• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 भक्ति-माधुरी

March 23, 2019 by Fazal Leave a Comment

RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 भक्ति-माधुरी are part of RBSE Solutions for Class 6 Hindi. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 7 भक्ति-माधुरी.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 6
Subject Hindi
Chapter Chapter 7
Chapter Name भक्ति-माधुरी
Number of Questions Solved 43
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 7 भक्ति-माधुरी

पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर

पाठ से
उच्चारण के लिए
पैजनि, भामिनी, न्योछावर, कलधौंत, मल्हावै
नोट-छात्र-छात्राएँ स्वयं उच्चारण करें।

सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
माँ यशोदा कृष्ण को पालने में क्यों झुला रही है?
उत्तर:
माँ यशोदा कृष्ण को सुलाने के लिए पालने में झूला रही है।

प्रश्न 2.
जब बालक कृष्ण पालने में अकुलाते हुए जाग जाते हैं तो मैया क्या यल करती है?
उत्तर:
जब बालक कृष्ण पालने में अकुलाते हुए जाग जाते हैं तो मैया यशोदा उन्हें मधुर गाना सुनाती है।

प्रश्न 3.
रसखान ने किसके भाग्य की सराहना की
उत्तर:
रसखान ने कौए के भाग्य की सराहना की है।

प्रश्न 4.
रसखान किसे क्षेत्र में निवास की इच्छा प्रकट करते हैं?
उत्तर:
रसखान ब्रजक्षेत्र में निवास की इच्छा प्रकट करते हैं।

लिखें।
बहुविकल्पीय प्रश्
प्रश्न 1.
जो सुख’सूर’ अमर-मुनि दुर्लभ सो नंद भामिनी पावे। रेखांकित पद आया है
(क) देवकी के लिए
(ख) यशोदा के लिए
(ग) राधा के लिए
(घ) ललिता के लिए

प्रश्न 2.
सूरदास के पदों की भाषा है
(क) मारवाड़ी
(ख) ढूँढ़ाड़ी
(ग) ब्रज
(घ) अवधी

उत्तर:
1. (ख)
2. (ग)

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
रसखान के सवैया “धूरि भरे अति शोभित श्यामजू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी।” में कृष्ण के किस रूप का वर्णन किया गया है?
उत्तर:
रसखान के सवैया “धूरि भरे अति शोभित श्यामजु, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी।” में कृष्ण के बाल रूप का वर्णन किया गया है।

प्रश्न 2.
किसकी लकुटी व कामरिया पर कवि तीनों लोकों को राज्य न्यौछावर करना चाहता है?
उत्तर:
श्रीकृष्ण की लकुटी व कामरिया पर कवि तीनों लोकों का राज्य न्यौछावर करना चाहता है।

प्रश्न 3.
“तू काहे न बेगि-सी आवै, तोको कान्ह बुलावै!” यहाँ कान्ह द्वारा किसे बुलाने के लिए कहा गया है?
उत्तर:
“तू काहे न बेगि सी आवै, तोको कान्ह बुलावै।” यहाँ कान्हा द्वारा नद को बुलाने के लिए कहा गया है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
माँ यशोदा मौन होकर इशारे कर-करके बात क्यों करती हैं ?
उत्तर:
माँ यशोदा मौन होकर इशारे कर-करके इसलिए बात करती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनका कान्हा सो गया है। और उसकी नींद न खराब हो। वह नहीं चाहतीं कि किसी भी कारण उनके लाल की आँखें खुल जाएँ।

प्रश्न 2.
श्रीकृष्ण कहाँ खेल रहे हैं?
उत्तर:
श्रीकृष्ण आँगन में खेलते फिर रहे हैं।

