Rajasthan Board RBSE Class 8 Hindi रचना पत्र-लेखन
प्रश्न 1.
आप भीलवाड़ा निवासी महेश हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य महोदय को शुद्ध पेयजल व्यवस्था करवाने के लिए प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवामें,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय,
शास्त्रीनगर, भीलवाड़ा।
विषय-विद्यालय में शुद्ध पेयजल व्यवस्था करवाने के संबंध में।
महोदय,
निवेदन है कि हमारे विद्यालय में पानी पीने की जो टंकी बनी हुई है, उसकी कई महीनों से सफाई नहीं हुई है। ऊपर से उसका ढक्कन भी टूट गया है, जिसके कारण उसमें धूल व कूड़ा-करकट उड़कर गिरता रहता है। साथ ही उस पर जो पक्षी बैठते हैं, वे भी बीट कर जाते हैं। परिणामस्वरूप पानी गन्दा हो रहा है जिसको सब छात्र/छात्रा पी रहे हैं। कृपा करके टंकी की नियमित सफाई करवाने और उस पर ढक्कन लगवाने की अविलम्ब कार्यवाही करें जिससे हम सब शुद्ध जल पी सकें और बीमारियों से बच सकें। आशा है कि शुद्ध पेय जल की व्यवस्था अविलम्ब करवाने की कृपा करेंगे।
दिनांक : 18 अगस्त, 20–
प्रार्थी
महेश
छात्र प्रतिनिधि
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय
शास्त्रीनगर, भीलवाड़ा।
कक्षा-8 (अ)
प्रश्न 2.
आप श्यामसुन्दर कक्षा 8 के विद्यार्थी हैं। आपके पिताजी का स्थानान्तरण जयपुर से कोटा हो गया है। अतः भ्रमण हेतु पिताजी के साथ जाने का कारण देते हुए अवकाश प्राप्त करने हेतु प्रधानाध्यापक को प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवा में,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय,
जयपुर।
विषय-अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
निवेदन है कि मेरे पिताजी का स्थानान्तरण जयपुर से कोटा हो गया है। अतः मैं उनके साथ भ्रमणार्थ कोटा जाना चाहता हूँ। इस कारण मैं पाँच दिन तक विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकता हूँ। अतः प्रार्थना है कि मुझे दिनांक 18-8-20– से 22-820– तक पाँच दिन का अवकाश प्रदान कर अनुगृहीत करें।
दिनांक 17 अगस्त, 20–
प्रार्थी,
श्यामसुन्दर
कक्षा-8 (अ)
प्रश्न 3.
अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापकजी को शुल्कमुक्ति हेतु एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवामें,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
आदर्श विद्या मन्दिर माध्यमिक स्कूल,
जयपुर
विषय-शुल्क मुक्ति के संबंध में।
महोदय,
सविनय निवेदन है कि मैं अत्यधिक निर्धन छात्र हूँ। मेरे पिताजी का दो वर्ष पूर्व स्वर्गवास हो गया। मेरी विधवा माँ के पास आजीविका का कोई साधन नहीं है। गरीबी के कारण भोजन, वस्त्र आदि की चिन्ता लगी रहती है। मैं अध्ययन तो करना चाहता हूँ, परन्तु गरीबी के कारण पाठ्य-सामग्री की तथा विद्यालय शुल्क की व्यवस्था करना कठिन हो रहा है। माताजी स्वयं काम पर जाकर जो कमा लाती हैं उससे घर का खर्च चलता है। अतः प्रार्थना है कि मेरी गरीब स्थिति पर विचार करके मुझे विद्यालय शुल्क से पूर्णतया मुक्ति प्रदान करने की कृपा करें।
दिनांक 24 जुलाई, 20–
प्रार्थी,
अजयकुमार
कक्षा-8 (अ)
प्रश्न 4.
