• Skip to main content
  • Skip to secondary menu
  • Skip to primary sidebar
  • Skip to footer
  • RBSE Model Papers
    • RBSE Class 12th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 10th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 8th Board Model Papers 2022
    • RBSE Class 5th Board Model Papers 2022
  • RBSE Books
  • RBSE Solutions for Class 10
    • RBSE Solutions for Class 10 Maths
    • RBSE Solutions for Class 10 Science
    • RBSE Solutions for Class 10 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 10 English First Flight & Footprints without Feet
    • RBSE Solutions for Class 10 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 10 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 10 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 10 Physical Education
  • RBSE Solutions for Class 9
    • RBSE Solutions for Class 9 Maths
    • RBSE Solutions for Class 9 Science
    • RBSE Solutions for Class 9 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 9 English
    • RBSE Solutions for Class 9 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 9 Sanskrit
    • RBSE Solutions for Class 9 Rajasthan Adhyayan
    • RBSE Solutions for Class 9 Physical Education
    • RBSE Solutions for Class 9 Information Technology
  • RBSE Solutions for Class 8
    • RBSE Solutions for Class 8 Maths
    • RBSE Solutions for Class 8 Science
    • RBSE Solutions for Class 8 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 8 English
    • RBSE Solutions for Class 8 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 8 Sanskrit
    • RBSE Solutions

RBSE Solutions

Rajasthan Board Textbook Solutions for Class 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 and 12

  • RBSE Solutions for Class 7
    • RBSE Solutions for Class 7 Maths
    • RBSE Solutions for Class 7 Science
    • RBSE Solutions for Class 7 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 7 English
    • RBSE Solutions for Class 7 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 7 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 6
    • RBSE Solutions for Class 6 Maths
    • RBSE Solutions for Class 6 Science
    • RBSE Solutions for Class 6 Social Science
    • RBSE Solutions for Class 6 English
    • RBSE Solutions for Class 6 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 6 Sanskrit
  • RBSE Solutions for Class 5
    • RBSE Solutions for Class 5 Maths
    • RBSE Solutions for Class 5 Environmental Studies
    • RBSE Solutions for Class 5 English
    • RBSE Solutions for Class 5 Hindi
  • RBSE Solutions Class 12
    • RBSE Solutions for Class 12 Maths
    • RBSE Solutions for Class 12 Physics
    • RBSE Solutions for Class 12 Chemistry
    • RBSE Solutions for Class 12 Biology
    • RBSE Solutions for Class 12 English
    • RBSE Solutions for Class 12 Hindi
    • RBSE Solutions for Class 12 Sanskrit
  • RBSE Class 11

RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 24 राष्ट्रीय आन्दोलन

March 8, 2019 by Fazal Leave a Comment

RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 24 राष्ट्रीय आन्दोलन are part of RBSE Solutions for Class 8 Social Science. Here we have given Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 24 राष्ट्रीय आन्दोलन.

Board RBSE
Textbook SIERT, Rajasthan
Class Class 8
Subject Social Science
Chapter Chapter 24
Chapter Name  राष्ट्रीय आन्दोलन
Number of Questions Solved 66
Category RBSE Solutions

Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 24 राष्ट्रीय आन्दोलन

पाठगत प्रश्न

गतिविधि
( पृष्ठ संख्या 157)

प्रश्न 1.
हिन्दुस्तान की स्वतन्त्रता के बाद दुनिया के किन देशों से अंग्रेजों का राज खत्म हो गया? एक सूची बनाइये।अपने अध्यापक की मदद लीजिए।
उत्तर
हिन्दुस्तान की स्वतन्त्रता के बाद दुनिया के निम्नलिखित देशों से अंग्रेजों का राज समाप्त हो गया। ऐसे देशों की सूची निम्नलिखित है

  1. बर्मा (म्यांमार )
  2. लंका
  3. मलाया
  4. सूडान
  5. घाना
  6. संयुक्त अरब गणराज्य
  7. सोमालिया
  8. नाइजीरिया
  9. तंजानिया
  10. युगान्डा
  11. के न्या
  12. अंजीबार
  13. न्यासालैण्ड
  14. जाम्बिया
  15. गाम्बिया
  16. मॉरिशस
  17. गुयाना
  18. थोत्सवाना
  19. लिसोथो,
  20. बारबाडोस
  21. ग्रिनाडा
  22. रोशेल्स
  23. जिम्बाब्वे
  24. वेलीज
  25. एण्टिगुआ

पढ़ें और बतायें
(पृष्ठ संख्या 159) 

प्रश्न 2.
बंगाल विभाजन ( 1905 ई.) का सूरत अधिवेशन (1907 ई.) पर क्या असर दिखाई दिया?
उत्तर
[नोट- इसके लिए अन्य महत्वपूर्ण प्रश्नों के लघूत्तरात्मक प्रश्न संख्या 1 का उत्तर देखें]

गतिविधि  
(पृष्ठ संख्या 164)

