Rajasthan Board RBSE Class 7 Sanskrit व्याकरण विशेषण प्रकरणम्
विशेष्य-विशेषणम्-
जिस शब्द से संज्ञा पद अथवा सर्वनाम पद की विशेषता प्रकट होती है वह शब्द विशेषण कहा जाता है। जिस पद की विशेषता प्रकट होती है वह विशेष्य होता है। विशेषण विशेष्य पद के गुणानुसार होता है।) उक्तमपि-(कहा भी है)
यल्लिङ्ग यद्वचनं या च विभक्तिः विशेष्यस्य।
तल्लिङ्ग तद्वचनं सा च विभक्तिः विशेषणस्य।
(अर्थात् जो लिंग, जो वचन और जो विभक्ति विशेष्य की होती है वही लिंग, वही वचन और वही विभक्ति विशेषण की होती है।)
पाठ्य-पुस्तकस्य उदाहरणानि
1. एकस्मिन् वने
2. कृष्णः सर्प:
3. एकः काकः
4. स्वमित्रस्य शृगालस्य
5. अस्मिन् दिने
6. सरला भाषा
7. सघने वने
8. रचितेन वाल्मीकेन
9. करुणं क्रन्दनम्
10. इयं कथा ।
11. विविधैः आसनैः
12. अनेकानि कष्टानि
13. वीरवरेण प्रतापेन
14. प्रचुरेण धनेन
15. एतस्याः घटनायाः
16. दानवीरः भामाशाहः
17. एकस्मिन् ग्रामे
18. सज्जन पुरुषः
19. कुशलः कृषकः
20. श्वेतवर्णा धेनुः
21. स्वच्छानि वस्त्राणि
22. अनेन कारणेन
23. विश्व प्रसिद्ध ब्रह्ममन्दिरम्
24. प्रसिद्धानि मन्दिराणि
25. बहवः वैदेशिकाः
26. बहून् वृक्षान्
27. विशालम् उद्यानम्
28.केषां फलानां
29. पक्वानि फलानि
30. मनोहराणि फलानि
31.मधुराणि आम्राणि
32. अनुकूल: परिवेशः
33. समाना: अवसराः
34. पुण्यमास: कार्तिकमासः
35. चिरप्रतीक्षिता: मेलापकाः
36. सर्वाधिकप्रियः धार्मिक मेलापकः
37. प्रमुदिताः जनाः
38. रमणीयाः कार्यक्रमाः
39. अनेन प्रकारेण
40. प्रियं सत्यम्
विशेषणाः दश विधा सन्ति (विशेषण दस प्रकार के होते हैं)
1. निश्चित संख्यावाचक विशेषण
2. आवृत्तिवाचक विशेषण
3. समुदायबोधक विशेषण
4. विभागबोधक विशेषण
5. अनिश्चित संख्यावाचक विशेषण
6. परिमाणवाचक विशेषण
7. सर्वनाम विशेषण
8. गुणवाचक विशेषण
9. तुलनात्मक विशेषण
10. अजहल्लिङ्ग विशेषण
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