प्रश्न 3.
रसखान अपने नैनों से क्या देखना चाहते हैं?
उत्तर:
रसखान अपने नैनों से ब्रजभूमि के वनों, बागों तथा तालाबों को देखना चाहते हैं।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
श्रीकृष्ण के बाल रूप का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
श्रीकृष्ण अपने घर के आँगन में खेलते फिर रहे हैं, उनके सारे शरीर पर धूल-मिट्टी लगी हुई है, फिर भी वह बहुत सुंदर लग रहे हैं और जितने सुंदर वे लग रहे हैं उनके सिर पर बनी चोटी भी उतनी सुंदर लग रही है। वह पीली लंगोटी पहने हुए हैं और उनके पैरों की पायल बज रही है। श्रीकृष्ण हाथ में मक्खन-रोटी लिये घूम रहे हैं, जिसे कौआ उनके हाथ से छीनकर ले गया। श्रीकृष्ण का ये रूप मन को हरने वाला है। उनकी इस छवि के आगे चंद्रमा का रूप भी कुछ नहीं है।

प्रश्न 2.
माँ यशोदा कृष्ण को सुलाने के लिए क्या-क्या यल करती है?
उत्तर:
माँ यशोदा कृष्ण को सुलाने के लिए बहुत यत्न करती हैं। वह कृष्ण को पालने में झुलाती हैं। वह पालने को धीरे-धीरे झुलाते हुए कान्हा को प्यार से दुलारती भी जाती हैं। और यशोदा माँ उन्हें मल्हार (गाना) भी सुना रही हैं। वह नींद से भी प्रार्थना करती हैं कि तू जल्दी से आ जा, मेरा कान्हा बुला रहा है। जब कृष्ण आँखें बन्द कर लेते हैं, तो वह मौन होकर इशारों में इसलिए बात करती हैं, ताकि उनके लाल की नींद न टूट जाए और जैसे ही श्रीकृष्ण अकुलाते हैं, वह फिर से उन्हें मधुर गाना सुनाने लगती हैं।

प्रश्न 3.
कवि रसखान कृष्ण का सामीप्य प्राप्त करने के लिए क्या-क्या न्यौछावर करने को तैयार हैं?
उत्तर:
कवि रसखान का श्रीकृष्ण के प्रति प्रेमयुक्त समर्पण का भान है। रसखान कृष्ण-प्रेम के बदले संसार के समस्त सुखों, सभी प्रकार की संपत्तियों और अमूल्य सिधियों को छोड़ देने की बात कहते हैं। कृष्ण के अनाविल प्रेम में डूबे रसखान कृष्ण की लकुटी (लाठी) और कंबल पर तीनों लोकों का राज्य भी न्यौछावर करने को तैयार हैं। वे कहते हैं। अगर नंद की गायें चराने के साथ कृष्ण के सामीप्य का अवसर प्राप्त हो जाए, तो संसार की आठों सिधियों और नौ निधियों को भी मैं भूल जाऊँ।

भाषा की बात
1. हिंदी भाषा में स्रोत की दृष्टि से पाँच प्रकार के शब्द होते

  1. तत्सम-संस्कृत भाषा के वे शब्द जो हिंदी में ज्यों के त्यों प्रचलित हैं, उन्हें तत्सम शब्द कहते हैं; जैसे-अग्नि, दुग्ध।
  2. तद्भव-वे शब्द जो संस्कृत के शब्दों से विकसित होकर हिंदी में आए हैं; जैसे-आग, दूध।
  3. देशज-वे शब्द जो स्थानीय भाषाओं या बोलियों से हिंदी में आए हैं; जैसे-खिड़की, सूप।।
  4. विदेशज-वे शब्द जो विदेशी भाषाओं से हिंदी में आए हैं; जैसे-डॉक्टर, स्कूल।
  5. संकर-वे शब्द जो दो प्रकार के शब्दों से मिलकर बने हैं; जैसे-टिकिटघर, रेलगाड़ी।
    आप भी प्रत्येक प्रकार के दो-दो शब्दों के उदाहरण लिखिए।

उत्तर:

  1. तत्सम शब्द-आम्र, मुख।
  2. तद्भ वे-आम, मुँह।।
  3. देशज-पगड़ी, रोटी।
  4. विदेशज-टेलीफोन, डॉक्टर।
  5. संकर-लाठीचार्ज, वर्षगाँठ।

पाठ से आगे
प्रश्न 1.
यदि आपको श्रीकृष्ण का साथ मिले तो आपको कैसा अनुभव होगा? सोचकर लिखिए।
उत्तर:
यदि हमें श्रीकृष्ण का साथ मिले तो हमें ऐसा अनुभव प्राप्त होगा कि हम शब्दों में बयान नहीं कर सकते। श्रीकृष्ण हमारे लिए आदर्श स्वरूप हैं। बचपन की उनकी नटखट शरारतें हमें गुदगुदाती हैं और हमें लगता है कि हम भी उनके साथ इसी तरह की शरारतें करें और माखन चुरा-चुरा के खायें। अगर हम | कृष्ण के साथ होते तो हम भी उनके साथ गाएँ चराने जाते और आनंद की प्राप्ति करते । श्रीकृष्ण का हमारे साथ होना ही दुनिया का सबसे बड़ा सुख प्राप्त होना है। श्रीकृष्ण का बालस्वरूप तो बहुत ही मनोहारी है और उसके लिए तो हम अपना सब कुछ न्यौछावर कर सकते हैं।

प्रश्न 2.
माँ अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए क्या-क्या प्रयास करती है? लिखिए।
उत्तर:
माँ अपने छोटे बच्चे को बड़े यत्न से सुलाने का प्रयास करती है। माँ अपने हाथों के झूले से अपने बच्चे को झुला झुलाती हैं और उसे मीठी-मीठी लोरी भी सुनाती हैं। माँ कभी बच्चे को हाथों से सहलाती हैं और कभी उसे कंधे से लगाकर थपकी देकर सुलाती है। माँ अपने बच्चे के सिर पर प्यार से हाथ फेरती है और उसके माथे को चूमकर धीरे-धीरे उसके बालों को सहलाकर सुलाती हैं।

यह भी करें
प्रश्न 1.
सूरदास व रसखान हिंदी साहित्य में कृष्णभक्ति काव्य धारा के कवि हैं। हिंदी में इस धारा से संबंधित अन्य रचनाकारों के बारे में अपने शिक्षक/शिक्षिका तथा पुस्तकालय की मदद से जानकारी हासिल कीजिए तथा इनकी अन्य रचनाओं का संकलन कीजिए।
उत्तर:
मीराबाई मेरे तो गिरधर गोपाल दूसरो न कोई,
जाके सिर मोर मुकुट मेरो पति सोई,
तात मात भ्रात बन्धु आपनो न कोई,
कोड़ि देई कुल की कान कहा करैह कोई,
संतन ढिंग बैठि-बैठि लोक लाज खोई,
चुनरी के किए टुक ओढ़ लीन्ही लोई,
मोती-मुँगे उतार वन माला पोई,
अँसुवन जल र्सीचे प्रेम बेल बोई,
अप को वेलि फैल आनंद फल होई,
दूध की मथनिया बड़े प्रेम से विलोई,
माखन जब काढ़ि लियो अछ पिये कोई,
भगति देखि राजी हुई जगत देखि रोई,
दासी मीरा लाल गिरधर तारो अब मोही॥

प्रश्न 2.
तुलसीदास द्वारा लिखित राम के बालरूप का कोई एक पद याद करके अपनी बाल सभा में सुनाइए।
उत्तर:
तुलसीदास
ठुमक चलत रामचन्द्र बाजत पैजनियाँ,
किलकि-किलकि उठत धाय, गिरत भूमि लपटाय,
धाय मात गोद लेत दशरथ की रनियाँ।
अँचल रज अंग झारि विविध भाँति सो दुलारि,
तन-मन-धन वारि वारि कहत मृदु वचनियाँ।
विद्म से अरुण अधर बोलते मुख मधुर-मधुर,
सुभग नासि काम चारु लटकत लटकनियाँ।
तुलसीदास असि आनंद देखि मुखारबिंद,
रघुवर छवि के समान रघुवर छवि बनियाँ।

