Rajasthan Board RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 8 आदर्शपरिवारः
RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 8 पाठ्य-पुस्तक के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
निम्नलिखित शब्दानाम् उच्चारणं कुरुत- (निम्नलिखित शब्दों का उच्चारण कीजिये-) षत्रिंशद्वर्षीयः, द्वात्रिंशद्वर्षीया, स्वभावश्चातीव, ब्रह्मार्पणम्, ब्रह्माग्नौ, आमनिम्बादिवृक्षैः, सौहार्दपूर्णः, ऐक्यभावः।
उत्तर:
छात्राः स्वयमेव उच्चारणं कुर्वन्तु। (छात्र स्वयं उच्चारण करें ।)
प्रश्न 2.
निम्नलिखितप्रश्नान् एकपदेन उत्तरत-(निम्नलिखित प्रश्नों के एक पद में उत्तर दीजिये-)
(क) एकस्मिन् ग्रामे कः वसति ? (एक गाँव में कौन रहता है?)
(ख) विश्वनाथस्य पत्त्याः किं नाम अस्ति? (विश्वनाथ की पत्नी का क्या नाम है?)
(ग) विश्वनाथः किम् कार्यं करोति ? (विश्वनाथ कौन-सा । कार्य करते हैं ?)
(घ) विश्वनाथस्य गृहे एका श्वेतवर्णा का वर्तते ? (विश्वनाथ के घर में एक सफेद रंग की क्या है ?) ।
(ङ) कस्य परिवारः आदर्शः अस्ति ? (किसका परिवार अनुकरणीय है ?)
उत्तर:
(क) विश्वनाथः
(ख) गौरी
(ग) कृषिकार्य
(घ) धेनुः
(ङ) विश्वनाथस्य ।
प्रश्न 3.
निम्नलिखितप्रश्नान् एकवाक्येन उत्तरत(निम्नलिखित प्रश्नों के एक वाक्य में उत्तर दीजिए-)
(क) संयुक्तपरिवारः कस्य अस्ति? (संयुक्त परिवार किसका है?) |
उत्तर:
संयुक्तपरिवारः विश्वनाथस्य अस्ति। (संयुक्त परिवार विश्वनाथ का है।)
(ख) विश्वनाथस्य पुत्रस्य नाम किम् अस्ति ? (विश्वनाथ के पुत्र का नाम क्या है ?)
उत्तर:
विश्वनाथस्य पुत्रस्य नाम गणेशः अस्ति। (विश्वनाथ के पुत्र का नाम गणेश है।)
(ग) विश्वनाथस्य गृहाङ्गणे कः पादपः अस्ति ? (विश्वनाथ के घर के आँगन में कौन-सा पौधा है ?)
उत्तर:
विश्वनाथस्य गृहाङ्गणे वृन्दापादपः अस्ति। (विश्वनाथ | के घर के आँगन में तुलसी का पौधा है।)
(घ) विश्वनाथस्य गृहे का धेनुः अस्ति ? (विश्वनाथ के घर में कैसी गाय है ?)
उत्तर:
विश्वनाथस्य गृहे श्वेतवर्णा धेनुः अस्ति। (विश्वनाथ के घर में सफेद रंग की गाय है।)
(ङ) विश्वनाथ: काम् आद्रियते ? (विश्वनाथ किसको आदर | देता है ?)
उत्तर:
विश्वनाथ: स्वपत्नीम् आद्रियते । (विश्वनाथ अपनी पत्नी को आदर देता है।)
प्रश्न 4.
मञ्जूषातः पदानि चित्वा रिक्तस्थानानि पुरयत(मज्जूषा से पदों को चुनकर रिक्तस्थानों की पूर्ति कीजिये-)
(क) गणेशः ……………कक्षायां गीता, ……. च पठतः।
(ख) तस्याः ……. निर्मितं भोजनं कुर्वन्ति।
(ग) विश्वनाथः सर्वदा ………. कार्यं करोति।
(घ) अयम् ……………. आदर्शपरिवारः।
उत्तर:
(क) अष्टमी, चतुर्थकक्षायाम्
(ख) दुग्धेन
(ग) कृषि
(घ) एकः।
प्रश्न 5.
