तन :
परिवर्तन के इस स्वरूप को तरंगीय परिवर्तन भी कहा जाता है। इस परिवर्तन की दिशा एक चक्र के समान होती है। जैसे—दिन-रात, फिर रात-दिन इस प्रकार यह परिवर्तन चक्र की भाँति समाज में सदैव गतिमान रहता है।
RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण 3

उल्लेखनीय तथ्य यह है कि परिवर्तन के तीनों स्वरूपों की दिशा व स्थिति हर समाज में अलग-अलग पायी जाती है, जिसमें बदलावों के परिणामों में भी अंतर पाया जाता है।

प्रश्न 4.
सामाजिक नियंत्रण के औपचारिक अभिकरण कौन-कौन से हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक नियन्त्रण के औपचारिक अभिकरण के नियम लिखित एवं निश्चित होते हैं। नियमों का पालन न करने पर इनके द्वारा दण्ड की भी व्यवस्था की जाती है। ये अभिकरण आधुनिक औद्योगिक एवं जटिल समाजों की विशेषता हैं। ये अभिकरण राज्य एवं अन्य प्रशासनिक संगठनों के नियन्त्रण में कार्य करते हैं। सामाजिक नियन्त्रण के औपचारिक अभिकरणों का विवरण निम्नवत् है :

  • नियम/मापदंड :
    नियमों के आधार पर ही समाज में व्यक्तियों के व्यवहारों व आचरणों का संचालन किया जाता है। नियम समाज में व्यक्ति के लिए मार्गदर्शक होते हैं, जो उसे व समाज को एक सही दिशा प्रदान करते हैं तथा व्यक्ति को पथभ्रष्ट होने से बचाते हैं।
  • जेल-व्यवस्था :
    समाज में अनैतिक व विघटनकारी प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाने के लिए जेल की व्यवस्था समाज में की जाती है ताकि समाज की मौलिक संरचना को नष्ट होने से बचाया जा सके व अनुचित कृत्य करने वाले व्यक्तियों को दंडित किया जा सके।
  • न्यायालय :
    समाज में लोगों को उनके कार्यों के अनुरूप परिणाम के लिए न्यायालयों की स्थापना की गई है। जहाँ पर समाज के हर व्यक्ति को न्याय पाने का अधिकार प्राप्त है। हमारे देश की न्याय व्यवस्था काफी लचीली है।
  • कानून व्यवस्था :
    ‘प्राचीनकाल से लेकर वर्तमान काल तक कानून की समाज में एक अनोखी भूमिका रही है। कानून के द्वारा ही व्यक्ति को उसके सही व गलत कार्यों का बोध होता है। कानून से ही देश व समाज में नियम कायम रहते हैं, जिससे समाज व व्यक्ति का कल्याण होता है।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 5.
सामाजिक नियंत्रण के अनौपचारिक अभिकरणों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
अनौपचारिक अभिकरणों द्वारा समाज का नियंत्रण, नियन्त्रण का वह स्वरूप है जिसका संबंध राज्य से न होकर समाज व समूह से होता है। ये अलिखित तथा असंगठित होते हैं। इनका विकास एक दिन का परिणाम नहीं होता है, बल्कि समाज में इनका विकास समय के साथ-साथ स्वतः ही होता है। इस प्रकार के नियंत्रण के पीछे सरकार की सत्ता नहीं होती है। ये मुख्य रूप से बंद, आदिम व परंपरागत समाजों की विशेषता हैं। नियंत्रण के इस स्वरूप के अंतर्गत व्यक्तियों को उनके अनैतिक व्यवहार या आचरण के लिए दंड समूह, समुदाय व समाज के द्वारा ही निश्चित किया जाता है।

सामाजिक नियंत्रण के अनौपचारिक स्वरूप के अंतर्गत अनेक साधन सम्मिलित हैं, जिसका विवरण निम्नवत है :

  • परिवार :
    यह अनौपचारिक नियंत्रण का एक सशक्त माध्यम है, जिसके द्वारा बालक व परिवार के अन्य सदस्यों के व्यवहार पर नियंत्रण रखा जाता है। परिवार व्यक्ति को सही व गलत के विषय में जानकारी प्रदान करता है। एक बालक परिवार में रहकर ही पारिवारिक मूल्यों, आदर्शों व नीतियों का अनुपालन करना सीखता है।
  • लोकरीतियाँ :
    ये समाज की मान्य विधियाँ होती हैं, जिसे व्यक्ति अपने व्यवहार व आचरण में उपयोग में लाता है। ये प्राकृतिक शक्तियों के समान होती हैं, जिनका पालन व्यक्ति समाज के अन्य लोगों को देखते हुए अचेतन रूप से करता है। ये व्यक्ति के व्यवहार को समाज के अनुरूप निर्देशित करती हैं।
  • धर्म :
    समाज के सदस्य भावनात्मक आधार पर एक-दूसरे से जुड़ाव रखते हैं। इससे समाज में एकबद्धता बनी रहती है। यह अलौकिक शक्ति में विश्वास पर आधारित मान्यता है। धर्म व्यक्ति को पाप व पुण्य का ज्ञान देता है, जिससे व्यक्तियों में सुधार होता है।
  • नैतिकता :
    इससे व्यक्ति को सही व गलत की पहचान होती है। नैतिकता उसे गलत कार्यों से दूर रखती है। नैतिकता के पालन के दौरान व्यक्ति में अनेक गुणों का समावेश होता है, जिससे वह समाज का एक योग्य नागरिक बनता है।