यह भी जानें
1. आठ सिधियाँ
अणिमा, गरिमा, महिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्राकाम्य, ईशत्व व वशित्व।
2. नौ निधियाँ
इन्हें कुबेर के नौ रत्न भी कहते हैं
पद्म, महापद्म, शंख, मकर, कच्छप, मुकुंद, कुंद, नील, खुर्व।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

बहुविकल्पीय
प्रश्न 1.
यशोदा हरि को झुला रही हैं
(क) पालने में
(ख) हाथों में
(ग) घुटनों पर
(घ) कंधे पर

प्रश्न 2.
रसखान लाठी के साथ और किस चीज पर तीनों लोक न्यौछावर करना चाहते हैं?
(क) कंबल
(ख) चादर
(ग) धोती
(घ) लंगोटी

प्रश्न 3.
रसखान नंद की क्या चराना चाहते हैं
(क) भेड़ें
(ख) बकरियाँ
(ग) गाय
(घ) भैंस।

प्रश्न 4.
धूरि भरे अति सोभित स्यामजू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी। रेखांकित पद आया है
(क) रसखान के लिए
(ख) श्रीकृष्ण के लिए
(ग) गोपियों के लिए
(घ) ग्वालों के लिए।
उत्तर:
1. (क)
2. (क)
3. (ग)
4. (ख)

रिक्त स्थान पूर्ति…..
(न्यौछावर, मल्हावै, ब्रज, होंठ, आँगन)

  1. हलरावै, दुलरावै, ……….. जोइ सोइ कछु गावै।
  2. रसखानि जवै इन नैनन ते, ……….. के बन बाग तड़ाग निहारौं।
  3. श्रीकृष्ण घर के ………. में खेलते फिर रहे हैं।

उत्तर:

  1. मल्हावै
  2. ब्रज
  3. आँगन

अति लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
श्रीकृष्ण को पालने में कौन झला रही हैं?
उत्तर:
श्रीकृष्ण को पालने में यशोदा मैया झुला रही हैं।

प्रश्न 2.
“मेरे लाल को आउ निंदरिया, काहे न आन सुलावै।”इस पंक्ति में लालकिसे संबोधित किया गया है?
उत्तर:
इस पंक्ति में लाल भगवान श्रीकृष्ण को संबोधित किया गया है।

प्रश्न 3.
रसखान करील की कुंजन (काँटेदार झाड़ियों) पर क्या न्यौछावर करने को कहते हैं?
उत्तर:
रसखान करील की कुंजन (काँटेदार झाड़ियों) पर सोने के महल न्यौछावर करने को कहते हैं।

प्रश्न 4.
रसखान कृष्ण के बाल रूप पर क्या न्यौछावर करना चाहते हैं?
उत्तर:
रसखान कृष्ण के बाल रूप पर करोड़ों चंद्रमा न्यौछावर करना चाहते हैं।

प्रश्न 5.
“काग के भाग बड़े सजनी, हरि ह्मथ सों लै गयौ माखन-रोटी” में सजनी कौन है?
उत्तर:
इस पंक्ति में सजनी, गोपियों को संबोधित किया गया है।

लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
नंद की भामिनी को ऐसा क्या सुख प्राप्त है, जो देवी-देवताओं के लिए भी दुर्लभ है?
उत्तर:
नंद की भामिनी यानि माँ यशोदा को हरि भगवान जो कि श्रीकृष्ण के रूप में, यशोदा के बेटे के रूप में जन्मे हैं, उन्हें झुलाने, हिलाने, प्यार करने और उनके लिए लोरी गाने का अवसर मिला है। यह अवसर ऋषि-मुनियों और देवी-देवताओं के लिए भी दुर्लभ है।

