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RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 3 अंतरिक्ष खोज

February 28, 2019 by Fazal Leave a Comment

RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 3 अंतरिक्ष खोज is part of RBSE Solutions for Class 6 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 3 अंतरिक्ष खोज.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 6
Subject Social Science
Chapter Chapter 3
Chapter Name अंतरिक्ष खोज
Number of Questions 40
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 3 अंतरिक्ष खोज

पाठठात गतिविधि-आधारित प्रश्न

क्या आप जानते हैं ?
(पृष्ठ सं. 19)

प्रश्न 1.
पलायन वेग क्या है ?
उत्तर:
पलायन वेग को एस्केप स्पीड कहते हैं। यह वह गति है (11.2 किलोमीटर प्रति सेकंड) जिसके द्वारा कोई वस्तु पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकल जाती है।

प्रश्न 2.
पलायन वेग किस प्रकार सम्भव होता है ?
उत्तर:
पलायन वेग मानव द्वारा सम्भव नहीं है। अतएव इसके लिए शक्तिशाली रॉकेट यान का उपयोग किया जाता है। इन रॉकेटों की सहायता से अन्तरिक्ष यानों का प्रक्षेपण किया जाता है।

प्रश्न 3.
उपग्रह का प्रक्षेपण वेग क्या है ?
उत्तर:
मानव निर्मित उपग्रहों को पृथ्वी की कक्षा में स्थापित करने के लिए जिस वेग (गति) की आवश्यकता होती है, उसे उपग्रह का प्रक्षेपण वेग’ कहते हैं।

प्रश्न 4.
विभिन्न उपग्रहों की ऊँचाई कितनी मिलती है ?
उत्तर:
विभिन्न उपग्रहों की ऊंचाई लगभग 6400 किलोमीटर से 36000 किलोमीटर तक होती है।

आओ करके देखें
(पृष्ठ सं. 21)

प्रश्न 1.
स्पुतनिक तथा अपोलो अन्तरिक्ष मिशन के बारे में बताइये।
उत्तर:
स्पुतनिक अन्तरिक्ष मिशन- स्पुतनिक विश्व का प्रथम कृत्रिम उपग्रह था जिसको सन् 1957 में तत्कालीन सोवियत संघ ने राकेट द्वारा अन्तरिक्ष में पहुँचाया गया। सोवियत अन्तरिक्ष कार्यक्रम के अन्तर्गत पहले जीवित प्राणी को स्पुतनिक-2 में भेजा गया। यह जीवित प्राणी ‘लाईका’ नाम की कुतिया थी।
अपोलो अन्तरिक्ष मिशन- अपोलो अन्तरिक्ष मिशने सन् 1969 में शुरू किया गया एक अमेरिकी मिशन था। अपोलो 11 अन्तरिक्ष यान में तीन यात्रियों को सफलतापूर्वक अन्तरिक्ष में भेजा गया। इनमें से दो अन्तरिक्ष यात्रियों को चन्द्रमा पर भी उतारा गया। नील आर्मस्ट्राँग उनमें से एक थे जो चन्द्रमा की सतह पर कदम रखने वाले विश्व के पहले व्यक्ति बने

प्रश्न 2.
आपका सबसे पसंदीदा अन्तरिक्ष यात्री कौन है? उसके बारे में संक्षेप में बताइये।
उत्तर:
कल्पना चावला मेरी सबसे पसंदीदा अन्तरिक्ष यात्री र्थी। इनका जन्म हरियाणा राज्य के करनाल में 1961 ई. में हुआ था। कल्पना चावला एक साहसी अन्तरिक्ष यात्री और शोध वैज्ञानिक थी। वह भारत में जन्म लेने वाली पहली महिला थी जिसने सर्वप्रथम अंतरिक्ष की यात्रा की। कोलम्बिया अंतरिक्ष यान से वापस लौटते समय फरवरी 2003 में विमान दुर्घटना में उनकी मौत हो गयी।

आओ करके देखें
(पृष्ठ सं. 22)

प्रश्न 1.
कृत्रिम उपग्रहों से होने वाले लाभों की सूची बनाइए।
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रह मानव द्वारा निर्मित एक मशीनी पिंड है जिसे रॉकेट द्वारा पृथ्वी की कक्षा में पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण प्रभाव की सीमा के अन्दर स्थापित किया जाता है। यह पृथ्वी की परिक्रमा करता है। इसके द्वारा निम्न लाभ प्राप्त होतेहैं