उपर्युक्त विवरण द्वारा स्पष्ट है कि सामाजिक नियन्त्रण में अनौपचारिक अभिकरणों के द्वारा भी समाज में सामाजिक व्यवस्था कायम रहती है। ये व्यक्ति को समाज के मानकों के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं, जिससे समाज के साथ-साथ एक भावी राष्ट्र का भी निर्माण होता है।

RBSE Class 11 Sociology Chapter 6 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

RBSE Class 11 Sociology Chapter 6 वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
सामाजिक परिवर्तन का संबंध कितने पक्षों से हैं?
(अ) एक
(ब) दो
(स) तीन
(द) चार।
उत्तर:
(स) तीन

प्रश्न 2.
सामाजिक संगठन को सामाजिक परिवर्तन का मुख्य आधार माना है
(अ) डेविस ने
(ब) फिचर ने
(स) मैकाइवर ने
(द) हक्सले ने।
उत्तर:
(अ) डेविस ने

प्रश्न 3.
मार्क्स ने किस कारक को परिवर्तन की मुख्य विशेषता माना है?
(अ) सामाजिक कारक
(ब) आर्थिक कारक
(स) राजनीतिक कारक
(द) सांस्कृतिक कारक
उत्तर:
(ब) आर्थिक कारक

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 4.
आगबर्न की पुस्तक ‘सोशल चेन्ज’ किस वर्ष प्रकाशित हुई थी?
(अ) 1921
(ब) 1923
(स) 1922
(द) 1925
उत्तर:
(स) 1922

प्रश्न 5.
किस समाजशास्त्री ने प्रोटेस्टेट आचार संहिता की अवधारणा का वर्णन किया है?
(अ) दुर्थीम
(ब) स्पेन्सर
(स) पारसंस
(द) मैक्स वेबर।
उत्तर:
(द) मैक्स वेबर।

प्रश्न 6.
“जलवायु व भूमि में घनिष्ठ संबंध है।” यह मत किसका है?
(अ) गिलिन का
(ब) डेविस का
(स) कॉम्ट का
(द) हक्सले का।
उत्तर:
(द) हक्सले का।

प्रश्न 7.
कार्ल मानहीम की पुस्तक का क्या नाम है?
(अ) मैन एण्ड सोसायटी
(ब) ह्यूमन एवं सोसायटी
(स) हिस्ट्री ऑफ मैन
(द) सोसायटी।
उत्तर:
(अ) मैन एण्ड सोसायटी

प्रश्न 8.
कौन-सा औपचारिक अभिकरण है?
(अ) विचार
(ब) मत
(स) विद्यालय
(द) मित्रमंडली।
उत्तर:
(स) विद्यालय

प्रश्न 9.
“समाजीकरण सामाजिक नियंत्रण का ही विस्तार है।” यह कथन किसका है?
(अ) फिचर
(ब) आगबर्न
(स) जिन्सबर्ग
(द) दुर्थीम।
उत्तर:
(अ) फिचर

प्रश्न 10.
“समाजीकरण सीखने की प्रक्रिया है।” कथन है
(अ) सही
(ब) गलत
(स) दोनों ही
(द) कोई भी नहीं।
उत्तर:
(अ) सही

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

RBSE Class 11 Sociology Chapter 6 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
आगबर्न ने अपनी किस पुस्तक में भौतिक व अभौतिक संस्कृति पर प्रकाश डाला है?
उत्तर:
‘सोशल चेन्ज’ (1922) पुस्तक में आगबर्न ने भौतिक व अभौतिक संस्कृति का विवेचन किया है।

प्रश्न 2.
मृत्युदर में वृद्धि क्यों होती है?
उत्तर:
उत्तम स्वास्थ्य सुविधाएँ न मिलने के कारण मृत्युदर में वृद्धि होती है।

प्रश्न 3.
सांस्कृतिक कारक का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
सांस्कृतिक कारक समाज की संस्कृति में पाये जाने वाले मूल्यों, मतों, आदर्शों, विश्वासों व परंपराओं आदि से संबंधित अवधारणा है।

प्रश्न 4.
प्राकृतिक आपदाओं के स्वरूप बताइए।
उत्तर:
बाढ़, अकाल, भूकंप, अनावृष्टि व ज्वालामुखी विस्फोट आदि प्राकृतिक आपदाओं के स्वरूप हैं।

