Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi Chapter 9 जैसलमेर की राजकुमारी
RBSE Class 8 Hindi Chapter 9 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
पाठ से
सोचें और बताएँ
प्रश्न 1.
राजकुमारी का नाम क्या था?
उत्तर:
जैसलमेर की राजकुमारी का नाम रत्नावती था।
प्रश्न 2.
दुर्ग को किसकी सेना ने घेर रखा था?
उत्तर:
दुर्ग को अलाउद्दीन की सेना ने घेर रखा था।
प्रश्न 3.
राजकुमारी के पिता का क्या नाम था ?
उत्तर:
राजकुमारी के पिता का नाम रत्नसिंह था।
लिखें-
प्रश्न.
निम्नलिखित वाक्यों को अपनी कॉपी में लिखकर सही वाक्य पर (✓) और गलत वाक्य पर (✘) का निशान लगाइए
1. जैसलमेर के दुर्गाधिपति महाराज रत्नसिंह थे।
2. “बेटी तुझसे मुझे ऐसी ही आशा है” ये शब्द बुजुर्ग सैनिक ने कहे।
3. राजकुमारी ने जिसे मार गिराया, वह मृत व्यक्ति यवन था।
4. बुजुर्ग को गद्दारी करने के लिए सोने का प्रलोभन दिया था।
उत्तर:
1. (✓) 2. (✘) 3. (✓) 4. (✓)
RBSE Class 8 Hindi Chapter 9 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राजकुमारी की तुलना किससे की गई है?
उत्तर:
राजकुमारी की तुलना शक्तिशाली पुरुष योद्धा एवं देवी से की गई है।
प्रश्न 2.
मलिक काफूर कौन था?
उत्तर:
मलिक काफूर बादशाह अलाउद्दीन की सेना का अधिपति अर्थात् सेनापति था।
प्रश्न 3.
राजकुमारी के सम्मुख उनके पिता के संदेश वाहक के रूप में कौन आया था?
उत्तर:
राजकुमारी के सम्मुख जो सन्देश लेकर आया था, वह कपटी सन्देश वाहक था, वह यवन सेनापति का आदमी था।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 9 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
पाठ में दुश्मन को किन-किन उपनामों से पुकारा गया है?
उत्तर:
पाठ में दुश्मन को इन उपनामों से पुकारा गया हैधूर्त, छलिया, पापिष्ठ, टिड्डी-दल, चूहे आदि।
प्रश्न 2.
यवनों के आक्रमण का राजकुमारी द्वारा किये गये उपहास का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजकुमारी अपनी सखियों समेत दुर्ग की प्राचीर पर चढ़कर यवन-सेना का उपहास उड़ाती हुई उन पर बाणों की वर्षा करती और कहती कि मैं स्त्री हैं, परन्तु अबला नहीं हैं। मैं तुम पापियों को कुछ नहीं समझती हूँ। मुझमें मर्दो जैसा साहस और हिम्मत है। तुम मेरा मुकाबला नहीं कर सकते हो।
प्रश्न 3.
मलिक काफूर ने बुजुर्ग सैनिक को रिश्वत क्यों दी थी ?
उत्तर:
मलिक काफूर किले के गुप्त द्वार से अन्दर प्रवेश करना चाहता था, इस तरह वह दुर्ग पर अचानक अधिकार कर लेने की कपट चाल चल रहा था। इसी आशय से उसने बुजुर्ग राजपूत सैनिक को रिश्वत दी थी कि वह रात में दुर्ग का द्वार खोल देगा।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 9 दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
कहानी के भाव को अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर:
प्रस्तुत कहानी में जैसलमेर की राजकुमारी रत्नावती की वीरता एवं चतुरता का वर्णन विशेष रूप से किया गया है। वह अपने पिता को दुर्ग से बाहर भेजती है, ताकि शत्रुओं का सामना किया जा सके। वह अपनी सखियों और अन्य सैनिकों के साथ दुर्ग में रात-दिन शत्रुओं के आक्रमण को जवाब बड़ी चतुराई से देती है। वह मर्दानी व वीरांगना की तरह शत्रुओं के सेनापति की कपट-चाल को विफल करती है। वह मलिक काफूर को बन्दी बना लेती है और कूटनीति अपनाकर उससे खाद्य सामग्री भी मँगवाती है। लम्बे समय तक आक्रमण करने पर भी शत्रु-सेना किले में नहीं घुस पाती है। अन्त में उन्हें हार माननी पड़ती है। जैसलमेर की विजय होती है।
प्रश्न 2.