  • टेलीफोन, टेलीविजन, रेडियो आदि की तरंगों का प्रसारण।
  • तूफान, बाढ़ आदि प्राकृतिक आपदाओं का पूर्वानुमान ।
  • सुदूर संवेदन एवं मानचित्रण में उपयोगी।
  • रक्षा सम्बन्धी विभिन्न गतिविधियों की जानकारी।
  • कृषि, वन एवं जल संसाधनों की विस्तृत जानकारी जिससे उनके संरक्षण की पूर्व व्यवस्था हो सके।

प्रश्न 2.
भारत ने अब तक कौन-कौन से कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े हैं ? इनमें से किन्हीं दो पर जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर:
भारत ने अब तक कई कृत्रिम उपग्रह अंतरिक्ष में छोड़े हैं। इनमें से प्रमुख हैं-भास्कर, आर्यभट्ट, एप्पल, इनसेट, रोहिणी, आई. आर. एस., एडुसेट, हिमसेट, कार्टोसेट, रिसोर्ससेट, ओशनसेट, जीसेट, चन्द्रयान, मंगलयान आदि ।
(i) चन्द्रयान- यह भारत द्वारा प्रक्षेपित उपग्रह है। इससे चन्द्रमा के बारे में जानकारी प्राप्त करने की योजना है। यह कृत्रिम उपग्रह अक्टूबर 2008 में प्रक्षेपित किया गया था।
(ii) मंगलयान- मंगलयान नामक अन्तरिक्ष यान नवम्बर 2013 को आन्ध्र प्रदेश के हरिकोटा में स्थित सतीश धवन अन्तरिक्ष केन्द्र से छोड़ा गया था। इससे मंगल ग्रह के बारे में जानकारी प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है। इस ग्रह ने 11 महीने की यात्रा करके सितम्बर 2014 में मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया। इतने कम समय में इस तरह की उपलब्धि विश्व स्तर पर भारत के लिए विशेष महत्वपूर्ण है।

प्रश्न 3.
भास्कराचार्य द्वितीय, टोलेमी या आर्यभट्ट की जीवनी पर जानकारी एकत्र कीजिए।
उत्तर:
इन तीनों विद्वानों की जीवनी निम्नानुसार है-
भास्कराचार्य द्वितीय- इनका जन्म 1114 ई० में हुआ था। इन्होंने 36 वर्ष की उम्र में सिद्धान्त शिरोमणी’ नामक पुस्तक लिखीं। इसके अलावा इन्होंने व्याकरण की आठ, चिकित्सा की छः, योग की छः, गणित की पाँच, भरत शास्त्र की दो पुस्तकें लिखीं। इनका मत था कि पृथ्वी गोलाकार है तथा गुरुत्वाकर्षण के कारण समस्त वस्तुओं को अपनी ओर खींचती है। इनकी 1185 ई० में मृत्यु हुई।
टॉलेमी- टॉलेमी एक यूनानी गणितज्ञ, भूगोलवेत्ता तथा ज्योतिष के विद्वान थे। इनका जन्म 100 ई० में हुआ तथा इनकी मृत्यु लगभग 170 ई में हुई।
आर्यभट्ट- इनका जन्म 550 ई. पू. में हुआ तथा इनकी मृत्यु 476 ई. पू. में हुई। ये एक महान गणितज्ञ व खगोलविद् थे। इन्होंने पाटलीपुत्र में शिक्षा ग्रहण की थी। इनकी मान्यता थी कि पृथ्वी गोल व अस्थिर है। इन्होंने सूर्योदय, सूर्यास्त तथा पृथ्वी की परिधि के बारे में भी महत्वपूर्ण जानकारी दी थी।

पाठ्यपुस्तक के अभ्यास प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सही विकल्प को चुनिए।
(i) भारत द्वारा पहला कृत्रिम उपग्रह प्रक्षेपित किया गया। था
(क) 1960 ई.
(ख) 1975 ई.
(ग) 1947 ई.
(घ) 1985 ई.