प्रश्न 5.
आवास बदलने से क्या परिणाम दृष्टिगोचर होते हैं?
उत्तर:
आवास बदलने से विभिन्न धर्मों, जातियों व परिवारों के बीच संपर्क बढ़ता है तथा अनेक संस्कृतियों के बीच सांस्कृतिक मूल्यों का आदान-प्रदान होता है।

प्रश्न 6.
‘आर्थिक निर्धारणवाद’ सिद्धांत का प्रतिपादन किस विद्वान ने किया है?
उत्तर:
कार्ल मार्क्स ने ‘आर्थिक निर्धारणवाद’ सिद्धान्त का प्रतिपादन किया है।

प्रश्न 7.
पारंसस ने किस पुस्तक में सामाजिक नियंत्रण की परिभाषा का उल्लेख किया है?
उत्तर:
‘सोशल सिस्टम’ में पारसंस ने सामाजिक नियंत्रण की परिभाषा का उल्लेख किया है।

प्रश्न 8.
“गरीबी से समाज में अपराधों की संख्या में वृद्धि होती है।” यह मत किसका है?
उत्तर:
विलियम बोंजर के अनुसार गरीबी से समाज के अपराधों की संख्या में वृद्धि होती है।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 9.
समाज में सामाजिक नियमों का मुख्य कार्य क्या है?
उत्तर:
समाज में सामाजिक नियमों का मुख्य कार्य समुचित व्यवस्था व स्थायित्व बनाये रखना है।

प्रश्न 10.
प्रत्यक्ष नियंत्रण का उल्लेख किस समाजशास्त्री ने किया है?
उत्तर:
कार्ल मानहीम ने प्रत्यक्ष नियंत्रण के स्वरूप का वर्णन किया है।

प्रश्न 11.
सामाजिक नियंत्रण के तीन स्तर कौन-से हैं?
उत्तर:
सामाजिक नियंत्रण के तीन स्तर हैं-समूह का समूह पर नियंत्रण, समूह का व्यक्तियों पर नियंत्रण, व्यक्तियों का व्यक्तियों पर नियंत्रण।

प्रश्न 12.
सामाजिक नियंत्रण में किन विधियों का प्रयोग किया जाता है?
उत्तर:
दंड तथा पुरस्कार इन दोनों ही विधियों का प्रयोग सामाजिक नियंत्रण में किया जाता है।

प्रश्न 13.
सकारात्मक लोकाचार में कौन-कौन से कार्य सम्मिलित किए जाते हैं?
उत्तर:
झूठ न बोलना, हिंसा न करना तथा चोरी न करना जैसे कार्य सम्मिलित किये जाते हैं।

प्रश्न 14.
कानून के द्वारा समाज में किन सामाजिक समस्याओं का उन्मूलन किया गया है?
उत्तर:
कानून के द्वारा बाल विवाह, छुआछूत, चोरी व सती प्रथा जैसी समस्याओं का उन्मूलन करने का प्रयास किया गया है।

प्रश्न 15.
प्रकार्य का क्या अर्थ है?
उत्तर:
समाज के स्वीकृत, मान्य व अपेक्षित कार्यों को ही प्रकार्य कहा जाता है।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

RBSE Class 11 Sociology Chapter 6 लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
सामाजिक परिवर्तन के रेखीय परिवर्तन प्रतिमान को समझाइए।
उत्तर:
रेखीय परिवर्तन सामाजिक परिवर्तन का प्रथम प्रतिमान है। यह सामाजिक परिवर्तन का वह स्वरूप है जो परिवर्तन को एक निश्चित क्रम व दिशा में दर्शाता है। यह परिवर्तन सदैव एक सीधी रेखा में परिवर्तन को उजागर करता है। रेखीय परिवर्तन प्रतिमान में परिवर्तन की गति कुछ निश्चित स्तरों से होकर गुजरती है। समाज में परिवर्तन एक रेखा में होने के कारण ही इसे रेखीय परिवर्तन के नाम से संबोधित किया जाता है।

प्रश्न 2.
सामाजिक परिवर्तन के प्राकृतिक कारक पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
उत्तर:
प्राकृतिक पर्यावरण झरने, धरती, नदी, आकाश व वर्षा आदि का एक सम्मिलित रूप है। समाज में परिवर्तन लाने में प्राकृतिक कारक महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करते हैं। प्राकृतिक आपदाएँ, जैसे-अकाल या भूकंप जब आते हैं तब समाज में बहुत ही हानि होती है, लोग बिछड़ जाते हैं, कई परिवार टूट जाते हैं ऐसी दशा में समाज में बदलाव आते हैं। वहीं दूसरी तरफ लोग अन्य लोगों से मिलते हैं, जिससे नए संबंधों की रचना होती है। समाज के अन्य सामाजिक, आर्थिक आदि संस्थाओं में भी परिवर्तन उजागर होता है।