प्रश्न 3.
अपने क्षेत्र में प्रजामण्डल में शामिल लोगों के नाम पता करो और जानो कि यहाँ प्रजामण्डल किस तरह से काम कर रहा था ?
उत्तर
राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों में प्रजामण्डुल में सम्मिलित प्रमुख लोगों के नाम

1. मेवाड़ बलवन्तसिंह मेहता, माणिक्यलाल वर्मा, भूरेलाल वया, रमेशचन्द्र व्यास आदि।
2. मारवाड़ भंवरलारन सर्राफ, जयनारायण व्यास, चांदमल |सुराणा, आनन्दराज सुराणा, रणछोड़दास गट्टानी, मथुरादास माथुर, इन्द्रमण जैन।
3. बीकानेर मघाराम वैद्य, स्यामी गोपालदास, वरदयाल, सत्यनारायण सर्राफ।
4. जैसलमेर सामरमल गोपा, मीठालाल व्यास, शिवशंकर गोपा, मदनलाल पुरोहित, नाचन्द जोशी, रघुनाथसिंह मेहता।
5. कोटा नयनुराम शर्मा, अभिन्न हरि, शम्भुदयान सक्सेना, वेणी माधव, नाथूलाल जैन, मोतीलाल जैन।
6. बूंदी कान्तिलाल, नित्यानन्द सागर, हरिमोहन माथुर, ऋषिदत्त मेहता, शृङ्गसुन्दर शर्मा।
7. जयपुर अर्जुनलाल सेठी, जमनालाल बजाज, पण्डित हीरालाल शास्त्री, कपूरचन्द पाटी चिरंजीलाल अग्रवाल, गुलाबचन्द कासलीवाल, दौलतमल भण्डारी।
8. अलवर हरिनारायण शर्मा, कुंज बिहारीलाल मोदी, मास्टर भोला नाथ, भवानीशंकर शर्मा।
9.भरतपुर मास्टर आदित्येन्द्र, गोपीलाल यादव, युगल किशोर चतुर्वेदी, ठा, देशराज, गौरीशंकर मिल
10. धौलपुर कृष्णदत्त पालीवाल।
11. करौली त्रिलोकचन्द्र माथुर, चिरंजीलाल शर्मा, मानसिंह।
12. बांसवाड़ा भूपेन्द्रनाथ त्रिवेदी, रामलाल, राधावल्लभ  सोमानी, रतनलाल।
13. डूंगरपुर भोगीलाल पंड्या, हरिदेव जोशी, गौरीशंकर उपाध्याय, भाभाई, शिवलाल कोटडिया।
14. सिरोही गोकुलभाई भट्ट, जवाहरमल सिंघी।

जयपुर राज्य प्रजामण्डल के प्रमुख नेताओं में अर्जुनलाल सेठी, जमनालाल बजाज, हीरालाल शास्त्री, कपूरचन्द पानी, चिरंजीलाल अग्रवाल, गुलाबचन्द कासलीवाल, दौलतमल भण्डारी आदि उल्लेखनीय थे। प्रजामण्डल का प्रमुख उद्देश्य राज्य में उत्तरदायी शासन की स्थापना करना तथा नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करना था। जब जयपुर सरकार ने जमनालाल बजाज के | जयपुर प्रवेश पर प्रतिबन्ध लगा दिया, तो जयपुर न्य प्रजामण्डल ने सरकार के विरु आन्दोलन शुरू कर दिया। अन्त में सरकार और प्रामण्डल के बीच समझौता हो गया। आजाद मोर्चे ने भारत छोड़ो आन्दोलन में भाग लिया और उसके अनेक नेता गिरफ्तार कर लिए गए। प्रजामण्डल के प्रयासों से जयपुर में उत्तरदायी शासन की स्थापना हुई।

आओ करके देखें
(पृष्ठ संख्या 166 )

प्रश्न 4.
भारतीय स्वाधीनता आन्दोलन में इन क्रान्तिकारियों ( सुखदेव, राजगुरु, रामप्रसाद बिस्मिल, चन्द्रशेखर आजाद, चापेकर बन्धु) के योगदान के बारे में जानकारी संकलित कीजिए।
उत्तर
(1) सुखदेव- सुखदेव का जन्म 1927 ई. में हुआ था। वे भगतसिंह के बचपन के साथी थे। वे नौजवान भारत सेना के संस्थापक थे। 15 अप्रैल को लाहौर बम फैक्ट्री काण्ड में सुखदेव गिरफ्तार किये गए। अन्त में 23 मार्च, 1931 को सुखदेव अपने मित्र भगतसिंह एवं राजगुरु के साथ फाँसी पर चढ़ गए।

(2) राजगुरु- राजगुरु का जन्म 1909 में पूना के निकट  खेड़ा गाँव में हुआ था। अंग्रेज़ पुलिस अधीक्षक साण्डर्स को सर्वप्रथम गोली का निशाना बनाने वाले राजगुरु ही थे। 23 मार्च, 1931 को राजगुरु को भगतसिंह तथा सुखदेव के साथ फाँसी पर चढ़ा दिया गया।