राजकुमारी के रण-कौशल का अपने शब्दों में वर्णन कीजिए।
उत्तर:
राजकुमारी रत्नावती ने मर्दानी पोशाक पहन रखी थी। उसके साथ सहेलियाँ भी उसी की तरह वीरांगना थीं। कुछ विश्वस्त राजपूत वीर भी उसके साथ थे। यवन-सेना जब दुर्ग की दीवार पर चढ़ने का प्रयास करती, तो राजकुमारी दुर्ग की बुर्ज से भारी पत्थर के ढोंके और गर्म तेल डालती थी। इससे शत्रु-सेना घायल होकर पीछे हट जाती थी। यदि कोई शत्रु-सैनिक साहस करके प्राचीर तक पहुँच जाते, तो राजकुमारी उन्हें तलवार से मौत के घाट उतार देती थी। वह रात में स्वयं कुछ सहेलियों के साथ प्राचीर पर बैठी रहती। रात में कोई शत्रु दिखाई देता, तो तीर से उसे मार गिराती थी। उसने बड़ी चतुराई से यवन सेनापति को बन्दी बना दिया था। उससे पहले शत्रुओं के गुप्तचर को मार दिया था। इस तरह का रण-कौशल दिखाकर राजकुमारी ने यवन-सेना को विवश कर दिया था।
भाषा की बात
प्रश्न 1.
राजकुमारी रत्नावती दुश्मनों के दाँत खट्टे कर रही थी”-यहाँ ‘दाँत खट्टे करना’ एक मुहावरा है। पाठ में आये मुहावरों को छाँटकर स्वरचित वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
उत्तर:
लोहा लेना: राजपूतों की सेना अपने शत्रुओं से लोहा ले रही थी।
बाल भी बाँका न होना: राजकुमारी रत्नावती ने किले की रक्षा इस तरह की कि उसका बाल भी बाँका नहीं हुआ।
ठट्टा उड़ाना: ताकतवर व्यक्ति कमजोर लोगों का ठट्ठा उड़ाते हैं।
चटनी बनना: अखाड़े में उसे पहलवान ने अपनी बराबरी के कई पहलवानों को पटककर उनकी चटनी बना दी।
तलवार के घाट उतारना: युद्ध में पराक्रमी योद्धा शत्रुओं को तलवार के घाट उतार रहे थे।
दाँत पीसना: समय पर विपदा का मुकाबला न कर पाने । वाले लोग दाँत पीसकर रह जाते हैं।
पान का बीड़ा देना: घर आये मेहमान को सम्मानपूर्वक पान को बीड़ा देना ही चाहिए।
प्रश्न 2.
जिस सामासिक पद के दोनों पदों में विशेषणविशेष्य या उपमान-उपमेय का संबंध हो, उसे कर्मधारय समास कहते हैं।
जैसे-महाराज-महान् है जो राजा।
आप कर्मधारय समास के पाँच उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
- महापुरुष: महान् है जो पुरुष।
- महात्मा: महान् है जो आत्मा।
- नरोत्तम: नरों में है जो उत्तम।
- कनकलता: कनक की-सी लता।
- चन्द्रमुखी: चन्द्र जैसे मुख वाली।
प्रश्न 3.
यवन सैनिक घोड़े पर बैठ कर आया, पर किले का दरवाजा बंद था। जैसे ही उसने दरवाजा खटखटाया, चिड़िया पर फड़फड़ाकर उड़ गई। उपर्युक्त वाक्यों में रेखांकित शब्द ‘पर’ का प्रयोग तीन अलग-अलग अर्थों में हुआ है। आप भी ऐसे वाक्य बनाइए जिसमें एक शब्द का प्रयोग बार-बार हुआ हो और अर्थ हर बार अलगअलग हो।
उत्तर:
- प्रात:काल जल्दी जग जाओ। जग से पानी पियो और जग में फैली प्रात:कालीन छटा को निहारो।
- गया कल गया गया।
प्रश्न 4.