प्रश्न 3.
समाज में नगरीकरण की प्रक्रिया से होने वाले लाभ का वर्णन करें।
उत्तर:
समाज में नगरीकरण की प्रक्रिया से अनेक लाभ होते है जिनका विवरण निम्नलिखित है :

  • नगरीकरण की प्रक्रिया से नगरों का बड़े स्तर पर विकास होता है।
  • नगरीकरण की प्रक्रिया के द्वारा नगरों में अनेक नए उद्योगों का विकास होता है, जिससे लोगों को रोजगार उपलब्ध होते हैं।
  • नगरीकरण से नगरों में श्रम-विभाजन की प्रक्रिया को प्रोत्साहन मिलता है, जिससे कोई भी व्यक्ति अपनी इच्छानुसार किसी भी कार्य को करने के लिए स्वतंत्रत रहता है।

प्रश्न 4.
जनसंख्या-वृद्धि से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
भारत में जनसंख्या वृद्धि ने आज एक विकराल रूप धारण कर लिया है। इसे जनसंख्या विस्फोट भी कहा जाता है। जनसंख्या विस्फोट का तात्पर्य जनसंख्या की अप्रत्याशित वृद्धि है, जिसका दुष्प्रभाव व्यक्ति के सुख, स्वास्थ्य एवं संपत्ति पर, राष्ट्र की प्रगति पर तथा अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा व शांति पर पड़ता है। समाज में यदि जन्म दर बढ़ती है तथा मृत्यु दर कम होती है तो जनसंख्या वृद्धि होती है, जिससे समाज में अन्य सामाजिक, आर्थिक व अन्य समस्याओं का उदय होता है।

प्रश्न 5.
भौतिक व अभौतिक संस्कृति में अंतर स्पष्ट कीजिए?
उत्तर:
भौतिक व अभौतिक संस्कृति में अन्तर निम्नलिखित हैं

भौतिक संस्कृति अभौतिक संस्कृति
1. भौतिक संस्कृति का संबंध भौतिक वस्तुओं से है, जैसे-मोटर, पेन व अन्य सामान। 1. अभौतिक संस्कृति का संबंध विचारों, मतों, विश्वासों व अन्य धारणाओं से है।
2. भौतिक संस्कृति को मापा जा सकता है। 2. अभौतिक संस्कृति को मापा नहीं जा सकता है।
3. यह संस्कृति का मूर्त रूप है, जिसे देख सकते हैं। 3. यह संस्कृति का अमूर्त रूप है, जिसे केवल महसूस किया जा सकता है।
4. इसकी गति तीव्र होती है। 4. इसकी गति प्रायः धीमी है।

प्रश्न 6.
सामाजिक नियंत्रण की मुख्य विशेषताओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
सामाजिक नियंत्रण की मुख्य विशेषताएँ निम्नवत् हैं :

  1. सामाजिक नियंत्रण के माध्यम से लोग सामाजिक नियमों का पालन करते हैं।
  2. सामाजिक नियंत्रण के जरिए समाज के लोग सामाजिक आदर्शों के अनुकूल आचरण व व्यवहार करते हैं।
  3. सामाजिक नियंत्रण के द्वारा समाज में व्यक्तियों की विघटनकारी प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाया जाता है।
  4. सामाजिक नियंत्रण से समाज में सामाजिक व्यवस्था बनी रहती है, जिससे समाज में शांति व्यवस्था स्थापित होती है।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 7.
प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष नियंत्रण में अंतर को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष नियंत्रण में पाए जाने वाले अंतर को निम्न बिंदुओं द्वारा स्पष्ट किया गया है :

  1. प्रत्यक्ष नियंत्रण का संबंध औपचारिक नियंत्रण या नियमों से होता है जबकि अप्रत्यक्ष नियंत्रण का संबंध अनौपचारिक नियमों से होता है।
  2. प्रत्यक्ष नियंत्रण में राज्य, विद्यालय व कानून के द्वारा नियंत्रण रखा जाता है जबकि अप्रत्यक्ष नियंत्रण में नियंत्रण परिवार, मित्र व पड़ोस के द्वारा रखा जाता है।
  3. प्रत्यक्ष नियंत्रण का संबंध प्राथमिक समूहों से होता है जबकि अप्रत्यक्ष नियंत्रण का संबंध द्वितीयक समूहों से होता है।

प्रश्न 8.
“परिवार सामाजिक नियंत्रण का एक सशक्त अभिकरण है।” इस कथन की पुष्टि कीजिए।
उत्तर:
परिवार सामाजिक नियंत्रण का एक सशक्त अभिकरण है :

