RBSE Solutions for Class 8 Science Chapter 1 कृषि प्रबन्धन are part of RBSE Solutions for Class 8 Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 1 कृषि प्रबन्धन.
Board | RBSE |
Textbook | SIERT, Rajasthan |
Class | Class 8 |
Subject | Science |
Chapter | Chapter 1 |
Chapter Name | कृषि प्रबन्धन |
Number of Questions Solved | 70 |
Category | RBSE Solutions |
Rajasthan Board RBSE Class 8 Science Chapter 1 कृषि प्रबन्धन
पाठगत प्रश्न
पृष्ठ 1
प्रश्न 1.
विभिन्न फसलों की जानकारी प्राप्त करने के लिए निम्नलिखित सारणी को भरिए।
उत्तर:
सारणी-पादपों की सामान्य जानकारी
क्र.सं. | पादप का नाम | सामान्यतः उगाए या लगाए जाने का स्थान | फसल प्राप्त करने की अवधि |
1. | आम | खेत के किनारों पर | कई वर्षों तक, प्रति वर्ष निश्चित समय पर |
2. | बेर | खेत के किनारों एवं बीच-बीच में निश्चित दूरी पर | प्रतिवर्ष फल देते हैं |
3. | गेहूँ | खेत के बड़े भाग में | कम अवधि में वर्ष में एक बार उत्पादन |
4. | जौ | खेत के बड़े भाग में | कम अवधि में वर्ष में एक बार उत्पादन |
5. | चना | खेत के बड़े भाग में | कम अवधि में वर्ष में एक बार उत्पादन |
6. | सरसों | खेत के बड़े भाग में | कम अवधि में वर्ष में एक बार उत्पादन |
7. | मक्का | खेत के बड़े भाग में | कम अवधि में वर्ष में एक बार उत्पादन कई स्थानों पर वर्ष में दो बार |
8. | गोभी | खेत के छोटे भाग में | 60 से 120 दिन की अवधि |
9. | भिण्डी | खेत के छोटे भाग में | 80 से 120 दिन की अवधि |
10. | गाजर | खेत के छोटे भाग में | 80 से 110 दिन की अवधि |
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प्रश्न 2.
आप अपने आसपास के क्षेत्र में बोए जाने वाले ( सारणी में सूचीबद्ध) पादपों के समक्ष निर्धारित कॉलम में उनके बोए जाने की ऋतु एवं बोए जाने से लेकर कटाई तक की अनुमानित समयावधि लिखकर पूर्ति करें।
उत्तर:
सारणी-फसली पौधों के नाम, मौसम एवं समयावधि
फसली पादप का नाम | मौसम जिसमें फसल प्राप्त होती है (सर्दी या गर्मी या बरसात) | बोए जाने से लेकर कटाई तक का अनुमानित समय (महीनों में) |
गेहूं | सर्दी | 4 से 5 माह |
जौ | सर्दी | 4 से 5 माह |
मक्का | बरसात | 4 माह |
बाजरा | गर्मी | 2 से 4 माह |
ज्वार | बरसात | 4 माह |
बाजरा | बरसात | 4 माह |
मोठ | बरसात | 4 माह |
सरसों | सर्दी | 4 से 5 माह |
तिल | बरसात | 4 माह |
तरबूज | गर्मी | 3 से 4 माह |
पृष्ठ 3
प्रश्न 3.
ऋतुओं के आधार पर फसलें कितने प्रकार की होती हैं?
उत्तर:
ऋतुओं के आधार पर फसलें तीन प्रकार की होती हैं-
- रबी की फसल
- खरीफ की फसल
- जायद फसल।
प्रश्न 4.
अपने खेत में बोई जाने वाली फसलों को ऋतुओं के आधार पर वर्गीकृत कीजिए।
उत्तर:
ऋतुओं के आधार पर फसलों का वर्गीकरणऋतु
ऋतु | फसल का प्रकार | फसलों का उदाहरण |
सर्दी | रबी | गेहूँ, जौ, चना, मटर, सरसों |
वर्षा | खरीफ | ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंगफली, तिल, मूंग, उड़द |
गर्मी | जायद | खरबूजा, तरबूज, ककड़ी |
पृष्ठ 5
प्रश्न 5.
खेत में फसल की बुआई से पहले हल क्यों चलाते हैं?
उत्तर:
फसल की बुआई से पहले मिट्टी को पोला करने के लिए खेत में हल चलाते हैं।
पृष्ठ 9
प्रश्न 6.
कृषि आसान प्रक्रम नहीं है, इस अवधि में किसान को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ये समस्याएँ क्या-क्या हो सकती हैं? आप इन समस्याओं की एक सूची तैयार करें।
उत्तर:
सारणी-किसान द्वारा कृषि के दौरान अनुभूत समस्याओं का विवरण
क्र.सं. | फसल के प्रक्रम में उत्पन्न समस्याएँ |
1. | खरपतवार |
2. | प्राकृतिक प्रकोप, यथा-बाढ़, सूखा, सर्दी, आग, ओलावृष्टि आदि |
3. | कीटों या फफूद जीवाणुओं व वायरस द्वारा होने वाले रोग |
4. | जानवरों द्वारा नुकसान |
पाठ्यपुस्तक के प्रश्न
सही विकल्प का चयन कीजिए
प्रश्न 1.