निम्नलिखित शब्दों को शब्दकोश क्रम में लिखिए
बुजुर्ग, सैनिक, प्राचीर, सूर्य, द्वारा, चीत्कार, दाँत, दंग, दुःख।
उत्तर:
चीत्कार, दंग, दु:ख, दाँत, द्वारा, प्राचीर, बुजुर्ग, सूर्य, सैनिक।
पाठ से आगे
प्रश्न 1.
जैसलमेर के दुर्ग के बारे में और भी जानकारी एकत्र करके लिखिए।
उत्तर:
शिक्षक की सहायता से जानकारी एकत्र करें। यह दुर्ग सुनहरे (पीले) पत्थरों से बना हुआ है।
प्रश्न 2.
जैसलमेर को किन-किन नामों से जाना जाता है? पता लगाकर लिखिए।
उत्तर:
जैसलमेर को स्वर्णनगरी, सोनार किला या ‘स्वर्ण किला’ आदि नामों से भी जाना जाता है।
प्रश्न 3.
दुर्ग के अलावा जैसलमेर में और कौन-कौनसे दर्शनीय स्थल हैं ? सूची बनाइए।
उत्तर:
जैसलमेर दुर्ग के अलावा अन्य प्रमुख दर्शनीय स्थल निम्नलिखित हैं-तनौट माता का मन्दिर, जैन मन्दिर, पटवों युद्ध संग्रहालय, लोगेवाला युद्ध स्मृति भवन, महाराजा पैलेस आदि।
कल्पना कीजिए
प्रश्न.
आप सर्दी की छुट्टियों में जैसलमेर अपने परिवार के साथ भ्रमण पर गए। आपने वहाँ क्या-क्या देखा? अपने शब्दों में यात्रा वृत्तांत लिखिए।
उत्तर:
भ्रमण के समय देखे गये स्थलों को स्वयं लिखें।
सृजन
प्रश्न.
दीयासलाई की तूलिकाओं की मदद से आप भी दुर्ग के मॉडल का सृजन कर सकते हैं। आवश्यक सामग्री थर्माकॉल शीट, सफेद ड्राइंग शीट, रंग ( पानी वाले ), बुश, माचिस की तूलिकाएँ, आदि।
उत्तर:
स्वयं प्रयास करें।
खोज-बीन
प्रश्न.
आपने ‘जैसलमेर की राजकुमारी’ के साहस की कहानी इस पाठ में पढ़ी। ऐसी ही साहस की कहानियाँ पुस्तकालय में पढ़िए।
उत्तर:
पुस्तकालय से साहसी कहानियाँ स्वयं पढ़ें।
संकलन
प्रश्न.
राजस्थान की गौरवगाथा एवं पराक्रम की घटनाओं का पता लगाकर ‘मेरा संकलन’ में लिखिए।
उत्तर:
स्वय करे।
तब और अब
प्रश्न.
नीचे लिखे शब्दों के मानक रूप लिखिए
खाद्य, उद्धरण, खट्टे, चिट्ठी।
उत्तर:
खाद्य – खाद्य
उद्धरण – उद्धरण
खट्टे – खट्टे
चिट्ठी – चिट्ठी
RBSE Class 8 Hindi Chapter 9 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
RBSE Class 8 Hindi Chapter 9 वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
जैसलमेर पर आक्रमण किया था
(क) अकबर
(ख) बाबर
(ग) औरंगजेब
(घ) अलाउद्दीन
प्रश्न 2.
जैसलमेर के दुर्गाधिपति का नाम बताया गया है
(क) रामसिंह
(ख) रत्नसिंह
(ग) रतनसेन
(घ) राजसिंह
प्रश्न 3.
रत्नसिंह ने शाही सेना को कहाँ तक खदेड़ दिया था?
(क) मेवात तक
(ख) मेवाड़ तक
(ग) मालवा तक
(घ) माउण्ट आबू तक।
प्रश्न 4.
किले का प्रत्येक आदमी राजकुमारी को किसकी भाँति पूजता था?
(क ) काली की तरह
(ख) माता की तरह
(ग) लक्ष्मी की तरह
(घ) देवी की तरह
प्रश्न 5.