  1. परिवार को प्राथमिक गुणों की प्रथम पाठशाला कहा जाता है, जहाँ रहकर ही बालक में अनेक गुणों का विकास होता है।
  2. व्यक्ति या बालक परिवार में रहकर ही अनेक नियमों व आदर्शों से परिचित होते हैं व उन्हें आत्मसात भी करते हैं, जिससे उसका समाज में व्यवहार निर्धारित होता है।
  3. परिवार के सभी सदस्य एक दूसरे से भावात्मक आधार पर बँधे होते हैं, जो व्यक्ति के आचरण को एक सही दिशा प्रदान करते हैं।
  4. परिवार के माध्यम से ही व्यक्ति के उत्तम चरित्र का विकास होता है।

प्रश्न 9.
समाज में जनरीति की भूमिका पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:

  1. समाज में जनरीति सामाजिक नियंत्रण का एक अनौपचारिक माध्यम है, जो प्रत्येक समाज में कुछ सामाजिक मानदंडों को निर्धारित करती है।
  2. कोई भी व्यक्ति समाज में जनरीतियों की उपेक्षा या अवहेलना नहीं कर सकता।
  3. जनरीति का विकास संस्कृति के संदर्भ में होता है अर्थात् जिस समाज की जैसी संस्कृति होगी वहाँ की जनरीतियाँ भी उसी के अनुरूप होंगी।

प्रश्न 10.
समाजीकरण के महत्त्व को समझाइए।
उत्तर:

  1. समाजीकरण सीखने की प्रक्रिया है जो व्यक्ति को समाज में रहने के योग्य बनाती है।
  2. समाजीकरण के द्वारा व्यक्ति समाज में समाज सम्मत व्यवहार करना सीखता है।
  3. समाजीकरण के द्वारा पुरानी पीढ़ी नयी पीढ़ी को एक निश्चित व्यवहार व आचरण करना सिखाती है।
  4. इससे समाज में सामाजिक नियंत्रण स्थापित होता है।

प्रश्न 11.
सांस्कृतिक विलम्बना की अवधारणा को समझाइए। .
उत्तर:
सांस्कृतिक विलम्बना शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग आगबन ने 1922 में अपनी पुस्तक ‘सोशल चेन्ज’ में किया है। इसमें उन्होंने संस्कृति के दो पक्षों की चर्चा की है, यथा भौतिक तथा अभौतिक संस्कृति। आगबन के अनुसार संस्कृति के इन दोनों पक्षों में समान गति से परिवर्तन नहीं होता है। संस्कृति के भौतिक पक्ष में अभौतिक पक्ष की अपेक्षा तीव्र गति से परिवर्तन होता है। परिणामतः परिवर्तन की दौड़ में संस्कृति का अभौतिक पक्ष, भौतिक पक्ष से पिछड़ जाता है। इन दोनों संस्कृतियों के बीच उत्पन्न इस पिछड़ेपन की स्थिति को ही ऑगर्बन ने ‘सांस्कृतिक विलम्बना’ या ‘सांस्कृतिक पिछड़ेपन’ के नाम से संबोधित किया है।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 12.
मृत्यु दर की प्रमुख विशेषताओं को समझाइए।
उत्तर:
मृत्यु दर की प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं :

  1. मृत्यु दर जीवन की ऐसी प्रमुख घटना है जो जनसंख्या के आकार, गठन एवं वितरण में कमी लाती है।
  2. मृत्यु दर का संबंध व्यक्ति विशेष से न होकर व्यक्तियों के समूह से होता है।
  3. ऊँची मृत्यु दर अर्द्धविकसित अर्थव्यवस्था का संकेतक है।
  4. मृत्यु एक अनैच्छिक घटना है। इस पर मनुष्य का नियंत्रण नहीं रहता है।

प्रश्न 13.
सामाजिक मूल्यों से क्या अभिप्राय है?
उत्तर:
सामाजिक मूल्य दैनिक जीवन के व्यवहार को नियंत्रित करने के सामान्य सिद्धांत हैं। सामाजिक मूल्य सामाजिक मानक हैं। इनके द्वारा हम किसी वस्तु, व्यवहार, लक्ष्य, साधन, गुण आदि को अच्छा या बुरा, उचित या अनुचित, वांछित एवं अवांछित ठहराते हैं। ये साहिक होते हैं। इनका संबंध किसी व्यक्ति विशेष से न होकर एक समूह से होता है। सामाजिक मूल्यों में विभिन्नता पायी जाती है। ये सामाजिक कल्याण एवं सामाजिक आवश्यकताओं के लिए महत्त्वपूर्ण समझे जाते हैं। मूल्यों में परिवर्तन समय व परिस्थिति के अनुसार ही होता है। समाज में सामाजिक मूल्य अपने आप में साध्य माने जाते हैं।

प्रश्न 14.
समाज में प्रौद्योगिकी के महत्त्व पर प्रकाश डालिए
उत्तर:
समाज में प्रौद्योगिकी का महत्त्व-समाज में प्रौद्योगिकी का महत्व निम्नलिखित हैं :