गेहूँ एक फसल है
(अ) रबी
(ब) खरीफ
(स) जायद
(द) उपर्युक्त सभी
उत्तर:
(अ) रबी
प्रश्न 2.
सिंचाई का आधुनिक साधन है
(अ) चड़स
(ब) ढेकली
(स) विद्युत पम्प
(द) रहट
उत्तर:
(स) विद्युत पम्प
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
प्रश्न 1.
खेत की मिट्टी में हल चलाकर मिट्टी को पोली बनाना …………… कहलाती है।
उत्तर:
जुताई
प्रश्न 2.
स्वस्थ बीज वजन में …………….. एवं अस्वस्थ बीज”’…………….‘होते हैं।
उत्तर:
भारी, हल्के
प्रश्न 3.
लगातार एक ही फसलें बोने से मिट्टी की …………. क्षमता कम हो जाती है।
उत्तर:
उर्वर
प्रश्न 4.
ऋतुओं के आधार पर फसलें मुख्य रूप से …………….. प्रकार की होती हैं।
उत्तर:
तीन
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
फसल किसे कहते हैं ?
उत्तर:
जब एक ही प्रकार के पादप निश्चित ऋतु में भूमि के बहुत बड़े क्षेत्र में उगाये जाते हैं, तो उसे फसल कहते हैं।
प्रश्न 2.
रबी, खरीफ व जायद फसल के दो-दो उदाहरण दीजिए।
अथवा
निम्नांकित सारणी को अवलोकन कर पूर्ति कीजिए
क्र.सं. | फसल का नाम | उदाहरण-1 | उदाहरण-2 |
1. | रबी | ||
2. | खरीफ | ||
3. | जायद |
उत्तर:
क्र.सं. | फसल का नाम | उदाहरण-1 | उदाहरण-2 |
1. | रबी | गेहूं | जौ |
2. | खरीफ | मक्का | मूंगफली |
3. | जायद | खरबूजा | तरबूज |
प्रश्न 3.
श्रेशिंग किसे कहते हैं?
उत्तर:
बीज के दानों को भूसे से अलग करने की क्रिया श्रेशिंग कहलाती है।
प्रश्न 4.
सिंचाई के कौन-कौन से साधन हैं?
उत्तर:
सिंचाई के प्रमुख साधन निम्न हैं
(i) पारम्परिक साधन-
- चड़स
- ढेकली
- रहट
- मोट
(ii) आधुनिक साधन-
- नलकूप
- विद्युत पम्प
- डीजल पम्प
दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
सिंचाई की आधुनिक पद्धतियाँ कौन-कौन सी हैं? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
सिंचाई की आधुनिक पद्धतियाँ निम्न हैं
- छिड़काव
- ड्रिप तंत्र
1. छिड़कावे तंत्र (Sprinkler System)- इस विधि का उपयोग असमतल भूमि के लिए किया जाता है जहाँ पर जल कम मात्रा में उपलब्ध है। पाइपों के ऊपरी सिरों पर घूमने वाले नोजल लगे होते हैं। ये पाइप निश्चित दूरी पर मुख्य पाइप से जुड़े होते हैं। जब पम्प की सहायता से जल मुख्य पाइप में भेजा जाता है तो वह घूमते हुए नोजल से बाहर निकलता है। इसका छिड़काव पौधों पर इस प्रकार होता है जैसे वर्षा हो रही हो। छिड़काव बलुई मिट्टी के लिए अत्यन्त उपयोगी है।
2. ड्रिप तंत्र (Drip System)- इस विधि में जल बूंदबूंद करके पौधों की जड़ों में गिरता है। फलदार पौधों, बगीचों एवं वृक्षों को पानी देने का यह सर्वोत्तम तरीका है। इसमें पौधे को बूंद-बूंद करके जल प्राप्त होता है। इस विधि में जल बिल्कुल व्यर्थ नहीं होता। इस विधि का उपयोग समतल भूमि के लिए किया जाता है।
प्रश्न 2.
किसान को कृषि में किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है? उनसे निपटने के लिए आप क्या उपाय सुझाएंगे?