(3) रामप्रसाद बिस्मिल- क्रान्तिकारियों को अस्त्र-शस्त्र खरीदने के लिए धन की आवश्यकता थी। अत: उन्होंने सरकारी खजाने को लूटने की योजना बनाई। 9 अगस्त, 1925 को रामप्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में इस क्रान्तिकारियों ने लखनऊ के निकट काकोरी नामक स्थान पर सरकारी खजाना लूट लिया। इस केस को ‘काकोरी केस’ कहते हैं। केवल दस मिनट में ही सरकारी खजाना लूट कर क्रान्तिकारी भाग गए परन्तु अन्त में पकड़े गये । रामप्रसाद बिस्मिल को फाँसी को सजा दी गई।

(4) चन्द्रशेखर आजाद- चन्द्रशेखर आजाद का जन्म 19 C% में ध्यप्रदेश के झाआ तहसील के मावरा नामक गाँव में हुआ था। उन्होंने हिन्दुस्तान प्रजातन्त्र संघ’ की स्थापना की। उन्होंने अंग्रेज पुलिस अधीक्षक सांडर्स की हत्या में सरदार भगतसिंह के साथ भाग लिया था। उन्होंने केन्द्रीय असेम्बली हॉल में बम का धमाका भी किया था।

27 फरवरी, 1931 को चन्द्रशेखर आजाद इलाहाबाद में अल्फ्रेड पार्क में अपने एक सहयोगी के साथ विचार-विमर्श कर रहे थे तभी पुलिस ने उन्हें घेर लिया और उन पर गोलियाँ चलाना शुरू कर दिया । चन्द्रशेखर ने स्वयं को गोली मारकर अपनी जीवन-लीला समाप्त कर ली।

(5) चापेकर बन्धु- दामोदर चापेकर तथा बालकृष्ण चापेकर महाराष्ट्र के प्रसिद्ध क्रान्तिकारी थे। उन्होंने 1893 में ‘हिन्द धर्म संरक्षिणी सभा’ बनाई। चापेकर बन्धुओं ने महाराष्ट्र के लोगों में देश-भक्ति तथा उत्साह की भावना का संचार किया, उन्होंने ‘तरुण समाज’ नामक गुप्त संस्था की स्थापना की । पुना का नेग कमिश्नर रैण्ड अपने क़र व्यवहार के कारण बदनाम था। इस पर चापेकर बन्धुओं ने अॅण्ड तथा उसके सहायक आय की हत्या कर दी। इस पर पुलिस ने चापेकर बन्धुओं को गिरफ्तार कर लिया गया और उन्हें फाँसी की सजा दी गई।

पाठ्यपुस्तक के प्रश्न 

प्रश्न एक व दो के सही उत्तर कोष्ठक में लिखें
प्रश्न 1.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना कब हुई ?
(अ) 1835
1919
(स) 1942
(द) 1925
उत्तर
(अ)

प्रश्न 2.
प्रथम स्वतन्त्रता संग्राम कब हुआ?
(अ) 1997
(ब) 1857
(स) 1947
(द) 1952
उत्तर-(ब)

प्रश्न 3.
‘चेतावणी रा चुंगट्या’ किसकी रचना है?
उत्तर
‘चेतावणी रा चुंगट्या’ केसरीसिंह बारहठ की रचना है।

प्रश्न 4.
राजस्थान के प्रमुख क्रान्तिकारियों के नाम लिखिए।
उत्तर
राजस्थान के प्रमुख क्रान्तिकारी नेताओं के नाम हैं

  1. अर्जुनलाल सेठी
  2. राव गोपालसिंह खरवा
  3. केसरीसिंह बारहठ
  4. प्रतापसिंह बारहठ
  5. जोरावरसिंह बारहठ

प्रश्न 5.
रौलेट एक्ट क्या था?
उत्तर
ब्रिटिश सरकार ने 1919 में ‘शैलेट एक्ट’ लागू किया। इस कानून के अधीन सरकार का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को लम्बे समय के लिए जेल भेजा जा सकता था।

प्रश्न 6.
लाल, बाल, पाल के नाम से कौन प्रसिद्ध हुए? नाम लिखें।
उत्तर
लाल, बाल, पाल के नाम से पंजाब से लाला लाजपत राय, महाराष्ट्र से बाल गंगाधर तिलक तथा बंगाल से विपिन चन्द्र पाल प्रसिद्ध हुए। इन्हें लाल, बाल, पाल के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 7.
जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड का वर्णन कीजिए।
उत्तर
रौलेट एक्ट के विरुद्ध अपना आक्रोश प्रकट करने के लिए 13 अप्रैल, 1919 को एक विरोध सभा अमृतसर के जलियाँवाला बाग में आयोजित की गई। अमृतसर में नियुक्त अंग्रेज जनरल डायर ने इस सभा को विसर्जित होने का आदेश दिया। परन्तु सभा के विसर्जित होने के पहले ही सेना ने सभा पर गोलीबारी शुरू कर दी। इसके फलस्वरूप हजारों निर्दोष लोग मारे गए। ब्रिटिश सरकार ने जनरल डायर को इंग्लैण्ड में इस हरकत के लिए सम्मानित भी किया।