यथायोग्यं पदद्वयं संयोज्य स्वाभ्यासपुस्तिकाया लिखत-(यथायोग्य दो पदों को जोड़कर अपनी अभ्यास पुस्तिका में लिखिये-)
उत्तर:
क-आ
ख-अ
ग-ई
घ-उ
ङ-ई
प्रश्न 6.
रेखाङ्कितानि पदानि अधिकृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत-(रेखांकित पदों को आधार बनाकर प्रश्न निर्माण कीजिए-)
(क) विश्वनाथस्य धेनुः कृष्णा अस्ति।
उत्तर:
विश्वनाथस्य धेनुः कीदृशी अस्ति?
(ख) पुत्रस्य नाम गोविन्दः अस्ति।
उत्तर:
कस्य नाम गोविन्दः अस्ति?
(ग) विश्वनाथस्य संयुक्तः परिवारः अस्ति।
उत्तर:
कस्य संयुक्तः परिवारः अस्ति।
(घ) गौरी आदर्शभूता अस्ति ?
उत्तर:
का आदर्शभूता अस्ति?
प्रश्न 7.
निम्नलिखितशब्दानां षष्ठी विभक्तिं कृत्वा लिखत(निम्नलिखित शब्दों को षष्ठी विभक्ति में बनाकर लिखिये-)
प्रश्न 8.
निम्नलिखित शब्दानां षष्ठी विभक्तिं कृत्वा लिखत-(निम्नलिखित शब्दों के षष्ठी विभक्ति में (रूप) बनाकर लिखिये)
RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 8 अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर
RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 8 वस्तुनिष्ठ प्रश्न-
प्रश्न 1.
विश्वनाथस्य परिवारः आसीत् ………… ।
(क) एकलः
(ख) संयुक्तः
(ग) विभक्तिः
(घ) ईष्र्यालुः।
प्रश्न 2.
विश्वनाथ अपि अस्ति …………..।
(क) अधिकारी
(ख) कुशल कृषक:
(ग) व्यवसायी
(घ) अध्यापकः।
प्रश्न 3.
सः सर्वदा कृषिकर्माणि तत्परः पालयति ……….।
(क) स्वकर्तव्यं
(ख) संकल्पं
(ग) इच्छां
(घ) नैतिकता ।
उत्तर:
1. (ख)
2. (ख)
3. (क) ।
अधोलिखितानां शुद्धकथनां समक्षम्’आम’ अशुद्ध कथनां समक्ष ‘न’ इति लिखत-
1. विश्वनाथस्य गृहे एका श्वेतवर्णाः धेनुः अस्ति। (…………..)
2. सः विश्वनाथः स्वपत्नी न आद्रियते।। (……………….)
3. विश्वनाथ गृहाङ्गणे वृन्दापादपः विकसति। (……………)
उत्तर:
1. आम्
2. न
3. आम्।
RBSE Class 7 Sanskrit रञ्जिनी Chapter 8 लघु उत्तरीय प्रश्न
प्रश्न 1.
कस्य हृदयं अतीव उदारम् अस्ति?
उत्तर:
विश्वनाथस्य हृदयं अतीव उदारम् अस्ति ।
प्रश्न 2.
कराग्रे की वसति?
उत्तर:
कराग्रे लक्ष्मी वसति।
प्रश्न 3.
कर मूले कः वसति?