आपको अपने बड़े भाई की शादी में सम्मिलित होना है, अतः अपने प्रधानाध्यापकजी को तीन दिन के अवकाश हेतु एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।
अथवा
आप झाँसी निवासी राहुल हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य महोदय को भाई की शादी के कार्यक्रम की जानकारी देते हुए उसमें सम्मिलित होने हेतु तीन दिन के अवकाश हेतु प्रार्थना-पत्र लिखिए।
अथवा
आप जयनगर निवासी राहुल हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापक/प्रधानाचार्य महोदय को अपनी बीमारी के बारे में बताते हुए तीन दिन के अवकाश हेतु प्रार्थना-पत्र लिखिए।
(नोट-उत्तर में स्थान व बीमारी का उल्लेख करें।)
उत्तर:
सेवामें,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
राजकीय माध्यमिक विद्यालय,
झांसी
विषय-अवकाश के लिए प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
निवेदन है कि मेरे बड़े भाई की शादी धौलपुर से तय हुई है। बारात बस द्वारा 19 जुलाई को धौलपुर जायेगी। मैं अपने बड़े भाई के शुभ-विवाह में सम्मिलित होना चाहता हैं। इस कारण मैं तीन दिन तक विद्यालय में उपस्थित नहीं हो सकता हूँ। अतः प्रार्थना है कि मुझे दिनांक 18-2-20– से 20-7-20– तक तीन दिन का अवकाश प्रदान कर अनुगृहीत करें।
दिनांक 17 जुलाई, 20–
प्रार्थी,
राहुल
कक्षा-8 (अ)
प्रश्न 5.
शैक्षिक भ्रमण पर जाने हेतु आपके विद्यालय के प्रधानाध्यापकजी से अनुमति प्राप्त करने के लिए प्रार्थनापत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवामें,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
राजकीय माध्यमिक विद्यालय,
उदयपुर।
विषय-शैक्षिक भ्रमण के सम्बन्ध में।
महोदय,
निवेदन है कि हम कक्षा 8 (अ) के सभी छात्र शैक्षणिक भ्रमण पर रावतभाय (कोटा) जाना चाहते हैं। वहाँ का भ्रमण करने से हमें परमाणु विद्युत संयन्त्र आदि की जानकारी प्राप्त होगी तथा वहाँ के दर्शनीय स्थानों का भौगोलिक ज्ञान भी प्राप्त होगा। अतः प्रार्थना है कि हमें इस शैक्षणिक भ्रमण पर जाने की अनुमति प्रदान करें। साथ ही हमारे साथ हमारी कक्षा के शिक्षक महोदय को मार्गदर्शक रूप में भेजने की कृपा करें।
दिनांक 24 अक्टूबर, 20–
प्रार्थी,
समस्त छात्र
कक्षा-8 (अ)
प्रश्न 6.
आपने आठवीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली है तथा नौवीं कक्षा में प्रवेश लेना चाहते हैं। अपने विद्यालय के प्रधानाध्यापकजी को स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र (टी.सी.) हेतु प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर
सेवामें,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
राजकीय माध्यमिक विद्यालय,
गुमानपुरा,
कोटा।
विषय-टी.सी. प्राप्त करने हेतु प्रार्थना-पत्र।
महोदय,
निवेदन है कि मैंने आपके विद्यालय से आठवीं कक्षा उत्तीर्ण कर ली है और अब मैं नवम कक्षा में अन्य विद्यालय में प्रवेश लेना चाहता हूँ। इसके लिए मुझे टी.सी. (शाला स्थानान्तरण प्रमाण-पत्र) की आवश्यकता है। अतः प्रार्थना है कि मुझे टी.सी. प्रदान करने की कृपा करें।
दिनांक 5 जुलाई, 20–
प्रार्थी,
रामदयाल
पुत्र शिवदयाल
प्रश्न 7.