प्रश्न 2.
“मेरे लाल को आउ निंदरिया, काहे न आन सुलावै।” इस पंक्ति में माँ यशोदा क्या कह रही हैं?
उत्तर:
इस पंक्ति में माँ यशोदा नींद को उलाहना दे रही हैं क्योंकि वह अपने लाल कृष्ण को झुला झुलाकर सुला रही हैं। लेकिन जब वह सोते नहीं हैं तब वह कहती हैं कि मेरे लाल को नींद आ रही है, तू क्यों नहीं उनकी आँखों में बस जाती है।

प्रश्न 3.
रसखान का ब्रज के वन, बाग और तालाब को निहारने के पीछे क्या कारण है?
उत्तर:
कृष्ण की बाल और कैशोर्य काल की लीलाएँ कवि को अत्यंत प्रिय हैं। ब्रज की धरती, वहाँ के वन-उपवन और सरोवर कृष्ण के लीला स्थल हैं। यही कारण है कि रसखान अपने आराध्य कृष्ण का सामीप्य प्राप्त करने के लिए ब्रज के वन, बाग और तालाब को निहारना चाहता है।

प्रश्न 4.
क्या सचमुच वह कौआ भाग्यशाली था जो कृष्ण के हाथ से माखन-रोटी ले गया?
उत्तर:
हाँ, सचमुच वह कौआ बहुत भाग्यशाली था क्योंकि वह श्रीकृष्ण के हाथ से माखन-रोटी ले गया। भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन करने के लिए तो संपूर्ण ब्रज और देवी-देवता तक तरसते हैं। उन्हीं कृष्ण के हाथ से उनकी झूठी रोटी ले जाना कम भाग्य की बात नहीं है।

दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न.
माँ यशोदा का अपने पुत्र के प्रति कैसा प्रेम था?
उत्तर:
माँ यशोदा को अपने पुत्र कृष्ण के प्रति अत्यधिक प्रेम था। वह अपने कान्हा के लिए सब-कुछ करने को तैयार रहती थी। माँ यशोदा के वात्सल्य के बारे में अनेक कवियों ने अपनी रचनाओं में बताया है लेकिन जैसा सूरदास ने कृष्ण और उनकी लीलाओं तथा यशोदा के वात्सल्य के बारे में बताया है, उससे लगता है कि यशोदा अपने पुत्र से बहुत अधिक स्नेह रखती थीं। वह उन्हें दुलारती थीं और उनके आँखों से ओझल हो जाने पर बेचैन हो जाती थीं। जब कृष्ण कोई गलती करते थे, तो वह उन्हें सजा भी देती थीं। कृष्ण यशोदा की आँखों के तारे थे। आज भी संसार में माँ यशोदा और कृष्ण के प्यार की मिसाल दी जाती है।

पद्यांशों की सप्रसंग व्याख्या

(1)
जसोदा हरि पालने झुलावै।
हुलावै, दुलरावै, मल्हावै, जोइ सोइ कछु गावै॥
मेरे लाल को आउ निंदरिया, काहे न आन सुलावै।
तू काहे न बेगि सी आवै, तोको कान्ह बुलावै॥
कबहूँ पलक हरि मूंद लेत हैं कबहूँ अधर फरकावै।
सोवत जानि मौन ह्वै रहि-रहि, करि-करि सैन बतावै॥
इति अंतर अकुलाइ उठे हरि, जसुमति मधुरै गावै।
जो सुख “सूर” अमर-मुनि दुर्लभ, सो नंद भामिनी पावै॥