मलिक काफूर ने अन्त में राजकुमारी को क्या बताया?
(क) प्रबल योद्धा
(ख) फरिश्ता
(ग) चतुर सेनापति
(घ) शान्तिदूत
उत्तर:
1. (घ) 2. (ख) 3. (ग) 4. (घ) 5. (ख)
रिक्त स्थानों की पूर्ति करें
प्रश्न 6.
निम्न रिक्त स्थानों की पूर्ति कोष्ठक में दिये गये सही शब्दों से कीजिए
(i) उसकी कमर में दो……..लटक रही थीं। (तलवारें/बर्छियाँ)
(ii) जैसलमेर को अजेय दुर्ग गर्व से…..उठाए खड़ा था। (शिखर/मस्तक)
(ii) महाराज विपत्ति में हैं, मैं उनका….हूँ। (चर/सैनिक)
(iv) यवन सेनापति ने..की थैली हाथ में धर दी। (रुपयों/मुहरों)
(v) अब किला महीने पड़े रहने पर भी हाथ नहीं आयेगा। (दो/नौ)
उत्तर:
(i) तलवारें (ii) मस्तक (iii) चर (iv) मुहरों (v) नौ।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 9 अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 7.
मलिक काफूर कौन था?
उत्तर:
मलिक काफूर एक गुलाम था, जो अलाउद्दीन की सेना का अधिपति था।
प्रश्न 8.
राजकुमारी किले की बुर्ज पर चढ़कर प्रायः क्या कहती थी ?
उत्तर:
राजकुमारी किले की बुर्ज पर से यवन-सेना के आक्रमण को देखकर प्रायः कहती थी कि ये गर्द उड़ाकर और गोली बरसाकर मेरे किले को गंदा कर रहे हैं।
प्रश्न 9.
रात में एक व्यक्ति को चुपचाप आते देखकर राजकुमारी ने क्या सोचा?
उत्तर:
रात में दुर्ग की ओर चुपचाप आते हुए व्यक्ति को देखकर राजकुमारी ने सोचा कि यह पिताजी का सन्देशवाहक होगा।
प्रश्न 10.
उस व्यक्ति की पीठ पर क्या बँधा था?
उत्तर:
उस व्यक्ति की पीठ पर गठरी में एक व्यक्ति बँधा था।
प्रश्न 11.
कितने दिन बीतने पर गुप्तचर ने बादशाह अलाउद्दीन को कोर्निस की ?
उत्तर:
अट्ठारह सप्ताह बीतने पर गुप्तचर ने बादशाह अलाउद्दीन को कोर्निस की।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 9 लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 12.
रात में आने वाले व्यक्ति को राजकुमारी ने शत्रु-पक्ष का कैसे समझा?
उत्तर:
रात में आने वाला व्यक्ति चुपचाप आगे बढ़ रहा था। वह गुप्त द्वार की ओर न जाकर सिंह द्वार की ओर जा रहा था। वह गुप्त द्वार का रास्ता नहीं जानता था। इससे राजकुमारी ने समझ लिया कि यह अपना आदमी न होकर अवश्य ही शत्रु-पक्ष का है।
प्रश्न 13.
मलिक काफूर किले में कैसे बन्दी बना?
उत्तर:
मलिक काफूर ने जिस सैनिक को रिश्वत दी थी, उसने गुप्त मार्ग नहीं बताया और अँधेरे में कहीं गायब हो गया। मुख्य द्वार भी उसने बन्द कर दिया था। मलिक काफूर को न आगे का रास्ता मिलता था, न पीछे जा सकता था। इस तरह वह वहाँ कैद हो गया था। उसे राजकुमारी ने बन्दी बना लिया था।
प्रश्न 14.
राजकुमारी को खाद्य सामग्री घटने पर क्या सूझी?
उत्तर:
यवन-सेना ने दुर्ग को घेर रखा था। किले के अन्दर खाद्य सामग्री किसी भी हालत में नहीं आ सकती थी। तब राजकुमारी ने एक उपाय सोचा। उसने बन्दी बनाये गये मलिक काफूर से कहा कि हम आप लोगों को तब तक खिलाते रहेंगे, जब तक किले में खाद्यान्न रहेगा। आगे भगवान् मालिक है। इस बात से मलिक काफूर ने रसद मँगवाने की व्यवस्था की।
प्रश्न 15.