आप कक्षा 8 के विद्यार्थी अमित कुमार हैं। अंग्रेजी विषय का पाठ्यक्रम पूरा करवाने हेतु अपने प्रधानाध्यापक को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवामें,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय, राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, ‘क’।
विषय-अंग्रेजी विषय का पाठ्यक्रम पूरा करवाने के सम्बन्ध में प्रार्थना-पत्र।
मान्यवर,
निवेदन है कि हमारी आठवीं कक्षा की अंग्रेजी विषय की पढ़ाई सुचारु रूप से नहीं हो पा रही है, क्योंकि अंग्रेजी विषय के शिक्षक का स्थानान्तरण हो जाने से सम्बन्धित विषय का पाठ्यक्रम अन्य विषयों की अपेक्षा बहुत कम हुआ है। उनकी जगह जो शिक्षकजी हमें अंग्रेजी विषय का अध्यापन कराने आते हैं, एक तो वह बहुत ही धीमी गति से पढ़ाते हैं और दूसरा उनका पढ़ाया हुआ अधिकांश छात्रों की समझ में भी नहीं आता है। वे पाठ्यक्रम पूरा कराने के। स्थान पर किस्सा-कहानियाँ सुनाकर ही अपने चक्र का समय पूरा करने में विश्वास करते हैं।
जबकि हमारी परीक्षा का समय कम रह गया है। अतः आपसे निवेदन है कि आप हमारी विषयगत समस्या पर व्यक्तिगत रूप से ध्यान देकर अन्य शिक्षक को अंग्रेजी विषय पढ़ाने हेतु लगाने की कृपा करें जिससे हमारा सम्बन्धित विषय का पाठ्यक्रम समय रहते पूरा हो सके और हम सब सम्बन्धित विषय में अच्छे अंकों के साथ उत्तीर्ण होकर शाला के परिणाम को अच्छा कर सकें। आशा है कि आप अविलम्ब हमारी पाठ्यक्रम सम्बन्धी समस्या का समाधान करने की कृपा करेंगे।
दिनांक 23 जनवरी, 20–
आपका आज्ञाकारी शिष्य
अमित कुमार
प्रश्न 8.
आप अपने विद्यालय के कक्षा सप्तम के छात्रों के साथ वॉलीबॉल का मैत्रीपूर्ण मैच खेलना चाहते हैं। अतः क क्षा मॉनीटर की ओर से अपने। प्रधानाध्यापकजी को इस सम्बन्ध में एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवामें,
श्रीमान् प्रधानाध्यापक महोदय,
राजकीय माध्यमिक विद्यालय,
कृष्णानगर,
भरतपुर
विषय-मैच खेलने के लिए प्रार्थना-पत्र।
मान्यवर,
सविनय निवेदन है कि हम कक्षा 8 के छात्र कक्षा 7 के छात्रों के साथ वॉलीबॉल का मैत्रीपूर्ण मैच खेलना चाहते हैं। इसके लिए आगामी शनिवार को मध्यान्तर के बाद तीन बजे का समय उपयुक्त रहेगा।
अतः प्रार्थना है कि हमें मैच खेलने की आज्ञा प्रदान कर अनुगृहीत करेंगे। इस सम्बन्ध में व्यायाम शिक्षकजी को भी उचित निर्देश प्रदान करें।
आपके आज्ञाकारी शिष्य, दिनेशसिंह बघेल
कक्षा मॉनीटर दिनांक 23 जुलाई, 20– व कक्षा-8 के अन्य
सभी छात्र
प्रश्न 9.