उत्तर:
करमूले गोविन्दः वसति।
पाठ-परिचय
प्रस्तुत पाठ में बताया गया है कि भारत देश में प्रचलित ‘आदर्श परिवार’ की परंपरा की महत्ता संसार भर में प्रसिद्ध है। अपने देश में संयुक्त परिवार की व्यवस्था प्राचीनकाल से चली आ रही है। भारतीय संस्कृति में पशु-पक्षियों, वनस्पतियों के प्रति आत्मीयता का भाव रखते हुए इनके संरक्षण करने को कहा गया है।
मूल अंश, शब्दार्थ, हिन्दी अनुवाद एवं प्रश्नोत्तर
(1) एकस्मिन् ग्रामे विश्वनाथः नामधेयः सज्जनः वसति। तस्य परिवार; संयुक्तपरिवारः अस्ति। तस्य पत्नी गौरी अस्ति। विश्वनाथः षत्रिंशद्वर्षीयः तस्य पत्नी, गौरीद्वात्रिंशद्वर्षीया चास्ति। विश्वनाथस्य हृदयम् अतीव उदारं गौर्याः स्वभावधातीव मृदुल: विद्यते। एतयोः एकः पुत्रः एका च पुत्री स्तः। पुत्रस्य नाम गणेशः पुत्र्याः नाम च गीता अस्ति। गणेश: द्वादशवर्षीयः गीता च अष्टवर्षीया स्तः। गणेशः अष्टमकक्षायां गीता चतुर्थकक्षायां च पठतः। परिवारे पितामहः पितामही, भ्राता, भ्रातृजाया, तस्य पुत्रः पुत्री च निवसन्ति।
शब्यार्था:-एकस्मिन् ग्रामे = एक गाँव में, वसति = रहता है, नामधेयः = नामक, तस्य= उसका, संयुक्तपरिवारः = सम्मिलित परिवार, अस्ति – है, षत्रिंशद्ववर्षीयः = छत्तीसवर्षीय, द्वात्रिंशद्ववर्षीया = बत्तीस वर्षीया, अतीव = अत्यन्त, मृदुलः = मधुर, विद्यते = है, एतयोः = इन दोनों का, द्वादशवर्षीयः = बारवर्षीय, स्तः = हैं, पितामहः = दादा, पितामहीं = दादी, भ्रातृजाया = भाभी, अष्टकक्षायां = आठवीं कक्षा में, चतुर्थकक्षायां = चौथी कक्षा में, पठतः = पढ़ते हैं, परिवारे = परिवार में, निवसन्ति = रहते हैं।
हिन्दी अनुवाद-एक गाँव में विश्वनाथ नामक सज्जन रहता है। उसका परिवार संयुक्त परिवार हैं। उसकी पत्नी गौरी है। विश्वनाथ छत्तीस वर्ष का और उनकी पत्नी गौरी बत्तीस वर्ष की है। विश्वनाथ का हृदय अतीव उदार है और गौरी का स्वभाव अत्यन्त मधुर है। इन दोनों के एक पुत्र और एक पुत्री है। पुत्र का नाम गणेश और पुत्री का नाम गीता है। गणेश बारह वर्ष का और गीता आठ वर्ष की है। गणेश आठवीं कक्षा में और गीता चौथी कक्षा में पढ़ती है। परिवार में दादा, दादी, भाई, भाभी और उसके पुत्र-पुत्री रहते हैं।
♦ अवबोध के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) विश्वनाथः नामधेयः सज्जनः कुत्र वसति?
(ख) तस्य कीदृशः परिवारः अस्ति?
(ग) विश्वनाथस्य हृदयं कीदृशः अस्ति?
(घ) विश्वनाथस्य पत्नी का अस्ति?
उत्तर:
(क) ग्रामे
(ख) संयुक्तः
(ग) उदारं
(घ) गौरी।
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) गौर्याः स्वभावः कीदृशः अस्ति?
उत्तर:
गौर्याः स्वभाव: मृदुलः अस्ति।
(ख) विश्वनाथस्य परिवारे के के निवसन्ति?