(ii) राजस्थान में प्राचीन जंतर-मंतर वेधशाला स्थित है
(क) उदयपुर
(ख) कोटा
(ग) जयपुर
(घ) जोधपुर
उत्तर:
(i) (ख)
(ii) (ग)

प्रश्न 2.
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(अ) आर्यभट्ट भारत के महान……..थे।
(ब) भारतीय अन्तरिक्ष कार्यक्रम को गति देने का श्रेय …………… को है।
(स) पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकलने के लिए …………… किमी प्रति सेकेण्ड की गति की आवश्यकता पड़ती है।
(द) भारत द्वारा अन्तरिक्ष में भेजे गये प्रथम कृत्रिम उपग्रह का नाम ………….. रखा गया था।
उत्तर:
(अ) खगोलविद्
(ब) विक्रम साराभाई
(स) 11:2
(द) आर्यभट्ट

प्रश्न 3.
भारत के प्रमुख खगोलशास्त्रियों के नाम बताइए।
उत्तर:
भारत के प्रमुख खगोलशास्त्रियों में आर्यभट्ट, वराहमिहिर और भास्कराचार्य द्वितीय के नाम उल्लेखनीय हैं।

प्रश्न 4.
प्राचीनकाल में विश्व में अन्तरिक्ष की खोज की शुरुआत कहाँ-कहाँ से हुई ?
उत्तर:
प्राचीनकाल में विश्व में अन्तरिक्ष की खोज की शुरुआत भारत के साथ ही मेसोपोटामिया, मिश्र, चीन और यूनान आदि देशों से हुई।

प्रश्न 5.
मिश्र में पिरामिडों का निर्माण कब और क्यों हुआ ?
उत्तर:
मिश्र के पिरामिडों का निर्माण लगभग ई. पू. 2500 वर्ष से भी पहले माना जाता है। इनके निर्माण का मुख्य लक्ष्य तारों की दिशा एवं गति की जानकारी प्राप्त करना था।

प्रश्न 6.
आर्यभट्ट के खगोलीय योगदान की चर्चा कीजिए।
उत्तर:
आर्यभट्ट भारत के प्रमुख खगोलविद् थे। इनके खगोलीय योगदान का उल्लेख निम्न प्रकार किया जा सकता है

  1. आर्यभट्ट की मान्यता थी कि पृथ्वी गोल है।
  2. इन्होंने बताया कि पृथ्वी स्थिर नहीं है बल्कि यह अपने अक्ष पर घूमती है।
  3. इन्होंने पृथ्वी की परिधि लगभग 24835 मील बताई जो आधुनिक भू-वैज्ञानिकों द्वारा बताई गयी पृथ्वी की परिधि (24901 मील) के लगभग बराबर है।
  4. इन्होंने चन्द्र ग्रहण का कारण चन्द्रमा पर पृथ्वी की छाया पड़ना बताया था जो सत्य है।

प्रश्न 7.
दूरबीन क्या है ? इसके लाभ बताइए।
उत्तर:
दूरबीन आधुनिक वेधशाला का प्रमुख यन्त्र है। दूरबीन एक ऐसा यन्त्र है जिसकी सहायता से दूर स्थित वस्तुएँ हमें पास में एवं बड़ी दिखाई पड़ती है। आकाशीय पिंडों को देखने में प्रयोग की जाने वाली दूरबीन का आविष्कार इटली के गैलीलियो ने 1610 ई. में किया था। वर्तमान में भारत, रूस, अमेरिका, चीन एवं फ्रांस आदि देशों ने बड़ी-बड़ी दूरबीनें बनाई हैं जिनसे वैज्ञानिक अन्तरिक्ष के बारे में नई जानकारियाँ एकत्र कर रहे हैं। भारत में ‘मास्ट’ नामक दूरबीन की सहायता से सूर्य का अध्ययन किया जा रहा है। वर्तमान में दूरबीनों को कम्प्यूटरों से जोड़कर खगोलीय पिण्डों का अध्ययन अधिक शुद्धता से किया जा रहा है।

प्रश्न 8.
यूनान के किस गणितज्ञ और भूगोलवेत्ता ने पृथ्वी की परिधि को पहली बार सही आकलन किया ?
उत्तर:
इराटोस्थनेस ने।

प्रश्न 9.
विश्व के प्रमुख अंतरिक्ष यात्रियों एवं उनके कार्यों का विवरण दीजिए।
उत्तर:
विश्व के प्रमुख अंतरिक्ष यात्रियों एवं उनके कार्यों का संक्षिप्त विवरण निम्न प्रकार है