आपके मौहल्ले में सफाई करवाने हेतु। नगरपालिका अध्यक्ष को एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवामें,
श्रीमान् अध्यक्ष महोदय,
नगरपालिका,
करौली।
विषय-सफाई के लिए प्रार्थना-पत्र।
मान्यवर,
निवेदन इस प्रकार है कि गत कुछ दिनों से हमारी कॉलोनी ‘कृष्णी विहार में सफाई की व्यवस्था ठीक नहीं है। कूड़ा-कचरा कई दिनों से गलियों और रास्तों में पड़ा सड़ रहा है और दुर्गन्ध देता है। नालियों की सफाई भली-भाँति न होने के कारण हमारी कॉलोनी में विषैले कीटाणु एवं मच्छर बहुत पैदा हो रहे हैं, जो अनेक भयंकर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। सफाई का उचित प्रबन्ध न होने से सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसका बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
अतः निवेदन है कि आप शीघ्र ही सफाई का समुचित प्रबन्ध करवाकर जनता के स्वास्थ्य की रक्षा करें। हम इसके लिए आपके अत्यन्त आभारी रहेंगे।
दिनांक 27 नवम्बर, 20–
विनीत,
हनुमान प्रसाद, असलम,
बहादुरसिंह, चौथमल
निवासी-कृष्णा विहार
करौली
प्रश्न 10.
डाकिया द्वारा डाक-वितरण में असावधानी बरतने की शिकायत का एक प्रार्थना-पत्र लिखिए।
उत्तर:
सेवामें,
श्रीमान् पोस्ट मास्टर महोदय,
उपमुख्य डाकघर,
आदर्शनगर, जैसलमेर।
विषय-डाक-वितरण की असावधानी के सम्बन्ध में।
महोदय,
निवेदन है कि हमारे क्षेत्र में नियुक्त डाकिया (पोस्टमैन) अपने कर्तव्य का पालन ठीक प्रकार से नहीं कर रहा है। वह एक तो समय पर डाक नहीं बाँटता है और पत्रों को सही पते पर भी नहीं पहुँचाता है। प्रतिदिन किसी की डाक किसी दूसरे के घर पर दे जाता है। मनीऑर्डर का वितरण तो वह एक सप्ताह तक नहीं करता है। इससे हमें काफी परेशानी उठानी पड़ती है। कई बार पत्र गुम हो जाने की शिकायत रहती है।
अतः आपसे प्रार्थना है कि या तो इस डाकिये को चेतावनी देकर ठीक से कार्य करने का आदेश दें अथवा किसी दूसरे कर्तव्यनिष्ठ डाकिये को इस क्षेत्र में नियुक्त कर दें। हम आपके आभारी रहेंगे।
धन्यवाद।
दि. 27 अगस्त, 20–
भवदीय, जयवर्द्धन
दीपक मार्ग,
आदर्शनगर, जैसलमेर।
व्यक्तिगत पत्र।
प्रश्न 11.
अपने पिताजी को एक पत्र लिखिए जिसमें आपके विद्यालय में आयोजित जन्माष्टमी पर्व का वर्णन हो।
अथवा
आपके विद्यालय में कई उत्सव, त्योहार मनाए जाते हैं। किसी एक उत्सव या त्योहार का वर्णन पत्र के रूप में लिखकर अपने पिताजी को भेजिए।
उत्तर:
पिताजी को पत्र
15, नेहरू नगर,
सीकर।
11 नवम्बर, 20–
पूज्य पिताजी,
प्रणाम।।
आपका पत्र मिला, पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई। पत्रोत्तर के सम्बन्ध में आपको बताना चाहता हूँ कि हमारे विद्यालय में इस वर्ष जन्माष्टमी का पर्व बड़ी धूमधाम से मनाया गया। प्रधानाध्यापकजी के सान्निध्य और शिक्षकों की उपस्थिति में विद्यालय के सभागार में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य झाँकी सजायी गयी। रात्रि के प्रथम प्रहर से ही सामूहिक रूप में भजन-कीर्तन का मधुर ध्वनियों के बीच गायन प्रारम्भ हुआ। इस भजन-कीर्तन में शिक्षक और शिक्षार्थियों ने सामूहिक व एकल रूप में भाग लिया। रात्रि के ठीक बारह बजे कृष्ण-जन्मोत्सव मनाया गया और प्रसाद वितरण किया गया। हम सब आनन्दित भाव से पूरित होकर अपने-अपने घर शिक्षकों के साथ लौटे।
आशा है कि आपने भी जन्माष्टमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया होगा।
पूज्या माताजी को मेरी ओर से प्रणाम तथा निशा को ढेर सारा प्यार कहना। पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में।
आपका पुत्र,
मनोज सिंह परिहार
प्रश्न 12.