उत्तर:
विश्वनाथस्य परिवारे पितामहः, पितामही, भ्राता, भ्रातृजाया, तस्य पुत्रः पुत्री च निवसन्ति।
(2) तस्य परिवारे प्रतिदिनं प्रात: स्मरणम्,भोजनमन्त्रः च भवतः।
प्रातः स्मरणम्- कराग्रे वसते लक्ष्मी:, करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्दः, प्रभाते करदर्शनम्।
भोजनमन्त्रम्- ब्रह्मार्पणं ब्रह्म हविर्ब्रह्माग्नौ ब्रह्मणा हुतम्।
ब्रह्मैव तेन गन्तव्यं ब्रह्मकर्मसमाधिना।
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।
विश्वनाथ: कुशलकृषक: अपि अस्ति। तस्य गुहाङ्गणे वृन्दापादपः विकसति। परिवारजनाः तस्य अर्चनं कुर्वन्ति। स: सर्वदा कृषिकर्मणि तत्परः स्वकर्तव्यं पालयति। सः परिश्रम कृत्वा स्वक्षेत्रे पर्याप्तमात्रायां शाकानि फलानि च उत्पादयति। आम्रनिम्बादिवृक्षैः आच्छादितं गृहमत्यन्तं रमणीयं वर्तते।
प्रातः स्मरणम्-अन्वय-लक्ष्मी कराग्ने, सरस्वती करमध्ये; गोविन्दः तु करमूले वसति; प्रभाते करदर्शनम्। भोजन मंत्रमु-अन्वय-ब्रह्मणा हृतम् ब्रह्माग्नौ ब्रह्महवि: ॐ ब्रह्मार्पणं तेन ब्रह्मकर्मसमाधिना एवं ब्रह्म गन्तव्यं। ॐ शान्तिः ॐ शान्तिः ॐ शान्तिः
शब्दार्थाः-प्रतिदिनम् = रोजाना, स्मरणम् सुमिरन, कराने = हाथ के अगले भाग में, वसते = निवास करती हैं, करमध्ये = हाथ के बीच में, करमूले = हाथ के मूल में, गोविन्दः = भगवान, प्रभाते = प्रात:काल में, कर = हाथ, कुशलः = प्रवीण, गृह्मङ्गणे = घर के आँगन में, वृन्दापादपः = तुलसी का पौधा, विकसति = विकसित, अर्चनं = पूजन, उत्पादयति = उत्पन कर लेते हैं, रमणीयं = सुन्दर, आच्छादितं = ढके हुए, तत्परः = तल्लीन, स्वक्षेत्रे = अपने खेत में, सर्वदा। हमेशा, गृहाङ्गणे = (गृहस्य आङ्गणे) घर के आँगन में, ब्रह्म = परमात्मा, इतम् – होम सामग्री, ब्रह्माग्नौ ब्रहारूपी अग्नि मैं, ब्रह्मकर्मसमाधिना = परमात्मा को प्राप्त करने वाले कर्म रूपी समाधि से, गन्तव्यं = जाना चाहिये, प्राप्त करना चाहिये।
हिन्दी अनुवाद-उसके परिवार में प्रतिदिन सवेरे (परमात्मा का सुमिरन) स्मरण और भोजन के समय का मंत्र होता (बोला जाता है।
सबेरे का स्मरण (सुमिरन)-हाथ के अग्रभाग में लक्ष्मी बसती हैं, हाथ के मध्य भाग में सरस्वती का निवास होता है, हाथ के मूल में गोविन्द का निवास होता है, (अतएव) प्रात: काल में हाथ का दर्शन करना चाहिये।
भोजन का मन्त्र-परमात्मा के द्वारा प्राप्त हवन सामग्री को, ब्रह्म अर्थात परमात्मारूपी अग्नि में समर्पित करके (उस) परमात्मा के हवि अर्थात् प्रसाद को प्राप्त करना चाहिये। उसी परमात्मा को प्राप्त करने वाले कर्म की, साधना से परमात्मा में विलीन हो जाना चाहिये। ॐ शान्तिः ॐ शान्तिः ॐ शान्तिः।
विश्वनाथ कुशल कृषक (किसान) भी हैं। उनके घर के आँगन में तुलसी का पेड़ विकसित है। परिवार के लोग उसकी पूजा करते हैं। वह हमेशा खेती के कार्य में संलग्न रहता है। वह परिश्रम करके खेत में पर्याप्त मात्रा में सागसब्जी और फलों को पैदा कर लेता है। आम, नीम आदि वृक्षों से ढका हुआ घर अत्यन्त सुन्दर लगता है।
♦ अवबोध के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) लक्ष्मी कुत्र वसति?