प्रश्न 8.
सविनय अवज्ञा आन्दोलन का वर्णन कीजिए।
उत्तर

सविनय अवज्ञा आन्दोलन

ब्रिटिश सरकार की अत्याचारपूर्ण नीतियों के कारण सम्पूर्ण देश में असन्तोष व्याप्त था। अतः 1930 में गाँधीजी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन शुरू किया गया। गाँधीजी ने कहा कि अवज्ञा तो हो, परन्तु सविनय अवज्ञा हो, इसमें कहीं हिंसा तथा द्वेष न हो। अतः इस आन्दोलन को ‘सविनय अवज्ञा आन्दोलन’ नाम दिया गया। ब्रिटिश सरकार ने दमनकारी नीति अपनाते हुए आन्दोलनकारियों पर दमनचक्र चलाया, परन्तु आन्दोलनकारी अहिंसक तरीके से सरकार के नियमों की अवहेलना करते रहे।

आन्दोलन की प्रगति- ब्रिटिश सरकार की अनुमति के बिना भारतवासी नमक नहीं बना सकते थे। अत: गाँधीजी के नेतृत्व में लोगों ने नमक बनाने का निश्चय कर लिया। नमक बनाने के लिए विशाल संख्या में लोग अहमदाबाद के साबरमती नामक स्थान पर पहुंचे। पुलिस ने लोगों पर लाठियों से वार किया, परन्तु लोग शान्तिपूर्वक पुलिस की लाठियों सहते रहे। उन्होंने न तो पुलिस पर हमला किया और न पीछे हटे। केवल भारत माता की जय’ बोलते हुए आगे बढ़ते रहे।

आन्दोलन का प्रभाव- इस आन्दोलन ने सम्पूर्ण भारत में जागरूकता उत्पन्न कर दी। अनेक देशों के फिल्मकार एवं पत्रकार भारत आए। उन सब ने दुनिया को बताया कि भारत में किस प्रकार से ब्रिटिश सरकार लोगों पर अत्याचार कर रही है। अब दुनिया भर के लोगों को ज्ञात हुआ कि वास्तव में भारतवासियों की लड़ाई तो इस बात की है कि अंग्रेज भारत छोड़ दें।

प्रश्न 9.
भारत छोड़ो आन्दोलन का वर्णन कीजिए।
उत्तर
भारत छोड़ो आन्दोलन ब्रिटिश सरकार की अत्याचारपूर्ण नीतियों के कारण सम्पूर्ण देश में असन्तोष व्याप्त था। द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 1942 ई. में देश ने अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का नारा दिया। ब्रिटिश सरकार ने दमनात्मक नीति अपनाते हुए सभी नेताओं को गिरफ्तार कर लिया। इससे लोगों में आक्रोश उत्पन्न हुआ और उन्होंने पूरे उत्साह के साथ ब्रिटिश सरकार का विरोध करना शुरू कर दिया। वे लोग जो अय तक सरकार के विरोध में शामिल नहीं होते थे, वे भी संघर्ष में कूद पड़े। ये घटनाएँ अगस्त 1942 में घटी। अत: इसे अगस्त क्रान्ति’ अथवा भारत छोड़ो आन्दोलन कहते हैं। यह राष्ट्रीय स्वाधीनता का जन-आन्दोलन था। इसका प्रभाव सम्पूर्ण भारत में देखा गया। युवाओं ने इस आन्दोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लिया।

प्रश्न 10.
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन की मुख्य घटनाओं का वर्णन कीजिए।
अथवा
राष्ट्रीय आन्दोलन की प्रमुख घटनाओं की तिथि वर्षवार तालिका बनाएँ।
उत्तर
भारतीय राष्ट्रीय आन्दोलन की मुख्य घटनाएँ