उत्तर:
हम जानते हैं कि किसान फसल पकने पर उसे काटकर खेत से सुरक्षित घर ले आये तब जाकर उसकी मेहनत सफल होती है क्योंकि किसान को बुवाई से लेकर फसल के पकने तक कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है, जिनमें प्रमुख समस्याएँ तथा उनसे निपटने के उपाय निम्न प्रकार हैं
1. खरपतवार- ये फसल के साथ उगने वाले अनावश्यक पौधे हैं जो आवश्यक पोषक तत्त्व मुख्य फसली पौधों तक नहीं पहुँचने देते जिससे पैदावार में कमी आती है। इससे मुक्ति पाने के लिए निराई-गुड़ाई समय पर करना आवश्यक है। खरपतवारे को हटाने के लिए फसल उगाने से पहले खेत को जोतने से खरपतवार पौधे उखड़ जाते हैं जो सूखकर मर जाते हैं । खरपतवारनाशी रसायनों के उपयोग से भी खरपतवार पौधे नष्ट हो जाते हैं अतः समय-समय पर किसानों को इनका छिडकाव करना चाहिए।
2. प्राकृतिक प्रकोप- हम जानते हैं कि बाढ़ (अतिवृष्टि), सूखा (अनावृष्टि), अधिक सर्दी या अधिक गर्मी, आग आदि ऐसी बाधाएँ हैं जो फसली पौधों को नष्ट कर देती हैं। अधिक जल से खेत की खाद, मिट्टी बह जाती है या अधिक गर्मी से फसल जल जाती है। अतः अधिक वर्षा से निपटने के लिए जल निकास का प्रबन्ध आवश्यक है तथा सूखा पड़ने पर सिंचाई आवश्यक है। अधिक सर्दी से फसल को बचाने के लिए खेतों में जल अधिक रहना आवश्यक है। इससे फसल पाले से सुरक्षित हो सकती है। आग से सुरक्षा के उपाय भी किसान को करने चाहिए।
3. कीट व जीवाणु- कई हानिकारक कीट व जीवाणु (फफूद) आदि फसली पादपों को हानि पहुँचाते हैं। ये पत्तियों व तनों को नष्ट कर देते हैं जिससे फसल सूख जाती है। समय-समय पर क्षेत्र के अनुसार विभिन्न कीटनाशकों का छिड़काव करते रहना चाहिए जिससे ये फसल को नुकसान नहीं पहुँचा सकें। कीटनाशकों की जानकारी किसानों को ग्रामीण क्षेत्र में स्थापित संस्थाओं से लेते रहनी चाहिए।
4. जानवर- कई बार पालतू तथा आवारा पशु खेतों में चले जाते हैं। ये फसल को खाते भी हैं तथा पैरों से फसल को रौंदते भी हैं। इससे फसल पकने से पहले ही नष्ट हो जाती है। अतः खेत की सुरक्षा के लिए बाड़ का उचित प्रबन्ध होना चाहिए। इसके लिए खेत के चारों ओर तार या मिट्टी की दीवार बनाना आवश्यक है।
अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न
वस्तुनिष्ठ प्रश्न
प्रश्न 1.
डीजल पम्प जैसे आजकल सिंचाई के कई साधन हैं, निम्नलिखित में से कौनसा सिंचाई का आधुनिक साधन है
(अ) ढेकली
(ब) विद्युत पम्प
(स) रहट
(द) मोट
उत्तर:
(ब) विद्युत पम्प
प्रश्न 2.
ऋतुओं के आधार पर फसलें कई प्रकार की होती हैं, निम्न में से ज्वार, मक्का, मूंग आदि के प्रकार वाली फसल का नाम बताइए
(अ) रबी की फसल
(ब) जायद फसल
(स) खरीफ की फसल
(द) उपरोक्त सभी
उत्तर:
(स) खरीफ की फसल
प्रश्न 3.
कई फसलें गुणों में समान होती हैं। मिर्च, धनिया, अजवाइन वाली फसलें किस नाम से जानी जाती हैं?
(अ) अनाजी फसलें
(ब) दलहनी फसलें
(स) तिलहनी फसलें
(द) मसाले वाली फसलें
उत्तर:
(द) मसाले वाली फसलें
प्रश्न 4.
मिट्टी की उर्वरक क्षमता बनाये रखने हेतु कुछ पोषक पदार्थ मिट्टी में मिलाये जाते हैं, इन पोषक पदार्थों को कहते हैं
(अ) एग्रो पदार्थ
(ब) कीटनाशक
(स) रसायन
(द) खाद एवं उर्वरक
उत्तर:
(द) खाद एवं उर्वरक
प्रश्न 5.
जायद की फसल में अनेक चीजें उत्पन्न की जाती हैं। निम्न में जायद फसल का उदाहरण नहीं है-
(अ) खरबूजी
(ब) तरबूज
(स) मूंगफली
(द) ककड़ी
उत्तर:
(स) मूंगफली
प्रश्न 6.
फसलों को अनेक वर्गों में रखा जा सकता है। अरहर, मूंग, चना को कहा जाता है
(अ) तिलहनी
(ब) दलहनी
(स) अनाजी
(द) सब्जी वाली
उत्तर:
(ब) दलहनी
प्रश्न 7.
मिट्टी में पोषक तत्वों के स्तर को बनाए रखने के लिए मिलाते हैं
(अ) कीटनाशी
(ब) जल
(स) खाद
(द) बीज
उत्तर:
(स) खाद
प्रश्न 8.
सिंचाई के लिए निम्न में से पारंपरिक तरीका नहीं है
(अ) चेन पम्प
(ब) ढेकली
(स) ड्रिप तंत्र
(द) रहट
उत्तर:
(स) ड्रिप तंत्र
प्रश्न 9.