(ख) सरस्वती कुत्र वसति?
(ग) गोविन्दः कुत्र वसति?
(घ) विश्वनाथः कः अस्ति?
उत्तर:
(क) कराग्रे
(ख) करमध्ये
(ग) करमूले
(घ) कुशलः कृषक:
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) विश्वनाथस्य गृहाङ्गणे कः विकसति?
उत्तर:
विश्वनाथस्य गृहाङ्गणे वृन्दापादप: विकसति।
(ख) विश्वनाथः परिश्रमं कृत्वा स्व क्षेत्रे कानि वस्तुनि पादयति?
उत्तर:
विश्वनाथ परिश्रमं कृत्वा स्वक्षेत्रे पर्याप्तमात्रायां शाकानिफलानि च उत्पादयति।
(3) तस्य गृहे एका श्वेतवर्णा धेनुः वर्तते। सा दुग्धं ददाति। तस्याः दुग्धेन निर्मितं-दधिघृतयुक्तं भोजनं सर्वे कुर्वन्ति। तस्य गृहे आहारे शाकानां फलानां चाधिक्यं वर्तते। तौ भ्रातृभगिन्यौ यथेच्छ दुग्धं पिबत:। स्वच्छानि वस्त्राणि परिधाय प्रसन्नौ स्वस्थौ तौ मातरं पितरं च प्रणम्य पठनाय स्वविद्यालय प्रतिगच्छतः।
शब्दार्था:-श्वेतवर्णा = सफेद रंग की, सर्वे = सभी, कुर्वन्ति = करते हैं, आहारे = भोजन में, धेनुः = गाय, दुग्धम् = दूध, निर्मितम् == बनाये गये, यथेच्छं = इच्छानुसार, तस्य = उसके, गृहे = घर में, एका = एक, वर्तते = है, दुग्धेन = दूध से, आधिक्यं = अधिकता, पिबत: = पीते हैं, स्वच्छानि वस्त्राणि = साफ-सुथरे कपड़े, परिधाय = पहनकर, तौ = वे दोनों, प्रणम्य = प्रणाम करके, पठनाय = पढ़ने के लिये, प्रतिगच्छतः = प्रस्थान करते हैं।
हिन्दी अनुवाद-उनके घर में एक सफेद रंग की गाय है। वह दूध देती है। उसके दूध से बने हुए घी और दही युक्त भोजन सभी करते हैं। उनके घर में भोजन में साग-सब्जियों
और फलों की अधिकता रहती है। वे दोनों भाई-बहन इच्छानुसार दूध पीते हैं। साफ-सुथरे कपड़ों को पहनकर प्रसन्न (और ) स्वस्थ होकर वे दोनों माता-पिता को प्रणाम करके पढ़ने के लिये अपने विद्यालय की ओर प्रस्थान करते हैं।
♦ अवबोध के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) तस्य गृहे का अस्ति?
(ख) धेनुः किं ददाति?
(ग) तस्य गृहे आहारे केषाम् आधिक्यं वर्तते?
(घ) भ्रातृभगिन्यौ यथेच्छं किं पिबत:?
उत्तर:
(क) धेनुः
(ख) दुग्धम्
(ग) शाकानां फलानां च
(घ) दुग्ध म्।
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) विश्वनाथस्य गृहे सर्वे कीदृशं भोजनं कुर्वन्ति?