1. 1885 ई. 1885 ई. में ए.ओ. ह्यूम द्वारा भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना की गई।
2. 1890 का दशक 1890 के दशक में मध्य भारत में भीषण अकाल पड़ा।
3. 1905 ई. 1905 में ब्रिटिश सरकार द्वारा बंगाल का विभाजन किया गया।
4.1907 ई. 1907 में सूरत अधिवेशन में कांग्रेस दो दलों में विभाजित हो गई–
(1) गरम दल तथा
(2) नरम दल।
5. 1911 ई. 1911 ई. में बंगाल विभाजन को रद्द कर दिया गया।
6. 1919 ई. 1919 ई. में ब्रिटिश सरकार द्वारा ‘रौलेट एक्ट’ लागू किया गया
7. 13 अप्रेल, 1919 13 अप्रैल, 1919 को जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ।
8. 1920 ई. 1920 ई. में गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन शुरू किया गया।
9. 1922 ई. 1922 में चौरी-चौरा काण्ड के कारण गाँधीजी द्वारा असहयोग आन्दोलन समाप्त कर दिया गया।
10. 1928 ई. साइमन कमीशन के भारत आगमन पर कमीशन का विरोध किया गया, पुलिस द्वारा लाठीचार्ज से लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई।
11. 1929 सरदार भगतसिंह द्वारा केन्द्रीय विधान सभा के अन्दर बम का विस्फोट किया
12. 1930 गाँधीजी द्वारा सविनय अवज्ञा आन्दोलन शुरू किया गया।
13. 1931 सरदार भगतसिंह, सुखदेव तथा राजगुरु को फाँसी दे दी गई।
14. 1942 अगस्त, 1942 में गाँधीजी द्वारा ‘भारत छोड़ो आन्दोलन शुरू किया गया। 1943 में क्रान्तिकारी हेमू कालाणी को फाँसी की सजा दी गई।
15. 1943 सुभाषचन्द्र बोस द्वारा आजाद हिन्द फौज की कमान सम्भाली गई
16. 1946 नौसैनिकों द्वारा विद्रोह का झण्डा खड़ा किया गया।
17. 1947 देश का विभाजन हुआ और 15 अगस्त, 1947 को भारत को स्वतन्त्रता मिली।

 अन्य महत्त्वपूर्ण प्रश्न

बहुविकल्पात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
तिलक द्वारा निकाले गये अखबार थे
(अ) मराठा और केसरी
(ब) दंगल और नवभारत
(स) सामना और हुंकार
(द) इनमें से कोई नहीं
उत्तर
(अ) मराठा और केसरी

प्रश्न 2.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पहले अध्यक्ष कौन थे?
(अ) पं. जवाहरलाल नेहरू
(ब) महात्मा गाँधी
(स) व्योमेशचन्द्र बनर्जी
(द) सुरेन्द्रनाथ बनर्जी
उत्तर
(स) व्योमेशचन्द्र बनर्जी

प्रश्न 3.
बंगाल का विभाजन किया गया
(अ) 1911
(ब) 1905
(स) 1907
(द) 1917
उत्तर
(ब) 1905

प्रश्न 4.
ब्रिटिश सरकार ने बंगाल का विभाजन कब रद्द कर दिया?
(अ) 1917
(ब) 1907
(स) 1921
(द) 1311
उत्तर
(द) 1311

प्रश्न 5.
‘रौलेट एक्ट’ कब लागू किया गया?
(अ) 1930
(ब) 1927
(स) 1919
(द) 1921
उत्तर
(स) 1919

रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
1. अंग्रेज़ विरोधी असन्तोष को वैधानिक रूप देने के लिए……….नै नई संस्था का नाम ‘इण्डियन नेशनल कांग्रेस रख दिया।(व्योमेशचन्द्र बनर्जी/ए.ओ. ह्यूम)
2. महाराष्ट्र में…….. में अपने अखबारों में इसके विरुद्ध लिखे जिनके नाम ‘मराठा’ और ‘केसरी’ थे। (लाला लाजपत राय/बाल गंगाधर तिलक
3. बंग-विभाजन को लेकर सारे देश में रोष की लहर दौड़ गई। यहीं से देश में——का शुभारम्भ माना जाता है। (स्वदेशी आन्दोलन रियासती आन्दोलन)
4. — ई. में दिल्ली में शाही दरबार का आयोजन करके उसमें बंगाल विभाजन को निरस्त करने की घोषणा  की गई।(1905/1911)
5. अंग्रेज सरकार ने——में रौलेट एस लागू किया।(1919 ई.1922 ई.)
उत्तर

  1. ए.ओ. ह्युम
  2. बाल गंगाधर तिलक
  3. स्वदेशी आन्दोलन
  4. 1971
  5. 1919 ई.

निम्नलिखित प्रश्नों में सत्य/असत्य कथन बताइये 

1. 28 दिसम्बर, 1885 को बम्बई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म हुआ।
2. इसके पहले अध्यक्ष बंगाल के सुरेन्द्र कुमार बनर्जी को बनाया गया।
3. 1917 में कांग्रेस के सूरत सम्मेलन में कांग्रेस में दो धड़े हो गए।
4. एक विरोध सभा अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल, 1919 को हुई।
5. सरकार ने जॉन साइमन के नेतृत्व में एक दल 1928 में भारत भेजा।
उत्तर

  1. सत्य
  2. असत्य
  3. असत्य
  4. सत्य
  5. सत्य

स्तम्भ ‘अ’ को स्तम्भ ‘ब’ से सुमेलित कीजिए
RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 24 राष्ट्रीय आन्दोलन 1

अतिलघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर
28 दिसम्बर, 1885 को बम्बई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का जन्म हुआ।

प्रश्न 2.
इसके प्रथम अध्यक्ष कौन थे?
उत्तर
इसके प्रथम अध्यक्ष व्योमेश चन्द्र बनर्जी थे।

प्रश्न 3.
1885 की पहली कांग्रेस बैठक कहाँ आयोजित की गई?
उत्तर
1885 की पहली कांग्रेस बैठक बम्बई के गोवालिया तालाब इलाके के गोकुलदास तेजपाल संस्कृत कॉलेज में हुई ।

प्रश्न 4.
बाल गंगाधर तिलक के अखबारों के नाम लिखिए ।
उत्तर

  1. मराठा
  2. केसरी

प्रश्न 5.
कांग्रेस का विभाजन कब हुआ?
उत्तर
कांग्रेस का विभाजन सन् 1907 में कांग्रेस के सूरत अधिवेशन में हुआ।

प्रश्न 6.
गरम दल के तीन प्रमुख नेताओं के नाम निखिए। इन्हें किस नाम से जाना जाता है?
उत्तर

  1. पंजाब से लाला लाजपत राय
  2. महाराष्ट्र से बाल गंगाधर तिलक तथा
  3. बंगाल से विपिनचन्द्र पाल। इन्हें लाल, बाल, पाल के नाम से जाना जाता है।

प्रश्न 7.
“स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं इसे लेकर रहूँगा।” यह कथन किसका था?
उत्तर
उपरोक्त कथन बाल गंगाधर तिलक का था।

प्रश्न 8.
रौलेट एक्ट कब लागू किया गया?
उत्तर
रौलेट एक्ट, 1919 ई. में लागू किया गया।

प्रश्न 9.
जलियांवाला बाग हत्याकाण्ड कब हुआ?
उत्तर
13 अप्रैल, 1919 को।

प्रश्न 10.
असहयोग आन्दोलन कब और किसके नेतृत्व में शुरू किया गया?
उत्तर
1920 ई. में महात्मा गाँधी के नेतृत्व में असहयोग आन्दोलन शुरू किया गया।

प्रश्न 11.
गाँधीजी ने असहयोग आन्दोलन कब और किस घटना के कारण समाप्त कर दिया?
उत्तर
1922 में गाँधीजी ने चौरा-चौरी काण्डु के कारण असहयोग आन्दोलन समाप्त कर दिया।

प्रश्न 12.
चौरा-चोरी काण्डू क्या था?
उत्तर
1922 में गोरखपुर जिले के चौरा चौरी नामक स्थान पर एक पुलिस चौकी पर हमला करके आन्दोलनकारियों ने कई पुलिसवाले मार डाले। इसे चौरा-चौरी काण्डु कहते हैं।

प्रश्न 13.
ब्रिटिश सरकार द्वारा भारत में साइमन कमीशन कब भेजा गया? इसका क्या उद्देश्य था ।
उत्तर
ब्रिटिश सरकार ने 1928 में भारत में साइमन कमीशन भेजा। इसका उद्देश्य यह बताना था कि भारत के लोगों को सरकार में किस तरह से भागीदारी दी जाए।

प्रश्न 14.
भारत के चार प्रसिद्ध क्रान्तिकारियों के नाम लिखिए।
उत्तर

  1. सरदार भगतसिंह
  2. सुखदेव
  3. राजगुरु
  4. चन्द्रशेखर आजाद

प्रश्न 15.
सविनय अवज्ञा आन्दोलन कब और किसके नेतृत्व में शुरू किया गया?
उत्तर
1930 में गांधीजी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन शुरू किया गया।

प्रश्न 16.
हेमू कालाणी कौन थे?
उत्तर
हेमू कालाणी भारत के युवा क्रान्तिकारी नेता थे जो बेल पटरी को अस्त-व्यस्त करने की योजना बनाते समय पकड़े गए और 21 जनवरी, 1943 को उन्हें फाँसी पर चढ़ा दिया गया।

प्रश्न 17.
भारत छोड़ो आन्दोलन कब और किसके नेतृत्व में शुरू किया गया?
उत्तर
1942 में गाँधीजी के नेतृत्व में भारत छोड़ो आन्दोलन शुरू किया गया।

लघूत्तरात्मक प्रश्न

प्रश्न 1.
(1) लाल, बाल, पाल नाम से कौन-कौन प्रसिद्ध हुए ?  उनके पूरे नाम लिखिए।
(2) बंगाल विभाजन का सूरत अधिवेशन (1907 ) पर क्या असर दिखाई दिया?
उत्तर