विजयोत्सव पर मलिक काफूर ने रत्नसिंह से क्या कहा?
उत्तर:
विजयोत्सव पर मलिक काफूर ने महाराज रत्नसिंह से कहा कि राजकुमारी तो पूजने लायक है। यह इंसान नहीं, फरिश्ता है। मैं जब तक जीवित रहूँगा, इसकी मेहरबानी को नहीं भूल सकता। इसने मेजबानी करने में कोई कमी नहीं रखी।
प्रश्न 16.
मलिक काफूर अपने सैनिकों के साथ दुर्ग में कैसे घुस पाया था?
उत्तर:
मलिक काफूर ने किले के एक सैनिक को रिश्वत का लालच दिया। वह वृद्ध सैनिक राजकुमारी का विश्वासपात्र एवं चालाक था। उसने रिश्वत लेकर मलिक काफूर को राजकुमारी का विश्वासपात्र एवं चालाक था। उसने रिश्वत लेकर मलिक काफूर को बन्दी बनाना चाहा। इसलिए उसने रात में दुर्ग का मुख्य द्वार खोल दिया। उससे ही मलिक काफूर अपने सैनिकों के साथ दुर्ग में घुस पाया था।
RBSE Class 8 Hindi Chapter 9 निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 17.
इस कहानी से जैसलमेर की राजकुमारी की किन चारित्रिक विशेषताओं का उद्घाटन हुआ है ?
अथवा
राजकुमारी रत्नावती की प्रमुख विशेषताएँ पाठ के आधार पर बताइये।
उत्तर:
जैसलमेर की राजकुमारी रत्नावती की ये चारित्रिक विशेषताएँ प्रकट हुई हैं
- वीरांगना:
रत्नावती अपने पिता को बाहर भेजकर दुर्ग की रक्षा पूरी वीरता से करने में सफल रही। वह मर्दानी पोशाक में रात-दिन शत्रुओं का सामना करती रही। - चतुर:
राजकुमारी रत्नावती की चतुरता से शत्रु-सेना दुर्ग पर आक्रमण करने में असफल रही। मलिक काफूर भी बन्दी बनाया गया। - रण-कौशल:
रत्नावती तीर चलाने में चतुर थी। उसने रात में आये शत्रु-सैनिक को एक तीर से मार दिया था। - अतिथि-सत्कारशील:
राजकुमारी ने बन्दी बनाये गये मलिक काफूर का अतिथि की तरह सत्कार किया।
प्रश्न 18.
राजकुमारी रत्नावती के चरित्र से क्या शिक्षा मिलती है?
उत्तर:
जैसलमेर की राजकुमारी’ कहानी की मुख्य पात्र राजकुमारी रत्नावती का चरित्र काफी प्रभावशाली बताया गया है। उसके चरित्र से हमें यह शिक्षा मिलती है कि हमें अपने देश की रक्षा के लिए सजग रहना चाहिए। गुप्त वेश में आने वाले तथा जासूसी करने वाले लोगों पर नजर रखनी चाहिए और देश की खातिर वीरता का परिचय देना चाहिए। हमें राजकुमारी रत्नावती की तरह वीरता, साहस, चतुरता और कर्तव्यपालन का गुण अपनाना चाहिए। साथ ही भारतीय संस्कृति के अनुसार अतिथि सत्कार का पूरा ध्यान रखना चाहिए। शरणागत शत्रु से तथा सामान्य गरीब लोगों से मानवता का व्यवहार करना चाहिए। रिश्वत लेने या भ्रष्ट आचरण से सदा दूर रहकर देश-प्रेम रखना चाहिए।
प्रश्न 19.
निम्नलिखित गद्यांशों को ध्यानपूर्वक पढ़कर नीचे दिये गये प्रश्नों के उत्तर दीजिए
(क) उसकी कमर में दो तलवारें लटक रही थीं। कमरबंद में पेशकब्ज, पीठ पर तरकस और हाथ में धनुष था। वह चंचल घोड़े की रास को बलपूर्वक खींच रही थी, जो एक क्षण भी स्थिर रहना नहीं चाहता था। रत्नसिंह जिरह बख्तर पहने एक हाथी के फौलादी हौदे पर बैठे आक्रमण के लिए प्रस्थान कर रहे थे।
प्रश्न.