उत्तर:
विश्वनाथस्य गृहे सर्वे दधिघृतयुक्तं भोजनं कुर्वन्ति।
(ख) तौ भ्रातृभगिन्यौ कया रीत्या स्वविद्यालयं प्रति गच्छतः?
उत्तर:
तौ भातृभगिन्यौ प्रसन्नौ स्वस्थौ मातरं पितरं च प्रणम्य पठनाय स्वविद्यालयं प्रतिगच्छतः
(4) गृहिणी गौरी स्वस्था आदर्शभूता च अस्ति। सः विश्वनाथ: स्वपन बहु आद्रियते। अनने कारणेन परस्परं सर्वेषु महती प्रीति: ऐक्यभावः स्नेहसौहार्दपूर्णः च व्यवहारः अस्ति। एतत् संयुक्तपरिवारे एव सम्भवति। एक आदर्शपरिवार: आहारस्य वस्त्रस्य गृहस्य च व्यवस्था संयुक्तपरिवारे एवं समुचितरूपेण भवति। अनेनैव समाजस्य राष्ट्रस्य च कल्याणं भवितुम् एतत् संयुक्तपरिवारे एवं सम्भवत।
शब्दार्था:-आदर्शभूता = अनुकरणीय, बहु बहुत, आदियते = आदर करता है, अनेनकारणेन = इसी कारण से, महूती = बहुत अधिक, परस्परं = आपस में, प्रीतिः = प्रेम, ऐक्यभावः = एकता का भाव, स्नेहसौर्हद्रपूर्ण = प्रेम और सद्भाव से भरा हुआ, सम्भवति= सम्भव होता है, एतत् = यह, संयुक्तपरिवारे = सम्मिलित परिवार में, अनेनैव = इसके द्वारा ही, भवितुम् (भू + तुमुन् = होने के लिये (करने के लिये)।
हिन्दी अनुवाद-गौरी स्वस्थ और अनुकरणीय (मर्यादित) गृहणी हैं। वह विश्वनाथ अपनी पत्नी को बहुत आदर करता है। इसी कारण से आपस में सभी में अधिक प्रेम, एकता का भाव स्नेह और सद्भाव भरा व्यवहार (रहता) है। यह संयुक्त परिवार में ही सम्भव है। एक आदर्श परिवार के भोजन, वस्त्र और घर की व्यवस्था सम्मिलित परिवार में ही समुचित रूप से होती है। इसीलिए समाज और राष्ट्र का कल्याण होना सम्मिलित परिवार में ही सम्भव होता है।
♦ अवबोध के प्रश्नोत्तर
प्रश्न 1.
एकपदेन उत्तरत
(क) गौरी कीदृशी गृहिणी अस्ति?
(ख) विश्वनाथः कां बहु आद्रियते?
(ग) विश्वनाथस्य परिवारे सर्वेषु परस्परं कः भावः विद्यते?
(घ) विश्वनाथस्य परिवारे सर्वेषु सदस्येषु कीदृशः व्यवहार: प्राप्यते?
उत्तर:
(क) आदर्शभूता
(ख) स्वपत्नीम्
(ग) ऐक्यभावः
(घ) स्नेहसौहार्दपूर्णः।
प्रश्न 2.
पूर्णवाक्येन उत्तरत
(क) परस्परं महती प्रीतिः ऐक्यभावः सौहार्दपूर्णः च व्यवहारः कीदृशे परिवारै सम्भवति?
उत्तर:
एतादृशः व्यवहारः आदर्शसंयुक्तपरिवारे एव सम्भवति।
(ख) समाजस्य राष्ट्रस्य च कल्याणं भवितुं केन सम्भवति?
उत्तर:
समाजस्य राष्ट्रस्य च कल्याणं भवितुं समुचितरूपेण आदर्श संयुक्तपरिवारेण एव सम्भवति।
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