आजकल कृषि में अनेक यंत्रों का उपयोग किया जाता है। हार्वेस्टर यंत्र का उपयोग किया जाता है
(अ) फसल कटाई में
(ब) फसल के दानों को भूसे से अलग करने में
(स) खरपतवार हटाने में
(द) बीज की बुवाई में
उत्तर:
(अ) फसल कटाई में
प्रश्न 10.
निम्नलिखित में से रबी की फसल है–
(अ) मक्का
(ब) मटर
(स) मूंग
(द) मूंगफली
उत्तर:
(ब) मटर
रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. भोजन में कम काम आने वाले पादप आम, बेर आदि अपेक्षाकृत ‘भूमि पर उगाये जाते हैं। (कम/अधिक)
2. जब एक ही प्रकार के पादप निश्चित ऋतु में भूमि के बहुत बड़े क्षेत्र में उगाये जाते हैं तो उसे …………… “कहते हैं। (वन/फसल)
3. फसल उगाने से पहले किसान सबसे पहले …………….. को तैयार करता है। (खाद/मिट्टी)
4. परिवेश में फसलों से पर्यावरण’ …………….. रहता। (शुद्ध/अशुद्ध)
उत्तर:
1. कम
2. फसल
3. मिट्टी
4. शुद्ध
बताइए निम्नलिखित कथन सत्य हैं या असत्ये
1. सरसों तथा अलसी खरीफ फसल के उदाहरण हैं।
2. आजकल जुताई ट्रैक्टर द्वारा संचालित कल्टीवेटर से की जाती है।
3. खाद से मिट्टी की जल-धारण क्षमता में वृद्धि होती है।
4. खरपतवार हटाने को कटाई कहते हैं।
उत्तर:
1. असत्य
2. सत्य
3. सत्य
4. असत्य
सही मिलान कीजिए
प्रश्न 1.
निम्नांकित का सही मिलान कीजिए
क्र.सं. | कॉलम (अ) | कॉलम (ब) |
1. | जायद फसल | (i) मूंगफली, सोयाबीन, अरण्डी |
2. | रबी फसल | (ii) खरबूजा, ककड़ी, तरबूज |
3. | तिलहनी फसल | (iii) गेहूँ, जौ, चना |
4. | खेत जुताई के साधन | (iv) हल कुदाली, कल्टीवेटर |
उत्तर:
1. (ii)
2. (iii)
3. (i)
4. (iv)
प्रश्न 2.
निम्नांकित का सही मिलान कीजिए
क्र.सं. | कॉलम (अ) | कॉलम (ब) |
1. | सिंचाई के पारम्परिक साधन | (i) हनुमानगढ़, कोटा, बाँसवाड़ा |
2. | चावल उत्पादक क्षेत्र | (ii) जयपुर, जोधपुर, बाड़मेर |
3. | बाजरा उत्पादक क्षेत्र | (iii) नलकूप, विद्युत पम्प, डीजल पम्प |
4. | सिंचाई के आधुनिक | (iv) चड़स, ढेकली, रहट |
उत्तर:
1. (iv)
2. (i)
3. (ii)
4. (iii)
अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
फसलीय पादप किसे कहते हैं ?
उत्तर:
मानव.व जन्तुओं के लिए भोजन की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु निश्चित समयान्तराल पर उगाए जाने वाले पादप फसलीय पादप कहलाते हैं।
प्रश्न 2.
निम्न समान गुणों वाली फसलों के दो-दो उदाहरण दीजिए
(i) तिलहनी
(ii) मसाले वाली
उत्तर:
(i) तिलहनी फसलें-
- अलसी
- सरसों
(ii) मसाले वाली फसलें
- धनिया
- हल्दी।
प्रश्न 3.
खेत की जुताई से क्या आशय है? इस कार्य में उपयोगी साधन कौन-कौन से हैं ?
उत्तर:
मिट्टी में हल चलाकर उसे उलट-पलट कर, पोला बनाने की क्रिया को जुताई कहते हैं। इस कार्य में काम आने वाले उपयोगी साधने हल, कुदाली, ट्रैक्टर संचालित कल्टीवेटर आदि हैं।
प्रश्न 4.
किसान खेत में खाद अथवा उर्वरक क्यों मिलाते हैं?
उत्तरे:
मिट्टी में पोषक तत्वों के स्तर को बनाये रखने या मिट्टी की उर्वरता (उपजाऊपन) बनाये रखने के लिए किसान खेत में खाद एवं उर्वरक मिलाते हैं। इससे खेत में फसल की उत्पादन क्षमता बढ़ जाती है।
प्रश्न 5. सिंचाई के लिए प्रयुक्त आधुनिक साधनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
सिंचाई के आधुनिक साधन-
- नलकूप
- विद्युत पम्प
- डीजल पम्प
प्रश्न 6.
सिंचाई के पारम्परिक साधनों के कोई चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर:
सिंचाई के पारम्परिक साधन
- चड़स
- ढेकली
- रहट
- मोट
प्रश्न 7.
खरपतवार से बचाव के दो तरीके बतलाइए।
उत्तर:
- समय पर निराई-गुड़ाई करना।
- खरपतवारनाशी का उपयोग करना।
प्रश्न 8.
बीजों का बड़े पैमाने पर भण्डारण कहाँ करते हैं?