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ii) वह घोड़े की रास को क्यों खींच रही थी ?
(iii) रत्नसिंह किस पर आक्रमण के लिए प्रस्थान कर रहा था?
(iv) किसने वीरों जैसी पोशाक पहन रखी थी ?
उत्तर:
(i) शीर्षक-वीरांगना रत्नावती की वेश-भूषा।
(ii) घोड़ा चंचल था और एक क्षण स्थिर नहीं रहना चाहता था, इस कारण रत्नावती उसे खींचकर नियंत्रित कर रही थी।
(iii) रत्नसिंह शाही सेना पर आक्रमण करने के लिए प्रस्थान कर रहा था।
(iv) जैसलमेर की राजकुमारी रत्नावती ने वीरों जैसी पोशाव पहन रखी थी।
(ख) यवन सैन्य ने दुर्ग पर भारी घेरा डाल रखा था खाद्य सामग्री धीरे-धीरे कम हो रही थी। घेरे के बीच से किसी का आना अशक्य था। राजपूत भूखों मर रहे थे राजकुमारी का शरीर पीला हो गया था। उसके अंग शिथिल हो गए, पर नेत्रों का तेज वैसा ही था। उसे कैदियों के भोजन की बड़ी चिंता थी। किले का प्रत्येक आदमी उसे देवी की भाँति पूजता था।
प्रश्न.
(i) उपर्युक्त गद्यांश का उचित शीर्षक दीजिए।
(ii) खाद्य सामग्री कैसे कम हो रही थी ?
(iii) राजकुमारी को किनकी अधिक चिन्ता थी ?
(iv) किले के लोग किसे किस रूप में पूजते थे?
उत्तर:
(i) शीर्षक–दुर्ग में भोजन सामग्री की कमी।
(ii) दुर्ग पर भारी घेरा होने से बाहर से खाद्य सामग्री नहीं आ सकती थी। इस कारण खाद्य सामग्री धीरे-धीरे कम हो रही थी।
(iii) राजकुमारी को राजपूतों के भूखा रहने की तथा कैदियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने की बड़ी चिन्ता थी।
(iv) किले के लोग राजकुमारी रत्नावती को देवी की तरह पूजते थे।
जैसलमेर की राजकुमारी पाठ-सार
यह पाठ राजस्थान की वीर-नारियों पर आधारित कहानी है। जैसलमेर के दुर्ग पर अलाउद्दीन की सेना ने आक्रमण कर दिया था। तब राजकुमारी रत्नावती ने वीरता, चतुरता और दृढ़ता से शत्रुओं का सामना किया। फलस्वरूप महाराज रत्नसिंह को विजय मिली। जैसलमेर की राजकुमारी ने इस विजय में प्रमुख भूमिका निभायी।
कठिन शब्दार्थ-दुर्गाधिपति = दुर्ग का मालिक, राजा। तरकस = बाण रखने का खोल। रास = लगाम। जिरहबख्तर = लोहे के कवच आदि। फौलादी = पूर्णतया मजबूत। हौदे = हाथी के ऊपर बैठने का आसन। वक़ = टेढी। कंगूरे = ऊपरी बुर्ज। जय निनाद = जय का तेज स्वर। उपत्यका = पहाड़ी के नीचे की समतल भूमि। विलीन = लुप्त। चीत्कार = तेज आवाज, चरमराहट। यवन = मुसलमान। अबला = कमजोर। पापिष्ठ = पापी आचरण वाला। आक्रान्त = आक्रमण किया गया, घेरा गया। बहुधा = अनेक बार। प्राचीर = चहार दीवारी। अतिशय = जरूरत से अधिक। चर = सेवक, गुप्तचर। चक्रव्यूह = सेना की विशेष घेराबन्दी। कोर्निस = झुककर सलाम करना। धूर्त = धोखेबाज। घूस = रिश्वत। हतबुद्धि = जिसकी बुद्धि मारी गयी हो, बुद्धि काम न करे। फरिश्ता = देवदूत। सरपेच = पगड़ी।
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