कठिन शब्दार्थ
जसोदा = माँ यशोदा। हरि = भगवान श्रीकृष्ण। झुलावै = झुला रही हैं। हुलरावै = हिला रही हैं। दुलरावै = दुलारती हैं। मल्ह्मवै = लौरी (मल्हार) गा रही हैं। निंदरिया = नींद। लाल = बेटा। आन= आकर। सुलावै = सुलाना। बेगि = जल्दी। आवै = आना। तोको = तुझे। बुलावे = बुलाना। कबहुँ = कभी। पलक = आँख मूंद = बंद। अधर = होंठ। फरकावे = फड़काना। सोवत = सोता हुआ। जानि = जानकर। मौन = चुप होना। हुवै = होना। सैन= हिं। संकेत = इशारा। अंतर = हृदय, मन। अकुलाइ – व्याकुल। दुर्लभ = जिसे पाना कठिन हो। भामिनी = पत्नी। कान्हू = कृष्ण। मधुरै = मीठा।
प्रसंग—प्रस्तुत पद्यांश हमारी पाठ्य पुस्तक के भक्ति-माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इसके रचयिता सूरदास जी हैं। इन पंक्तियों में सूरदास जी बता रहे हैं कि किस प्रकार यशोदा माँ अपने वात्सल्य को श्रीकृष्ण पर उड़ेल रही हैं।
व्याख्या/भावार्थ—सूरदास जी कहते हैं कि माँ यशोदा श्रीकृष्ण को पालने में झुला रही हैं। वह उन्हें हिला रही हैं, मल्हार गा रही हैं और जो कुछ उनके मन में आ रहा है वह गा रही हैं। यशोदा कहती हैं मेरे बच्चे को नँद आ रही है, तू क्यों नहीं आकर उसे सुलाती है। नींद तू जल्दी से क्यों नहीं आती है, तुझे मेरा कान्हा बुला रहा है। कभी तो भगवान श्रीकृष्ण आँखें बंद कर लेते हैं और कभी अपने होंठ फड़काते हैं। जब माँ यशोदा यह सोचकर मौन हो जाती हैं कि मेरा लाल सो गया है, तभी कान्हा अपने सैन चलाकर उन्हें यह बताते हैं। कि मैं सोया नहीं हैं। श्रीकृष्ण का मन माँ यशोदा के मीठे गाने सुनने के लिए अकुला रहा है। अंत में सूरदास जी कहते हैं कि जो सुख देवी-देवताओं और ऋषि-मुनियों को भी दुर्लभ है, वह सुख नंदबाबा की पत्नी यशोदा को मिल रहा है।

(2)
यह लकुटी अरु कामरिया पर,राज तिहूँ पुर को तजि डारौ। आठहुँ सिद्धि नवौ निधि के सुख, नंद की गाय चराय बिसारौं। रसखानि जर्वे इन नैनन ते, ब्रज के बन-बाग तड़ाग निहारौं।
कोटिक ये कलर्धांत के धाम, करील की कुंजन ऊपर वारौं।

कठिन शब्दार्थ
लकुटी = लाठी। कामरिया = कंबल। को तजि = न्यौछावर करके। आठहूँ = आठों। सिद्धि = सिधियाँ। तिहूँ पुर = तीनों लोक। नवौ = नौ। निधि = धन, संपदा। बिसारी = भूलना। बन = जंगल। तड़ाग = तालाब। निहारौं = देखना। कोटिक = करोड़ों। कलधौंत = स्वर्ण, सोना। धाम = महल। करील = काँटेदार झाड़ी। कुंजन = वन, उपवन, बगीचा। वारौं = न्यौछावर।
प्रसंग—प्रस्तुत सवैया हमारी पाठ्य पुस्तक में रसखान द्वारा रचित ‘ भक्ति-माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इस सवैये में रसखान को श्रीकृष्ण के प्रति प्रेमयुक्त समर्पण का भाव प्रकट हुआ है।
व्याख्या/भावार्थ—रसखान कहते हैं कि कृष्ण की उस लकुटी (लाठी) और कंबल पर मैं तीनों लोकों का राज्य भी न्यौछावर कर दें। आठों सिधियों और नौ निधियों के सुख भी नंद की गायें चराने का अवसर प्राप्त हो जाए, तो भूल जाऊँ। रसखान कहते हैं कि यदि कभी अपने इन नेत्रों से मैं ब्रजभूमि के वन-बाग और सरोवरों का दर्शन पा लें तो उन करील के कुजों की शोभा पर स्वर्ण-निर्मित करोड़ों भवनों को न्यौछावर कर दें।