  • सोवियत संघ ने अपने अन्तरिक्ष मिशन में 1961 ई. में पहला मानव अन्तरिक्ष में भेजा। यूरी गागरिन अन्तरिक्ष यान वोस्तोक-1 से अन्तरिक्ष की यात्रा करने वाले विश्व के पहले व्यक्ति बने।
  • अमेरिका ने 1969 ई. में अपोलो-11 अन्तरिक्ष यान में तीन यात्रियों को सफलतापूर्वक अन्तरिक्ष में भेजा। नील आर्मस्ट्राँग विश्व के पहले व्यक्ति बने जिन्होंने चन्द्रमा की सतह पर अपना कदम रखा।
  • भारत से 1984 ई. में राकेश शर्मा ने दो सोवियत अन्तरिक्ष यात्रियों के साथ अंतरिक्ष यात्रा की। इन्होंने सोयुज । 7 स्पेश स्टेशन में रहकर 8 दिन तक वैज्ञानिक परीक्षण किए।
  • कल्पना चावला भारत में जन्मी पहली महिला अन्तरिक्ष यात्री रही। यह एक शोध वैज्ञानिक थी।
  • भारतीय मूल की अमेरिकी नागरिक सुनीता विलियम्स ने सर्वाधिक समय अंतरिक्ष में बिताया।

अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर

वस्तुनिष्ठ प्रश्न

प्रश्न 1.
वैज्ञानिकों के अनुसार विश्व में सबसे पहले तारों की तालिका’ किस देश ने तैयार की थी ?
(क) भारत
(ख) सोवियत संघ
(ग) अमेरिका
(घ) चीन
उत्तर:
(घ) चीन

प्रश्न 2.
सिद्धान्त शिरोमणी’ नामक ग्रन्थ की रचना करने वाले विद्वान हैं
(क) आर्यभट्ट
(ख) वराहमिहिर
(ग) भास्कराचार्य द्वितीय
(घ) टॉलेमी।
उत्तर:
(ग) भास्कराचार्य द्वितीय

प्रश्न 3.
भारत में सवाई जयसिंह ने पहली वेधशाला बनवाई थी
(क) दिल्ली में
(ख) जयपुर में
(ग) बनारस में
(घ) उज्जैन में
उत्तर:
(क) दिल्ली में

प्रश्न 4.
विश्व का पहला उपग्रह प्रक्षेपित किया गया था
(क) 1949 ई.
(ख) 1957 ई.
(ग) 1961 ई.
(घ) 1967 ई.
उत्तर:
(ख) 1957 ई.

प्रश्न 5.
पहला जीवित प्राणी जो अंतरिक्ष में भेजा गया, वह थी
(क) चुहिया
(ख) बिल्ली
(ग) कुतिया
(घ) गौरैया
उत्तर:
(ग) कुतिया

निम्नलिखित को सुमेलित कीजिए
RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 3 अंतरिक्ष खोज 1
उत्तर:
(i) (द)
(ii) (र)
(iii) (ब)
(iv) (स)
(v) (स)
(vi) (अ)

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
(क) पिरामिडों के निर्माण का सम्बन्ध तारों की …………….. जानने के लिए किया गया है।
(ख) चीन में खगोलीय ज्ञान की शुरुआत ईसा पूर्व ………… सदी से आँकी गई है।
(ग) आर्यभट्ट ने चन्द्रग्रहण का कारण चन्द्रमा पर पृथ्वी की ……………. पड़ना बताया था।
(घ) यूनान में भी ईसा पूर्व …………… सदी से अन्तरिक्ष ज्ञान-विज्ञान का विकास होने लगा।
(ङ) आधुनिक वेधशाला का प्रमुख यन्त्र …………. है।
उत्तर:
(क) दिशा व गति
(ख) छठीं
(ग) छाया
(घ) चौथी
(ङ) दूरबीन।

अतिलघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
यूनान के प्रमुख दार्शनिकों के नाम बताइए। इनकी पृथ्वी व सूर्य के सम्बन्ध में प्राचीन मान्यता क्या थी ?
उत्तर:
यूनान के प्रमुख दार्शनिक प्लेटो, अरस्तु और टॉलेमी थे। इनकी मान्यता थी कि पृथ्वी केन्द्र में है और सूर्य उसके चारों ओर वृत्ताकार मार्ग में परिक्रमा करता है।

प्रश्न 2.
पृथ्वी के सम्बन्ध में भास्कराचार्य द्वितीय की क्या मान्यता थी ?
उत्तर:
भास्कराचार्य द्वितीय की मान्यता थी कि पृथ्वी गोलाकार है और अपने गुरुत्वाकर्षण के कारण सब चीजों को अपनी ओर खींचती है।