  1. प्रौद्योगिकी से व्यक्तियों में जीवन स्तर में सुधार हुआ है।
  2. प्रौद्योगिकी ने व्यक्तियों के लिए समाज में नए अवसरों का सृजन किया है, जिससे हर व्यक्ति को किसी भी क्षेत्र व कार्य में कोई कठिनाई नहीं होती है।
  3. प्रौद्योगिकी से देश की आर्थिक स्थिति में बदलाव आया है।
  4. प्रौद्योगिकी ने समाज में परिवर्तन को बढ़ावा दिया है।
  5. प्रौद्योगिकी से सामाजिक गतिशीलता में वृद्धि हुई है।

प्रश्न 15.
आर्थिक निर्धारणवाद का अर्थ स्पष्ट कीजिए।
उत्तर:
इस विचारधारा के अनुसार यह माना जाता है कि सामाजिक जीवन तथा सामाजिक परिवर्तन को प्रभावित करने वाला सर्वाधिक प्रबल कारक आर्थिक हित है। इस सिद्धान्त को अपने आधुनिक प्रचलित रूप में प्रतिपादित करने का श्रेय कार्ल मार्क्स को जाता है। मार्क्स ने अपने सिद्धांतों में आर्थिक कारकों को प्रमुखता दी है। इसलिए उनके सिद्धांत को आर्थिक निर्धारणवादी सिद्धान्त कहते हैं। उनके अनुसार समाज की विभिन्न सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक आदि वस्तुस्थितियों के निर्माण में आर्थिक तत्व अर्थात् उत्पादन व वितरण प्रणालियों का योगदान रहता है। इसी आधार पर मार्क्स ने इतिहास की व्याख्या की है तथा सामाजिक परिवर्तन को समझाया है।

RBSE Class 11 Sociology Chapter 6 निबन्धात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
समाज में सामाजिक परिवर्तन के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए उसका सविस्तार वर्णन कीजिए?
उत्तर:
समाज में सामाजिक परिवर्तन महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है, जिसे हम निम्न बिंदुओं के आधार पर स्पष्ट कर सकते है :

  • समाज में प्रकार्यों को प्रोत्साहन :
    सामाजिक परिवर्तन समाज में व्यक्तियों को उचित कार्य करने के लिए प्रेरित करता है जिससे समाज में विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
  • सामाजिक संरचना को सुदृढ़ बनाने में योगदान :
    सामाजिक परिवर्तन समाज की संरचना को बनाए रखने के लिए उसकी विभिन्न इकाइयों में सामंजस्य स्थापित करते हुए उसे एक उपर्युक्त ढाँचा प्रदान करता है, जिससे समाज की संरचना सुदृढ़ होती है।
  • सामाजिक परिवर्तन नवीनता का द्योतक है :
    सामाजिक परिवर्तन समाज में नए विचारों, आविष्कारों व धारणाओं को बढ़वा देता है, जिससे समाज विकास की ओर अग्रसर होता है।
  • सामाजिक परिवर्तन एक सामुदायिक परिवर्तन सामाजिक परिवर्तन का संबंध किसी व्यक्ति विशेष से न होकर एक समूह या समुदाय से होता है। इसलिए इसे एक सामुदायिक परिवर्तन माना जाता है। इसकी प्रकृति सामाजिक है न कि वैयक्तिक।
  • सामाजिक प्रक्रियाओं को प्रोत्साहन :
    समाज में सामाजिक परिवर्तनों के माध्यम से अनेक सामाजिक प्रक्रियाओं जैसे नगरीकरण व औद्योगीकरण आदि को प्रोत्साहन मिल है। इन प्रक्रियाओं से समाज में लोगों को नए रोजगार मिलते हैं। साथ ही नई संस्कृति व नए वर्गों का भी उदय होता है जिससे समाज का कल्याण होता है।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 2.
जनसंख्या वृद्धि से समाज में उत्पन्न होने वाली समस्याओं का उल्लेख कीजिए।
उत्तर:
भारत में तीव्र गति से बढ़ती हुई जनसंख्या से उत्पन्न होने वाली समस्याएँ :

  • निर्धनता/गरीबी :
    गरीबी जनसंख्या वृद्धि के लिए उत्तरदायी कारक है। गरीबी के कारण लोग अधिक सन्तानोत्पत्ति करते हैं। इस संबंध में उनका यह मानना है कि जितने अधिक बच्चे हों उन्हें उतनी ही आर्थिक सुविधा उपलब्ध होगी। यही कारण है कि भारत में बाल श्रमिकों की संख्या बहुत अधिक है।
  • बेरोजगारी में वृद्धि :
    जनसंख्या के अनुपात में सेवाएँ एवं कार्य सीमित हैं। अतः जनसंख्या वृद्धि के परिणामस्वरूप बेकारी का बढ़ना स्वाभाविक है। भूमि पर जनसंख्या का दबाव अधिक होने के कारण हजारों ग्रामवासी रोजगार के लिए नगरों में जाते हैं। दूसरी ओर नगरों में स्वयं बहुत से शिक्षित व अशिक्षित लोग बेकारी से पीड़ित हैं।
  • पारिवारिक विघटन :
    परिवार में सदस्यों की संख्या बढ़ जाने से परिवार का संगठन टूटने लगता है। घर के सदस्य सीमित साधनों के कारण आपस में झगड़ने लगते हैं, जिससे विलगाव या पृथक्करण की स्थिति आ जाती है।
  • बाल विवाह :
    भारत में बाल विवाह का प्रचलन है, जिसमें कम आयु में ही बच्चों का विवाह कर दिया जाता है। इसके परिणामस्वरूप सन्तानोत्पत्ति में निरंतर वृद्धि होती है।
  • अपराधों में वृद्धि :
    जनसंख्या वृद्धि के कारण समाज में अपराधिक प्रवृत्तियों में बढ़ोत्तरी हुई है, जिसमें व्यक्ति अपनी मूल जरूरतों को पूरा कर पाने में असमर्थ है, जिसके कारण वह अनैतिक मार्ग पर चलने लगता है।