(3)
धूरि भरे अति सोभित स्यामजू, तैसी बनी सिर सुंदर चोटी।
खेलत खात फिरै अंगना, पग पैंजनि बाजति पीरी कछेटी।
वा छबि को रसखानि बिलौकत, वारत कामकलानिधि कोटी।
काग के भाग बड़े सजनी, हरि-हाथ सों लै गयौ माखन-रोटी॥

कठिन-शब्दार्थ
धूरि = धूल। सोभित = शोभा पा रहे हैं, सुंदर लगना। स्यामजू = श्रीकृष्ण। पग = पैर। पैंजनि = पायल। बाजति = बजना। पीरी = पीली। कछोटी = लंगोटी। छबि = रूप। विलोकत = देखकर। वारत = न्यौछावर। काम = कामदेव। कलानिधि = चंद्रमा। काग = कौआ। भाग = भाग्य। सजनी = सहेली, गोपियाँ।
प्रसंग—प्रस्तुत सवैया हमारी पाठ्य पुस्तक में संकलित रसखान द्वारा रचित ‘भक्ति-माधुरी’ नामक पाठ से लिया गया है। इन पंक्तियों में रसखान श्रीकृष्ण की सलोनी छवि को प्रस्तुत कर रहे हैं।
व्याख्या/भावार्थ—रसखान जी कहते हैं कि कृष्ण धूल से भरे हुए भी बहुत सुंदर लग रहे हैं और ऐसी ही उनके सिर पर बनी हुई चोटी भी बड़ी सुंदर लग रही है। कृष्ण आँगन में खेलते और खाते हुए घूम रहे हैं और उनके पैरों की पायल बज रही है। वे पीली लंगोटी पहने हुए हैं। रसखान कहते हैं कि उनकी इस छवि को देखकर करोड़ों चंद्रमा और कामदेव भी उन पर न्यौछावर हैं। अंत में कवि कहते हैं कि गोपियाँ आपस में कह रही हैं उस कौए का भाग्य बहुत अच्छा है, जो भगवान श्रीकृष्ण के हाथ से मक्खन और रोटी छीनकर ले गया है।

We hope the RBSE Solutions for Class 6 Hindi Chapter 7 भक्ति-माधुरी will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 6 Hindi Chapter 7 भक्ति-माधुरी, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Class 6

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Rajasthan Board Questions and Answers

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 11 Physical Geography Chapter 9 Denudation
  • RBSE Solutions for Class 9 Social Science Chapter 12 Physical Features of India
  • RBSE Solutions for Class 5 Maths Chapter 5 Multiples and Factors Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Resource and Development
  • RBSE Solutions for Class 6 Science Chapter 5 Let Us Know the Substance
  • RBSE Solutions for Class 7 Science Chapter 7 Organic Evolution
  • RBSE Class 10 Science Notes Chapter 11 Work, Energy and Power
  • RBSE Solutions for Class 11 Physics Chapter 4 Laws of Motion
  • RBSE Solutions for Class 11 Physics Chapter 13 Thermodynamics
  • RBSE Class 10 Maths Important Questions Chapter 3 Pair of Linear Equations in Two Variables
  • RBSE Solutions for Class 10 Maths Chapter 2 Real Numbers Ex 2.2

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
Target Batch
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2022 RBSE Solutions