  1. लाल, बाल, पाल के नाम से पंजाब से लाला लाजपत राय, महाराष्ट्र से बाल गंगाधर तिलक तथा बंगाल से विपिन चन्द्र पाल प्रसिद्ध हुए। इन्हें लान, बाल, पारन के नाम से जाना जाता है।
  2. बंगाल विभाजन ( 1905 ई.) का सूरत अधिवेशन ( 1907 ई.) पर प्रभाव-1905 में ब्रिटिश सरकार ने बंगाल का विभाजन कर दिया। इसका कांग्रेस के सूरत अधिवेशन (107) पर भी काफी प्रभाव पड़ा। अब कांग्रेस में दो धड़े हो गए। एक पक्ष कांग्रेस को प्रार्थना-पत्रों और प्रस्तावों द्वारा माँग करने की नीति से असन्तुष्ट हो गया। इस पक्ष ने इस बात पर बल दिया कि सरकार के विरोध में कुछ उग्र कदम उठाया जाना चाहिए जैसे कि हड़ताल और अंग्रेजों का आर्थिक बहिष्कार। ये लोग ‘गरम दल’ के लोग कहलाए। इस प्रकार सूरत अधिवेशन में कांग्रेस दो भागों गरम दल और नरम दल–में विभाजित हो गई।

प्रश्न 2.
(1) ‘चेतावणी रा चुंगद्या’ किसने तथा क्यों लिखे घे?
(2) साइमन कमीशन क्या था? इसका विरोध क्यों हुआ?
उत्तर

  1. ‘चेतावणीं  रा चुंगट्या‘ नामक 13 सोरटे केसरीसिंह बारहठ ने लिखे थे। जब महाराणा फतहसिंह दिल्ली दरबार में भाग लेने के लिए जाने लगे तब उन्हें रोकने के लिए उन्होंने ये 13 सोरठे महाराणा को भेजे थे। इन्हें पढ़कर महाराणा दिल्ली पहुँच कर भी दरबार में शामिल नहीं हुए।
  2.  साइमन कमीशन- ब्रिटिश सरकार ने भारतीयों की शासन में भागीदारी बढ़ाने के लिए जॉन साइमन के नेतृत्व में एक छः सदस्यीय आयोग 1928 में भारत भेजा। इसे साइमन कमीशन का नाम दिया गया।  इस आयोग में एक भी भारतीय सम्मिलित नहीं था। अत: भारतवासियों ने साइमन कमीशन का विरोध करने का निश्चय कर लिया।

प्रश्न 3.
(1) जलियांवाला बाग हत्याकाण्डू के लिए उत्तरदायी अंग्रेज जनरल कौन था ? बाद में उसे किसने मौत के घाट उतारा था?
(2) स्वतन्त्रता आन्दोलन में हेमू कालाणी के योगदान पर प्रकाश डालिए।
उत्तर

  1. जलियांवाला बाग हत्याकाण्डु के लिए अंग्रेज जनरल डायर उत्तरदायी था। बाद में जनरल डायर को क्रान्तिकारी ऊधमसिंह ने लन्दन जाकरे मारा था।
  2. हेमू कालाणी का जन्म 23 मार्च, 1923 को सिन्ध के सवर में हुआ था। गाँधीजी से प्रभावित होकर हेमू कालाणी स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लेने लगा। विदेशी वस्तुओं के बहिष्कार और स्वदेशी वस्तुओं का उपयोग करने के लिए लोगों को प्रेरित किया। 1942 ई. में हेमू को गुप्त जानकारी मिली कि अंग्रेजी सेना की हथियारों से भरी रेलगाड़ी रोहड़ी शहर (सिंध) से होकर गुजरेगी। हेमू ने रेल पटरी को अस्तव्यस्त करने की योजना बनाई। दुर्भाग्य से वहाँ तैनात सुरक्षाकर्मियों की नजर उस पर पड़ गई। हेमू को गिरफ्तार कर लिया गया। अदालत ने उन्हें फाँसी की सजा सुनाई। ‘इन्कलाब जिन्दाबाद’ और ‘भारत माता की जय’ के उद्घोष के साथ यह युवा स्वतन्त्रता सेनानी 21 जनवरी, 1943 ई. को सख्खर में हँसते-हँसते फाँसी के फैदे पर भूल गया।

प्रश्न 4.
ब्रिटिश शासन के विरुद्ध भारत में राष्ट्रीय आंदोलन की प्रक्रिया क्यों प्रारंभ हुई ?
उत्तर
भारत का राष्ट्रीय आंदोलन अंग्रेजी शासन के खिलाफ एक ऐसी प्रक्रिया थी जिसमें भारतीयों को यह आभास हुआ कि अंग्रेजी शासन और भारतवासियों के बीच एक मूलभूत विरोधाभास हैं जिसके फलस्वरूप हिन्दुस्तान और उसके निवासियों को केवल नुकसान ही होता था। उस विरोधाभास का निराकरण तभी संभव था जब अंग्रेज हिंदुस्तान छोड़कर चले जाएँ और यहाँ का शासन यहीं के लोगों के हाथ में रहे ।