प्रश्न 3.
समाज में सामाजिक नियंत्रण की आवश्यकता की विवेचना कीजिए।
उत्तर:
समाज में सामाजिक नियंत्रण की आवश्यकता निम्न कारणों से होती है :

  • समाज का अस्तित्व व निरंतरता बनाये रखने के लिए :
    समाज को सुचारू रूप से संचालित करने लिए व लोगों द्वारा समाज के अनुकूल व्यवहार के लिए सामाजिक नियंत्रण की आवश्यकता होती है। सामाजिक नियंत्रण समाज का अस्तित्व बनाये रखने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका का निर्वाह करता है। यह समाज को एक ठोस आधार प्रदान करता है, जिससे समाज की संरचना बनी रहती है व उसकी निरंतरता में भी वृद्धि होती रहती है।
  • समाज में संतुलन बनाये रखने के लिए :
    समाज में संतुलन स्थापित करने के लिए समाज के विभिन्न तत्त्वों में सामंजस्य बनाए रखना आवश्यक है, क्योंकि जब समाज के सभी तत्व या उसके भाग एक साथ मिलकर अपने-अपने प्रकार्य करेंगे, तभी समाज में संतुलन की स्थिति बन सकेगी। इसलिए समाज को संगठित रखने के लिए संतुलन आवश्यक है और यह संतुलन सामाजिक नियंत्रण से ही स्थापित हो सकता है।
  • विघटनकारी कार्यों पर रोक लगाने के लिए :
    समाज में नियंत्रण के माध्यम से ही व्यक्ति को सही या गलत का भेद बताया जा सकता है। जब तक व्यक्ति नकारात्मक या अवैध कार्यों में शामिल रहेगा तब तक समाज की समुचित व्यवस्था कायम नहीं हो सकती है। इसलिए व्यक्तियों की अनुचित गतिविधियों पर रोक लगाना आवश्यक है।
  • एकता व सहयोग को बनाए रखने के लिए :
    समाज में विभिन्न जातियों, प्रांतों व भिन्न-भिन्न मतों को मानने वाले व्यक्ति निवास करते हैं। ऐसे में किसी समाज के लिए यह जरूरी है कि विभिन्न वर्गों में सहयोग की भावना का प्रसार किया जाए व उन्हें संगठित रखा जाए। इसी से समाज में शांति व्यवस्था, सहयोग व एकता को कायम किया जा सकता है।
  • समाज व राष्ट्र की प्रगति के लिए :
    किसी भी समाज की प्रगति या विकास वहाँ के व्यक्तियों के मध्य पाए जाने वाले संबंधों पर निर्भर करता है। यदि लोगों के मध्य मधुर संबंध बने रहते हैं तो समाज व देश का विकास होता है। यदि मतभेद होते हैं तो समाज में विकास नहीं हो पाता। इसलिए नियंत्रण के माध्यम से ही समाज व राष्ट्र को प्रगति के मार्ग पर ले जाया जा सकता है।

प्रश्न 4.
धर्म की उपयोगिता पर प्रकाश डालिए?
उत्तर:
धर्म की उपयोगिता या महत्त्व :