उत्तर:
साइलो और भण्डारगृहों में।
प्रश्न 9.
होली के पर्व पर काटी जाने वाली दो फसलों के नाम लिखिए।
उत्तर:
होली के पर्व पर गेहूं व चने की फसल काटी जाती है।
प्रश्न 10.
फसल कटाई का कार्य किस प्रकार किया जाता
उत्तर:
पुराने समय में फसल कटाई में हंसिया या दरांती से फसल पादप को काटा जाता था। आजकल हार्वेस्टर मशीन द्वारा फसल की कटाई का कार्य किया जाता है।
प्रश्न 11.
रबी और खरीफ की फसल के दो-दो उदाहरण लिखिए।
उत्तर:
रबी की फसल-
- जौ
- चना
खरीफ की फसल-
- ज्वार
- मूंगफली
प्रश्न 12.
सिंचाई की दो आधुनिक विधियों के नाम लिखिए।
उत्तर:
- छिड़काव तंत्र
- ड्रिप तंत्र
प्रश्न 13.
काम्बाईन मशीन (श्रेशर) का क्या उपयोग है?
उत्तर:
काम्बाईन मशीन का उपयोग बड़े खेतों में दाने को भूसे से अलग करने में किया जाता है।
प्रश्न 14.
एम.एस. स्वामीनाथन क्यों विख्यात हैं?
उत्तर:
वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन आनुवंशिकी विशेषज्ञ हैं तथा भारत की हरित क्रान्ति में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका के कारण ये विश्वविख्यात हैं।
प्रश्न 15.
फसल उत्पादन प्रक्रिया क्या है?
उत्तर:
किसान द्वारा फसल बोने से पूर्व खेत को तैयारी से लेकर तैयार फसल को मंडी में बेचने के लिए ले जाने तक की सम्पूर्ण प्रक्रिया फसल उत्पादन प्रक्रिया कहलाती
प्रश्न 16.
खेत में हल चलाने के दो प्रमुख साधन अथवा तरीके क्या हैं?
उत्तर:
खेत में हल चलाने के दो प्रमुख साधन अथवा तरीके हैं-
- पशुओं द्वारा (पारम्परिक तरीका)
- ट्रैक्टर द्वारा (आधुनिक तरीका)
प्रश्न 17.
क्या आप जानते हैं कि खेत में फसल के उगने एवं खाद मिलाने के पश्चात् किसान क्या करता है?
उत्तर:
खेत में फसल के उगने एवं खाद मिलाने के पश्चात् किसान फसल को पानी पिलाता है अर्थात् सिंचाई करता है।
प्रश्न 18.
सिंचाई किसे कहते हैं ?
उत्तर:
कई प्रकार के कृत्रिम साधनों द्वारा समय-समय पर फसल को जल की आवश्यकता की पूर्ति करना सिंचाई कहलाता है।
प्रश्न 19.
खरपतवार क्या है?
उत्तर:
फसल के साथ उगने वाले अनावश्यक पौधे, जो फसल को आवश्यक पोषक तत्त्व उचित मात्रा में नहीं पहुँचने देते हैं, खरपतवार कहलाते हैं।
प्रश्न 20.
साईलो किसे कहते हैं ?
उत्तर:
अधिक अनाज के भण्डारण हेतु मण्डियों में भण्डार गृह होते हैं, जहाँ अनाज को सुरक्षित रखा जाता है, इन्हें ही साईलो कहते हैं।
लघूत्तरात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
दैनिक उपयोग एवं समान गुणों के आधार पर फसलों का वर्गीकरण आप किस प्रकार करेंगे? सारणीबद्ध कीजिए।
उत्तर:
दैनिक उपयोग एवं समान गुणों के आधार पर फसलों का वर्गीकरण
क्र.सं. | समान गुणों वाली फसलें | उदाहरण | दैनिक उपयोग |
1. | अनाजी | गेहूँ, जौ, ज्वार, मक्का, बाजरा आदि। | रोटी व दलिया |
2. | दलहनी | अरहर, मूंग, चना, मसूर, उड़द | दाल |
3. | तिलहनी | मूंगफली, तिल, अलसी, सरसों, सोयाबीन, अरंडी | तेल |
4. | मसाले वाली | मिर्च, धनिया, अजवाइन, जीरा, हल्दी | मसाले |
5. | फल या सब्जी वाली | आम, बेर, मौसमी, माल्टा, भिण्डी, लौकी, तुरई, गोभी, टिण्डा | फल व सब्जियाँ |
6. | अन्य फसलें | औषधियाँ | औषधि एवं चारा | औषधियाँ व चारा |
प्रश्न 2.
निम्न बॉक्स को सही क्रम में इस प्रकार लगाइए कि गेहूं की फसल उगाने का रेखाचित्र तैयार हो जाए
उत्तर:
प्रश्न 3.
खेत की जुताई से क्या आशय है? इससे क्या लाभ हैं?