पुस्तकें खरीदने हेतु रुपये मँगवाने के लिये अपने पिताजी को एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
पिताजी को पत्र
39, बापू नगर, जयपुर।
13 नवम्बर, 20–
पूजनीय पिताजी,
सादर चरणस्पर्श।
मैं यहाँ सकुशल हूँ और वहाँ पर सभी की कुशल कामना करता हूँ। मेरी छमाही परीक्षा का परिणाम अच्छा रहा है। सभी विषयों में प्रथम श्रेणी के अंक आये हैं। मुझे कुछ पुस्तकें खरीदनी हैं, इनकी अतीव आवश्यकता है। इसलिये आप मुझे एक सौ रुपये शीघ्र भिजवा दें। मेरी पढ़ाई नियमित चल रही है। इसकी आप चिन्ता न करें।
पूज्या माताजी को प्रणाम तथा निशा को प्यार।।
आपका आज्ञाकारी पुत्र,
अशोक शर्मा
प्रश्न 13.
आप गर्मियों की छुट्टियों में भ्रमण के लिए अजमेर जाना चाहते हैं। आपके मित्र को अपने साथ चलने के लिए एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
मित्र को पत्र
15, नेहरू नगर
सीकर।
7 मई, 20–
प्रिय मित्र मनीष,
सप्रेम नमस्ते।।
आज आपका पत्र मिला, पढ़कर बहुत प्रसन्नता हुई। अब परीक्षाएँ समाप्त हो गई हैं और परीक्षाफल एक-दो। दिन में मिल जायेगा। मेरा विचार गर्मियों की छुट्टियों में भ्रमण के लिये अजमेर जाने का है। वहाँ पर ढाई दिन का झोंपड़ा, तारागढ़ का किला, समीप में ही पुष्कर आदि कई ऐसे स्थान हैं जिन्हें देखने की तीव्र इच्छा है। मैं चाहता हूँ कि आप भी गर्मियों की छुट्टियों में हमारे साथ अजमेर चलें। आपके आ जाने से मुझे अतीव आनन्द मिलेगा। इसलिये शीघ्र पत्रोत्तर द्वारा अपनी स्वीकृति और आने का कार्यक्रम लिख भेजें। मैं आपके पत्रोत्तर की प्रतीक्षा में रहूँगा।
अपने परिवार में सभी को मेरा प्रणाम कहें।
आपका स्नेही,
मनोजसिंह परिहार
प्रश्न 14.
अपने आपको आगरा निवासी संजय कुमार मानते हुए अपने मित्र अजमेर निवासी लोकेश को आगरा के दर्शनीय स्थलों की जानकारी देते हुए आमंत्रण-पत्र लिखो।
उत्तर:
मित्र को आमंत्रण-पत्र
188, शाहगंज,
आगरा।
10 अप्रैल, 20–
प्रिय मित्र लोकेश,
सप्रेम नमस्ते
आज ही तुम्हारा कुशल-पत्र मिला। जानकर खुशी हुई कि आपका ग्रीष्मावकाश 16 मई से हो रहा है। इस बार मैं चाहता हूँ कि आप अपनी माताजी के साथ ग्रीष्मावकाश में कम से कम एक सप्ताह के लिए आगरा मेरे घर पर आओ।। आगरा आने पर मैं आपको आगरा के दर्शनीय स्थल जैसेताजमहल, आगरा फोर्ट, मुगल बाग, मेहताब बाग, जामा मस्जिद, फतेहपुर सीकरी आदि दिखाना चाहता हूँ। क्योंकि इन स्थलों का इतिहास व कला की दृष्टि से विशेष महत्त्व है।
आशा है कि आप मेरे आमंत्रण को स्वीकार कर आगरा आओगे। हम दोनों कुछ दिनों तक साथ रहकर ग्रीष्मावकाश का आनन्द उठायेंगे।
अपने परिवार के सभी अग्रजों को प्रणाम व छोटों को प्यार करें।
आपका स्नेही,
संजय कुमार,
प्रश्न 15.