  • धर्म उचित व अनुचित कार्यों का बोध कराता है :
    समाज में व्यक्ति धर्म के आधार पर अपनी क्रियाओं का संचालन करता है। इससे उसे अपने किये गए कार्यों के विषय में ज्ञान होता है कि वह कार्य सही है या गलत। इस प्रकार से धर्म व्यक्ति को उचित व अनुचित का बोध कराता है।
  • नैतिकता को बनाए रखने में सहायक :
    यह धर्म का एक मुख्य उपकरण है जो धर्म को समाज में आधार प्रदान करता है। ये समाज में व्यवस्था बनाए रखने का कार्य करता है। नैतिकता के माध्यम से ही व्यक्ति को सामाजिक नियमों के बारे में जानकारी मिलती है तथा उसी के आधार पर वह समाज में अपना व्यवहार व आचरण करता है। नैतिकता समाज में स्वीकृत आदर्शों को निश्चित कर व्यक्ति के व्यवहार को निर्देशित व नियमित करती है।
  • सामाजिक गुणों के विकास में सहायक :
    धर्म व्यक्ति के अंदर अनेक सामाजिक गुणों का समावेश करता है; जैसे-त्याग, सहयोग, ईमानदारी, सत्यता का पालन करना व गलत कार्यों को न करना आदि। इन गुणों के आधार पर ही समाज में एक व्यक्ति के उत्तम चरित्र का निर्माण होता है। इससे राष्ट्र का विकास होता है।
  • संस्कृति के निर्माण में सहायक :
    धर्म संस्कृति के निर्माण की एक महत्त्वपूर्ण इकाई है जिसकी उत्पत्ति का स्रोत व आधार मानव मस्तिष्क और समाज है। धर्म का अस्तित्व भी समाज में इसलिये है क्योंकि धर्म का हर तत्त्व समाज की किसी-न-किसी आवश्यकता की पूर्ति अवश्य करता है।
  • व्यक्ति में सुरक्षा की भावना पैदा करता है:
    धर्म व्यक्ति को बुरे कार्यों से दूर रहने की प्रेरणा देता है। व्यक्ति को संकट या दुख के समय साहस प्रदान करता है। इस प्रकार से धर्म व्यक्तियों को भावनात्मक रूप से सुरक्षित रखता है।

RBSE Solutions for Class 11 Sociology Chapter 7 सामाजिक परिवर्तन एवं सामाजिक नियंत्रण

प्रश्न 5.
“समाजीकरण व्यक्ति के जीवन का आधार है।” इस कथन की विवेचना कीजिए।
अथवा
“समाजीकरण व सामाजिक नियंत्रण में घनिष्ठ संबंध है।” संक्षेप में व्याख्या कीजिए।
उत्तर :
समाजीकरण एक मनोवैज्ञानिक सामाजिक प्रक्रिया है जो समाज में व्यक्ति को रहने की कला सिखाती है। समाजीकरण की प्रक्रिया को हम निम्न बिंदुओं के आधार पर समझ सकते हैं :

  • सीखने की प्रक्रिया :
    समाजीकरण वह सामाजिक प्रक्रिया है जो एक व्यक्ति को सक्रिय बनाती है। कोई व्यक्ति सजग व सक्रिय तभी बनता है जब वह किसी कार्य को करना सीखता है। व्यक्ति अपने जन्म से लेकर मृत्युपर्यन्त कुछ न कुछ सीखता ही रहता है। सीखने की यही प्रवृत्ति उसे समाज में एक योग्य व्यक्ति बनाती है। इसलिए सीखना समाजीकरण की प्रथम मुख्य अवस्था है जहाँ से व्यक्ति अपने कार्यों की शुरुआत करता है।
  • ‘स्व’ का विकास :
    समाजीकरण की प्रक्रिया व्यक्ति में ‘स्व’ का विकास करती है, जिससे व्यक्ति चेतन रूप में समाज में अपने कार्यों का निर्वहन करता है। बिना ‘स्व’ के विकास के व्यक्ति व समाज का विकास असंभव है। ‘स्व’ एक प्रकार से व्यक्ति को उसके जीवन में कार्यों को एक निश्चित दिशा प्रदान करता है।
  • संस्कृति को हस्तान्तरित करता है :
    समाजीकरण संस्कृति का वाहक है जिसके कारण संस्कृति समाज में पीढ़ी दर पीढ़ी हस्तांतरित होती रहती है। संस्कृति से ही एक व्यक्ति, एक समूह, एक समुदाय व एक समाज की पहचान निश्चित होती है। संस्कृति के आधार पर ही एक व्यक्ति की भूमिका का निर्धारण होता है।
  • समाज का प्रकार्यात्मक सदस्य बनाता है :
    समाजीकरण व्यक्ति को समाज का प्रकार्यात्मक सदस्य बनाने में सहायता करता है अर्थात् व्यक्ति को समाज के अनुरूप, नियमों का पालन करते हुए स्वीकृत व अपेक्षित कार्यों को करने का निर्देश देता है, जिससे समाज की व्यवस्था बनी रहती है।
  • व्यक्ति समाज में नियंत्रण का कार्य करता है :
    समाजीकरण की प्रक्रिया समाज में नियंत्रण स्थापित करने का कार्य करती है, जिससे समाज में शांति व्यवस्था स्थापित होती है। समाजीकरण के द्वारा व्यक्ति समाज के नियमों व मूल्यों को आत्मसात करता है व उसी के आधार पर अपने कार्यों को पूर्ण भी करता है।

इस प्रकार यह स्पष्ट है कि समाजीकरण व सामाजिक नियंत्रण में घनिष्ठ संबंध है, जिसके माध्यम से ही समाज का अस्तित्व बना रहता है।

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