अथवा
पोली मिट्टी के लाभ बतलाइए।
उत्तर:
जुताई-मिट्टी में हल चलाकर उलट-पलट कर पोला बनाना जुताई कहलाती है। जुताई अथवा मिट्टी पोली करने के निम्न लाभ हैं
- इससे बीज का अंकुरण सही होता है क्योंकि जमीन पोली होने से बीज थोड़ा नीचे चला जाता है।
- इससे जड़ें गहराई में आसानी से वृद्धि करती हैं।
- पोली जमीन से वायु जड़ों में आसानी से पहुँचती है, इससे जड़े श्वसन आसानी से कर लेती हैं।
- मिट्टी में रहने वाले लाभदायक जीवाणु केंचुओं आदि की वृद्धि हो जाती है जो फसल उत्पादन में सहायक है।
- भूमि के उलट-पलट करने से ऊपरी उपजाऊ भूमि समान रूप से फैल जाती है।
प्रश्न 4.
फसल के लिए उत्तम किस्म के बीजों का चयन अच्छा रहता है। यह चयन किस प्रकार किया जाता है?
उत्तर:
बोने से पहले अच्छी गुणवत्ता वाले बीजों का चयन करना चाहिए। अच्छी गुणवत्ता वाले बीज, अच्छी किस्म के साफ एवं स्वस्थ बीज होते हैं। अच्छे बीज से फसल की मात्रा में वृद्धि होती है तथा फसल गुणात्मक दृष्टि से भी अच्छी होती है। अच्छे बीजों को पानी में डालने पर वे पानी में बैठ जाते हैं। पानी पर तैरने वाले बीज खोखले तथा क्षतिग्रस्त होते हैं। इस विधि द्वारा किसान स्वस्थ एवं उत्तम बीजों को पहचान कर उन्हें अलग कर लेते हैं।
प्रश्न 5.
उर्वरक क्या है? ये कितने प्रकार के होते हैं? इनसे क्या लाभ हैं?
उत्तर:
उर्वरक- ये रासायनिक पदार्थ हैं जो विशेष पोषकों से समृद्ध होते हैं। इनका उत्पादन फैक्ट्रियों में किया जाता है। उर्वरक सामान्यतया निम्न प्रकार के होते हैं-
- यूरिया
- अमोनियम सल्फेट
- सुपर फॉस्फेट
- पोटाश आदि
लाभ-
उर्वरक के उपयोग से हमें गेहूँ, धान तथा मक्का जैसी फसलों की अच्छी उपज प्राप्त करने में सहायता मिलती है।
प्रश्न 6.
उर्वरकों की तुलना में जैविक खाद का उपयोग लाभदायक है। किसानों को जैविक खाद के उपयोग की सलाह दी जाती है, क्यों?
अथवा
आपके विचार में जैविक खाद को उर्वरक की तुलना में अच्छा क्यों माना जाता है? इसके लाभ बताइए।
उत्तर:
जैविक खाद- यह एक प्राकृतिक पदार्थ है जो गोबर, मानव अपशिष्ट एवं पौधों के अवशेषों के विघटन से प्राप्त होता है। जैविक खाद को उर्वरक की तुलना में अच्छा माना जाता है। खाद के उपयोग से हमें निम्न लाभ मिलते हैं
- जैविक खाद मिट्टी का पुनर्गठन करने में अधिक सक्षम है।
- जैविक खाद में लाभदायक जीवाणुओं की वृद्धि तेजी से होती है।
- इससे मिट्टी पोली बनी रहती है जिससे जड़ों में श्वसन क्रिया सरलता से होती है।
- जैविक खाद से मिट्टी की जल धारण करने की क्षमता बढ़ जाती है।
प्रश्न 7.
पौधों को जल क्यों आवश्यक है? समझाइए।
अथवा
सिंचाई से फसल को क्या लाभ हैं?
अथवा
सिंचाई से फसलों को होने वाले तीन लाभ लिखिए।
उत्तर:
पौधों के लिए जल का महत्त्व-पौधों हेतु सिंचाई अथवा जल का महत्त्व निम्न प्रकार स्पष्ट है
- बीजों का अंकुरण शुष्क अवस्था में असम्भव है, जल के माध्यम से ही अंकुरण सम्भव है।
- वाष्पोत्सर्जन क्रिया हेतु पत्तियों को जल की आवश्यकता की पूर्ति हो जाती है।
- पौधे के फूल, फल एवं बीज की वृद्धि एवं परिवर्धन हेतु जल अतिआवश्यक है।
- जल पौधों को जड़ों द्वारा प्राप्त होता है। जल के साथ खनिजों व उर्वरकों का भी अवशोषण होता है।
- जल ही फसल की पाले एवं गर्म हवा से रक्षा करता
प्रश्न 8.
ऋतुओं के आधार पर फसलें कितने प्रकार की होती हैं? उदाहरण सहित बतलाइए।
उत्तर:
ऋतुओं के आधार पर फसलें निम्न तीन प्रकार की होती हैं
- रबी की फसल-रबी की फसल का समय अक्टूबर से फरवरी के मध्य का होता है। इसकी प्रमुख फसलें हैं-गेहूँ, जौ, चना, मटर, सरसों आदि
- खरीफ की फसल-यह जून से सितम्बर के मध्य की फसल होती है। उदाहरण-ज्वार, बाजरा, मक्का, मूंगफली, तिल, मूंग, उड़द आदि।
- जायद फसल-यह मार्च से जून के मध्य की फसल होती है। उदाहरण-खरबूजा, तरबूज, ककड़ी, लौकी आदि।
प्रश्न 9.