अपनी वार्षिक परीक्षा के सम्बन्ध में अपने बड़े भाई साहब को एक पत्र लिखिए।
उत्तर:
बड़े भाई को पत्र
58, नया बाड़ा,
कोटा।
17 फरवरी, 20–
पूजनीय भाई साहब,
सादर प्रणाम।
हम सभी यहाँ पर सकुशल हैं तथा आपको ईश्वर की कृपा से सानन्द चाहते हैं। आपका पत्र आज ही मिला। यह जानकर प्रसन्नता हुई कि आपकी नियुक्ति सरकारी सेवा में हो गई है। इस समाचार को सुनकर माताजी बहुत ही प्रसन्न हो रही हैं। मेरा अध्ययन अच्छी तरह चल रहा है। अब मार्च के प्रथम सप्ताह में मेरी वार्षिक परीक्षा है। इस बार मैंने पूरी मेहनत की है। तथा सभी विषयों की तैयारी इस तरह की है कि मैं प्रथम स्थान पाकर उत्तीर्ण हो जाऊँगा। फिर आपका आशीर्वाद मेरे साथ है।
आप मेरी चिन्ता न करें। माताजी आपको आशीर्वाद कह रही हैं।
पत्रोत्तर शीघ्र भेजने की कृपा करें।
आपका आज्ञाकारी अनुज,
अभयकुमार जैन।
प्रश्न 16.
आपकी बहिन की शादी में सम्मिलित होने के लिये अपने मित्र को निमन्त्रण-पत्र लिखिए।
उत्तर:
मित्र को निमन्त्रण-पत्र।
15, सोजती गेट,
जोधपुर।।
14 अक्टूबर, 20–
प्रिय मित्र नरेश,
सप्रेम नमस्ते।
यहाँ सब कुशल हैं और आपको सपरिवार कुशल चाहता हूँ। आपको जानकर प्रसन्नता होगी कि दि. 22 अक्टूबर, 120– को मेरी बड़ी बहिन का शुभ-विवाह होगा। हमारे घर बारात कुचामन सिटी से आयेगी। इस शुभ-अवसर पर मैं आपको भी आमन्त्रित करता हूँ। मुझे आशा है कि आप मेरा आमन्त्रण अवश्य स्वीकार करेंगे तथा विवाह में सम्मिलित होकर हमें कृतार्थ करेंगे। आपका दर्शनाभिलाषी,
स्नेही मित्र,
सुरेन्द्र सिंह
प्रश्न 17.
अपने छोटे भाई के जन्म-दिवस पर आयोजित प्रीतिभोज के लिए एक आमन्त्रण-पत्र लिखिए।
उत्तर:
प्रीतिभोज का निमन्त्रण-पत्र
प्रिय शर्माजी,
सप्रेम नमस्ते।
आपको सहर्ष सूचित किया जाता है कि दिनांक 21 अगस्त, 20– को सायं 6 बजे मेरे छोटे भाई चि. सुरेन्द्र कुमार का जन्म-दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर प्रीतिभोज का आयोजन किया गया है। अतः प्रार्थना है कि उक्त समय आप सपरिवार पधारकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ावें तथा हमें अनुगृहीत करें।
स्थान : 28-ए, सरस निकुंज,
बनीपार्क, जयपुर।
कबीर मार्ग,
दर्शनाभिलाषी,
रामस्वरूप अग्रवाल
एवं समस्त परिवार।
प्रश्न 18.