प्रश्न 3.
भारतीय खगोलशास्त्रियों का प्रमुख योगदान क्या था? संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
भारतीय खगोलशास्त्रियों ने पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण सिद्धान्त, पृथ्वी के घूर्णन तथा परिक्रमण आदि का प्रतिपादन न्यूटन से कई सदियों पूर्व कर दिया था।

प्रश्न 4.
देश की सबसे बड़ी दूरबीन कौन-सी है और कहाँ स्थापित है ?
उत्तर:
देश की सबसे बड़ी दूरबीन मास्ट (Multi Application Solar Telescope) है। यह उदयपुर (राजस्थान) शहर की फतहसागर झील के टापू पर स्थापित की गयी है।

प्रश्न 5.
भारत की प्रमुख वेधशालाएँ कहाँ-कहाँ थीं?
उत्तर:
भारत की प्रमुख वेधशालाओं में दिल्ली, जयपुर, बनारस, उज्जैन व मथुरा के साथ प्राचीन वेधशालाओं के रूप में पाटलिपुत्र व नालंदा क्षेत्र मुख्य रहे हैं।

प्रश्न 6.
कृत्रिम उपग्रह क्या है ? बताइए।
उत्तर:
कृत्रिम उपग्रह मानव निर्मित मशीनी पिंड हैं जिन्हें रॉकेट की सहायता से पृथ्वी की कक्षा में उसकी गुरुत्वाकर्षण प्रभाव की सीमा के अन्दर ही स्थापित किया जाता है।

प्रश्न 7.
भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) का गठन कब और किसने किया ?
उत्तर:
भारत के प्रसिद्ध वैज्ञानिक होमी जहाँगीर भाभा के नेतृत्व में सन् 1962 ई. में भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन’ (इसरो) का गठन किया।

प्रश्न 8.
भारत की प्रथम अन्तरिक्ष वेधशाला कहाँ से और कब प्रक्षेपित की गयी ?
उत्तर:
भारत की प्रथम अन्तरिक्ष वेधशाला का नाम ‘एस्ट्रोसैट’ है। यह अक्टूबर 2015 में इसरो द्वारा श्री हरिकोटा से प्रक्षेपित की गयी।

प्रश्न 9.
भारत से पहले अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित करने वाले राष्ट्र कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
भारत से पहले अंतरिक्ष वेधशाला स्थापित करने वाले राष्ट्रों में संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस, जापान और यूरोपीय देश शामिल हैं।

लघूत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अन्तरिक्ष के सम्बन्ध में प्रदत्त ज्ञान में यूनानी खगोलविदों के योगदान को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
पाश्चात्य देशों में अन्तरिक्ष विज्ञान का प्रारम्भ यूनान से ही माना जाता है। यहाँ ईसा पूर्व चौथी सदी से अन्तरिक्ष ज्ञान के विकास का प्रारम्भ माना जाता है। प्रमुख यूनानी दार्शनिकों में प्लेटो, अरस्तू तथा टॉलेमी का नाम महत्वपूर्ण है। उस समय ऐसी मान्यता थी कि पृथ्वी केन्द्र में है और सूर्य उसकी परिक्रमा करता है। इस धारणा को यूनानी विद्वान कॉपरनिकस ने गलत सिद्ध किया । पृथ्वी की सही परिधि का आकलन यूनानी भूगोलवेत्ता एवं गणितज्ञ इराटोस्थनेस ने ही किया था।

प्रश्न 2.
अन्तरिक्ष विज्ञान में सवाई जयसिंह के योगदान को संक्षेप में बताइए।
उत्तर:
प्राचीन काल में भारत में पाटलिपुत्र एवं नालन्दा में वेधशालाएँ स्थापित थीं। वेधशालाओं के निर्माण में सवाई जयसिंह की भूमिका महत्वपूर्ण थी। इन्होंने चीन, बेबीलोन और यूरोपीय ज्ञान के आधार पर वेधशाला का निर्माण दिल्ली के जन्तर-मन्तर से शुरू किया। उन्होंने 1724 में प्रथम वेधशाला का निर्माण दिल्ली में कराया। 1734 ई.में दूसरी वेधशाला जयपुर में बनवाई। इनके अलावा इन्होंने बनारस, उज्जैन और मथुरा में भी वेधशालाओं का निर्माण कराया। वेधशालाओं के अलावा इन्होंने तीन नये यन्त्रों-सम्राट यन्त्र, जय प्रकाश यन्त्र और रामयन्त्र का निर्माण कराया। ये यन्त्र आज भी समय बताने में सक्षम हैं।