आपके विचार में खेती के मुख्य चरण कौनसे होते हैं? बतलाइए।
उत्तर:
खेती के निम्नलिखित मुख्य चरण हैं
- मिट्टी तैयार करना अथवा जुताई
- बुआई करना
- खाद या उर्वरक देना
- सिंचाई करना।
- फसल की सुरक्षा करना
- फसल काटना
- अनाज का भण्डारण करना।
प्रश्न 10.
किसान काटी गई फसल से बीज अथवा दानों को भूसे से अलग करता है। यह कार्य वह किस प्रकार करता है?
उत्तर:
प्रायः छोटे खेत वाले किसान तथा बड़े खेत वाले किसान इस कार्य को अलग-अलग प्रकार से करते हैं
- छोटे खेत वाले किसान अनाज के दानों को हवा में फटक कर अलग कर लेते हैं। अनाज के दाने भारी होने से पास ही नीचे गिरते रहते हैं और भूसा (चारा) उड़कर दूर इकट्ठा हो जाता है।
- बड़े खेतों वाले किसान काम्बाईन मशीन (श्रेशर): से फटकने का कार्य करते हैं जो शीघ्रता से हो जाता है।
प्रश्न 11.
खाद एवं उर्वरक में क्या अन्तर है? अपने अनुभवों के आधार पर बताइए।
उत्तर:
खाद एवं उर्वरक में अन्तर
क्र.सं. | खाद | उर्वरक |
1. | खाद प्राकृतिक (जैविक) पदार्थ है | उर्वरक कृत्रिम (रासा-यनिक) पदार्थ है |
2. | प्राकृतिक खाद को खेतों में बनाया जाता है। जैसे-फैक्ट्रियों कम्पोस्ट खाद, वर्मी कम्पोस्ट खाद। | उर्वरक रासायनिक क्रियाओं द्वारामें बनाये जाते हैं । जैसे-यूरिया, अमोनिया, सल्फेट, सुपर फॉस्फेट, पोटाश आदि |
3. | प्राकृतिक खाद में ह्यूमस होती है। | उर्वरक में ह्यूमस उपस्थित नहीं होता है |
प्रश्न 12.
जैविक खाद एवं उर्वरक में से किसका उपयोग ज्यादा करना चाहिए?
उत्तर:
जैविक खाद उर्वरक से बेहतर होती है। जैविक खाद में ह्यूमस होती है तथा ये मृदा की उर्वरा क्षमता को बढ़ाती है जबकि उर्वरक में ह्यूमस का अभाव होता है। अतः जैविक खाद का उपयोग ज्यादा करना चाहिए।
प्रश्न 13.
अनाज का भण्डारण किस प्रकार किया जाता है? समझाइए।
उत्तर:
अनाज का भण्डारण-श्रेशिंग कार्य के बाद किसान अनाज को बोरियों में भरकर घर ले आता है एवं चारा पशुओं के खाने के लिए इकट्ठा कर लेता है। घर पर लाए गए अनाज का किसान द्वारा भण्डारण किया जाता है। आवश्यकतानुसार घर पर रखकर शेष को मण्डी में बेच आता है। घर में रखे गए अनाज को अनेक उपायों द्वारा नमी, कीट, चूहे, सूक्ष्मजीवों से सुरक्षित रखा जाता है। अधिक अनाज के भण्डारण हेतु मण्डियों में भण्डार गृह होते हैं जिन्हें साईलो कहते हैं, का उपयोग किया जाता है।
प्रश्न 14.
फसल की कटाई से क्या आशय है? इस के लिए किन-किन उपकरणों का उपयोग किया जाता है?
उत्तर:
जब खेतों में खड़ी फसल पककर तैयार हो जाती है तो इसे काटना फसल की कटाई कहलाता है। कटाई की प्रक्रिया में या तो पौधों को खींचकर उखाड़ लेते हैं। अथवा उसे धरातल के निकट से काट लेते हैं। फसलों की कटाई के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरणों के नाम हैं-हंसिया या दराँती (Sickle) तथा हार्वेस्टर। पहले फसलों की कटाई अधिकतर हंसिये तथा दाँती द्वारा की जाती थी। वर्तमान में अधिकांश किसान फसलों की कटाई के लिए हार्वेस्टर नामक फसल काटने के यन्त्र का उपयोग करने लगे हैं।
प्रश्न 15.