आप अपने को अजमेर निवासी पारूल मानते हुए अपनी उदयपुर निवासी मित्र नफीसा को ‘प्रतिभा खोज परीक्षा में प्रथम आने पर बधाई-पत्र लिखिए।
उत्तर:
मित्र को बधाई-पत्र
38, आदर्श नगर, अजमेर।
29 सितम्बर, 20–
प्रिय मित्र नफीसा,
सप्रेम नमस्ते।
आज ही तुम्हारा कुशल-पत्र प्राप्त हुआ। तुम्हारे द्वारा प्रतिभा खोज परीक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने का समाचार पढ़कर बहुत ही प्रसन्नता हुई। मित्र, इस सफलता पर तुम्हें हार्दिक बधाई प्रेषित कर आशा करती हूँ कि तुम अध्ययन में इसी प्रकार संलग्न रहकर आगे कक्षाओं को भी प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण करती रहोगी। यही मेरी शुभकामना तथा विश्वास है। मेरी ओर से एक बार पुनः हार्दिक बधाई।
तुम्हारी प्रिय मित्र,
पारूल
प्रश्न 19. स्वयं को आदर्श नगर, जयपुर की खुशाल शर्मा मानते हुए अपने अजमेर निवासी मित्र मनन शर्मा को आठवीं बोर्ड में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर बधाईपत्र लिखिए।
अथवा
स्वयं को गंगानगर का गणेश मानते हुए अपने जयपुर निवासी मित्र महेश की आठवीं बोर्ड में प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण होने पर बधाई-पत्र लिखिए। नोट–(लिखे पत्र में स्थान जयपुर की जगह गंगानगर, मनन शर्मा की जगह महेश तथा खुशाल शर्मा की जगह गणेश लिखा जायेगा।)।
उत्तर:
मित्र को बधाई-पत्र
38, आदर्श नगर,
जयपुर।
30 जुलाई, 20—
प्रिय मित्र मनन,
सप्रेम नमस्ते।
आज ही तुम्हारा कुशल-पत्र प्राप्त हुआ तथा तुम्हारे द्वारा आठवीं कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण करने का समाचार पढ़कर बहुत ही प्रसन्नता हुई। मित्र, इस सफलता पर तुम्हें हार्दिक बधाई प्रेषित करता हूँ। तुम अध्ययन में इसी प्रकार संलग्न रहकर आगे की कक्षाओं को भी प्रथम श्रेणी से। उत्तीर्ण करते रहोगे, यही मेरी शुभकामना तथा विश्वास है। मेरी ओर से एक बार पुनः हार्दिक बधाई।।
तुम्हारा प्रिय मित्र,
खुशाल शर्मा।
प्रश्न 20.
अपने मित्र को एक संवेदना-पत्र लिखिए, जिसमें उसके पिता के असामयिक निधन पर शोक व्यक्त किया गया हो।
उत्तर:
शोक-संवेदना-पत्र
28, कृष्णा सदन,
जयपुर।
8 जुलाई, 20–
प्रिय मित्र,
आज ही मुझे यह दु:खद समाचार ज्ञात हुआ। आपके पूज्य पिताजी के असामयिक निधन से जो क्षति हुई है, वह अब कभी पूरी नहीं हो सकती। इस संसार का विधान ही ऐसा है, ईश्वर की लीला के सामने किसी का वश नहीं चलता। ऐसा सोचकर आपको धैर्य धारण करना चाहिए। हम आपके शोक में सहभागी हैं। परमात्मा से प्रार्थना करते हैं। कि वह दिवंगत आत्मा को शान्ति प्रदान करे और आपके परिवार को यह आघात सहन करने की शक्ति दे। मित्र! धैर्य का अवलम्बन केर स्वयं भी तथा परिजनों को भी सान्त्वना प्रदान करें।
शोक में सहभागी,
प्रदीप भण्डारी
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