प्रश्न 3.
भारत के मंगल अभियान का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
उत्तर:
भारत ने मंगल ग्रह के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए मंगलयान नामक अंतरिक्ष यान का नवंबर 2013 में प्रक्षेपण किया। इसे श्री हरिकोटा (आन्ध्रप्रदेश) के सतीश धवन अंतरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया। इस यान ने 11 माह की यात्रा कर सितम्बर 2014 में मंगल की कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश कर लिया। प्रथम प्रयास में ऐसा करने वाला भारत विश्व का एकमात्र देश है।

दीर्घ उत्तरीय प्रश्न

प्रश्न 1.
अन्तरिक्ष ज्ञान के सन्दर्भ में दूरबीनों के उपयोग पर प्रकाश डालिए।
उत्तर:
दूरबीन आधुनिक वेधशाला का प्रमुख यन्त्र है। इसकी सहायता से दूर स्थित वस्तुएँ पास व बड़ी दिखाई पड़ती हैं। अन्तरिक्ष की नवीन जानकारियों के सन्दर्भ में दूरबीनों के उपयोग को निम्न प्रकार स्पष्ट किया जा सकता है

  • प्रथम दूरबीन का आविष्कार हॉलैण्ड (नीदरलैण्ड) के हॅस लिप्पर ने किया था।
  • आकाशीय पिण्डों को देखने में सक्षम दूरबीन का आविष्कार इटली में गैलीलियो ने 1610 ई. में किया।
  • ‘मास्ट’ दूरबीन की सहायता से सूर्य का अध्ययन किया जा रहा है।
  • दक्षिण भारत में कावलूर (तमिलनाडु) नामक स्थान पर एक वेणु बापू दूरबीन स्थापित की गयी है।
  • अन्तरिक्ष के रहस्योद्घाटन के लिए वैज्ञानिकों ने अप्रैल 1990 में हब्बल अन्तरिक्ष दूरबीन को अन्तरिक्ष में स्थापित किया है।

वर्तमान समय में दूरबीनों को कम्प्यूटर से सम्बद्ध कर खगोलीय पिण्डों का अध्ययन अधिक शुद्धता से किया जा रहा है।

प्रश्न 2.
भारत में अन्तरिक्ष अनुसन्धान के विकास पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
उत्तर:
भारत में अन्तरिक्ष विज्ञान में प्रगति के लिए 1962 ई. में होमी जहांगीर भाभा के नेतृत्व में परमाणु ऊर्जा विभाग ने ‘भारतीय अन्तरिक्ष अनुसन्धान संगठन (इसरो) का गठन किया। भारत के अन्तरिक्ष कार्यक्रम में विक्रम साराभाई की भूमिका महत्वपूर्ण है। भारत के वैज्ञानिकों द्वारा कई कृत्रिम उपग्रह पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किये गये हैं। प्रथम कृत्रिम उपग्रह आर्यभट्ट सन् 1975 में पूर्व सोवियत संघ के बेकानूर अन्तरिक्ष केन्द्र से प्रक्षेपित किया गया था। तब से लेकर आज तक कई उपग्रह अन्तरिक्ष में भेजे जा चुके हैं।

इन उपग्रहों में भास्कर, एप्पल, इनसेट, रोहिणी, आई. आर. एस, एडुसेट, हिमसेट, कार्टोसेट, रिसोर्ससेट, ओशनसेट, जीसेट महत्वपूर्ण हैं। चन्द्रयान नामक उपग्रह चन्द्रमा का अध्ययन करने के लिए अक्टूबर 2008 में प्रक्षेपित किया गया। नवम्बर 2013 में ‘मंगलयान’ नामक उपग्रह को मंगल ग्रह के विषय में जानकारी के लिए प्रक्षेपित किया गया और यह उपग्रह सितम्बर 2014 में सफलतापूर्वक मंगल की कक्षा में प्रवेश कर गया है। भारत ने अक्टूबर 2015 में देश की पहली अन्तरिक्ष वेधशाला ‘एस्ट्रोसैट’ श्रीहरिकोटा से अन्तरिक्ष में प्रक्षेपित की है। इससे ब्रह्मांड के बारे में नई जानकारियाँ उपलब्ध होंगी।

We hope the RBSE Solutions for Class 6 Social Science Chapter 3 अंतरिक्ष खोज will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 6 Social Science Chapter 3 अंतरिक्ष खोज, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

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