कृषि के क्षेत्र में एम.एस. स्वामीनाथन का क्या सहयोग रहा है? इनके जीवनवृत्त के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर:
एम.एस. स्वामीनाथन- ये आनुवंशिकी विशेषज्ञ के रूप में जाने जाते हैं तथा भारत की हरित क्रान्ति में इनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका रही है। इन्होंने 1966 में
मैक्सिको के बीजों को पंजाब की घरेलू किस्मों के साथ मिश्रित करके उच्च उत्पादकता वाले गेहूँ के संकर बीज विकसित किये। इस कार्यक्रम के तहत इन्होंने गेहूँ तथा चावल का उत्पादन बढ़ाकर भारतवर्ष को खाद्यान्न के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बना दिया था।
जीवनवृत्त- इनका जन्म 7 अगस्त, 1925 को कुम्भकोणम् । तमिलनाडु में हुआ। इन्हें विज्ञान एवं अभियांत्रिकी क्षेत्र में भारत सरकार द्वारा सन् 1967 में पद्मश्री, 1972 में | पद्मभूषण और 1989 में पद्मविभूषण से सम्मानित किया गया।
निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
“फसलों द्वारा पर्यावरण शुद्ध एवं स्वच्छ रहता है।” क्या आप इस कथन से सहमत हैं? समझाइए।
अथवा
आपके विचार में फसलें पर्यावरण को किस प्रकार प्रभावित करती हैं?
उत्तर:
फसलों से पर्यावरण शुद्ध एवं स्वच्छ रहता है। यह कथन सत्य है। फसलें हरी-भरी होती हैं जो पर्यावरण को स्वच्छ रखने में सहायक हैं। फसलों के कारण हमारे आसपास का वातावरण हरा-भरा रहता है, जिससे वायुमण्डल शुद्ध रहता है। अतः यह सही है कि पर्यावरण को फसलें सीधे-सीधे प्रभावित करती हैं। इसे निम्न प्रकार समझा जा सकता है
- परिवेश में फसलों से पर्यावरण शुद्ध रहता है।
- फसलें वायुमण्डल की आर्द्रता बनाये रखने में। सहायक होती हैं।
- फसलें वायुमण्डल में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा नियंत्रित एवं संतुलित बनाये रखने में उपयोगी होती हैं।
- ये आसपास के वातावरण का तापमान भी नियंत्रित रखती हैं।
- ये आँधी, तूफान व बाढ़ से भूमि की ऊपरी उपजाऊ परत को हानि से बचाती हैं।
- ये वायु-ध्वनि प्रदूषण कम करती हैं।
- फसलें जन्तुओं को जीवन एवं सुरक्षा देती हैं।
प्रश्न 2.
राजस्थान के विभिन्न जिलों में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलों को तालिका बनाकर दर्शाइए।
उत्तर:
राजस्थान के विभिन्न जिलों में उगाई। जाने वाली प्रमुख फसलें फसल
फसल | प्रमुख उत्पादक जिले |
बाजरा | अलवर, जयपुर, नागौर, जोधपुर, सीकर, बाड़मेर |
मक्का | चित्तौड़गढ़, उदयपुर, भीलवाड़ा, बाँसवाड़ा, राजसमंद |
ज्वार | अजमेर, पाली, टोंक, भरतपुर, अलवर |
चावल | हनुमानगढ़, बूंदी, कोटा, प्रतापगढ़, बाँसवाड़ा |
गेहूँ | श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, अलवर, भरतपुर, बूंदी |
जौ | जयपुर, हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, अलवर, सीकर |
मोठ | चूरू, बीकानेर, नागौर, जोधपुर |
चना | हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर, बीकानेर,झुंझुनूं |
मूंग | नागौर, जोधपुर, जालोर, जयपुर, बाड़मेर |
चवला | सीकर, नागौर, झुंझुनूं. |
अरहर | उदयपुर, टोंक, जयपुर |
मूंगफली | बीकानेर, सीकर, चूरू, जयपुर |
सरसों | श्रीगंगानगर, भरतपुर, अलवर |
तारामीरा | श्रीगंगानगर, जालोर, पाली, जयपुर |
सोयाबीन | झालावाड़, चित्तौड़, बाएँ |
कपास | हनुमानगढ़, कोटा, बूंदी, श्रीगंगानगर |
जीरा | जालोर, जोधपुर, बाड़मेर |
धनिया | बाराँ, झालावाड़, कोटा |
प्रश्न 3.
राजस्थान में प्रमुख फल एवं सब्जी तथा उनके उत्पादक क्षेत्रों को एक तालिका बनाकर दर्शाइए।
उत्तर:
राजस्थान में प्रमुख फल एवं सब्जी उत्पादक क्षेत्र
फल या सब्जी का नाम | सर्वाधिक उत्पादन वाला क्षेत्र |
संतरा | झालावाड़ |
नींबू | धौलपुर |
अमरूद | सवाई माधोपुर |
मटर या टमाटर | जयपुर |
बेर | जयपुर |
आंवला | जयपुर |
मतीरा | टोंक |
मिर्ची | सवाई माधोपुर |
अदरक | उदयपुर |
लहसुन | कोटा |
माल्टा | श्रीगंगानगर |
अंगूर | श्रीगंगानगर |
ककड़ी | बीकानेर |
खरबूजा | पाली |
आम | चित्तौड़गढ़ |
सौंफ | सिरोही |
अजवाईन | चित्तौड़गढ़ |
प्याज | जोधपुर, सीकर, अलवर |
केला | बाँसवाड़ा |
मौसमी | श्रीगंगानगर |
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