प्रश्न 5.
असहयोग आन्दोलन के प्रारंभ व समाप्त किये जाने वाले कारणों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर
असहयोग आन्दोलन जब रौलेट एक्ट एवं जलियांवाला काण्ड तथा अन्य घटनाओं से हिन्दुस्तान के लोगों को यह अहसास हो गया कि उनके और अंग्रेजों के बीच कोई तारतम्य बनने की गुंजाइश नहीं है तय 1920 में गाँधीजी के नेतृत्व में असहयोग आन्दोलन शुरू किया गया। इसमें हजारों लोगों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। जब 1922 में गोरखपुर जिले के चौरा-चौरी नामक स्थान पर एक पुलिस चौकी पर हमला करके आन्दोलनकारियों ने कई पुलिस वाले मार झाले, तो गांधीजी ने आन्दोलन को समाप्त करने की घोषणा कर दी।

प्रश्न 6.
सरदार भगतसिंह एक मह्मन मंतिकारी थे। समझाइए।
उत्तर
सरदार भगतसिंह भारत के एक महान क्रान्तिकारी थे। जब साइमन कमीशन का विरोध करते हुए लाला लाजपत राय ने एक जुलूस का नेतृत्व किया, तो पुलिस द्वारा लाठीचार्ज करने से लाला लाजपत राय घायल हो गए और कुछ समय बाद उनकी मृत्यु हो गई। सरदार भगतसिंह और उनके साथियों ने अंग्रेज पुलिस अधिकारी साण्डर्स की गोली मार कर हत्या कर दी। यह पुलिस अधिकारी लाला लाजपतराय की मृत्यु के लिए उत्तरदायी था। कुछ समय बाद सरदार भगतसिंह ने दिल्ली विधान परिषद् के अन्दर एक बम विस्फोट किया। भगतसिंह और उनके साथियों को गिरफ्तार कर लिया गया। 23 मार्च, 1931 को भगतसिंह को सुखदेव तथा राजगुरु के साथ फांसी दे दी गई।

प्रश्न 7.
राष्ट्रीय आन्दोलन में स्वातन्त्र्य वीर विनायक दामोदर सावरकर के योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर
विनायक दामोदर सावरकर का जन्म महाराष्ट्र के नासिक जिले के भगूर गाँव में 28 मई, 1883 को हुआ था। उच्च अध्ययन के लिए सावरकर लन्दन चले गए। वहाँ श्यामजी कृष्ण बम के ‘इण्डिया हाउस’ को उन्होंने अपनी गतिविधियों का केन्द्र बनाया। यहीं उन्होंने 1857 का ‘स्वातन्त्र्य समर’ नामक क्रान्तिकारी पुस्तक लिखी। उनकी क्रान्तिकारी गतिविधियों के कारण पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया और एक उलयान से उन्हें बम्बई भेज दिया। वे जहाज से निकल कर समुद्र में कूद पड़े और फ्रांस की सीमा तक पहुंच गए परन्तु वे पकड़े गए और अंग्रेजों को सौंप दिए गए।

ब्रिटिश सरकार ने सावरकर को दो आजन्म कारावास की सजा देकर अण्डमान निकोबार भेज दिया। उन्होंने 11 वर्ष तक अण्डमान की सेलुलर जेल में काले पानी की कठोर यातनापूर्ण सजा काटी और लौटने पर रत्नागिरि (महाराष्ट्र) में नजरबन्द कर दिये गये जहाँ से उन्हें 1937 में मुक्ति मिली। 26 फरवरी, 1966 को सावरकर का देहान्त हो गया।

प्रश्न 8.
सुभाष चन्द्र बोस के बारे में आप क्या जानते हैं?
उत्तर
सुभाष चन्द्र बोस का जन्म 23 जनवरी, 1897 को हुआ था। बड़े होकर उन्होंने आई.सी.एस. की परीक्षा पास की, परन्तु नौकरी नहीं की। बाद में भारत की स्वतन्त्रता के लिए उन्होंने सक्रिय रूप से राष्ट्रीय आन्दोलन में भाग लिया और दो बार कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गए। 1943 में उन्होंने आजाद हिन्द फौज की कमान सम्भाली और भारत की स्वतन्त्रता की प्रत्यक्ष लड़ाई लड़ी। 1944 ई. में सुभाष चन्द्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिन्द फौज के अभियान एवं 1946 के नौसैनिकों के विद्रोह से ब्रिटिश सरकार को ज्ञात हो गया कि अब भारत के सैनिक भी ब्रिटिश सरकार के साथ नहीं रहना चाहते। 18 अगस्त, 1945 को एक विमान दुर्घटना में रहस्यमय तरीके से सुभाषचन्द्र बोस की मृत्यु हो। गई, जो आज भी विवादित है।

प्रश्न 9.
बिजौलिया किसान आन्दोलन क्यों और किसके नेतृत्व में हुआ?
उत्तर
बिजौलिया के ठिकानेदारों और जागीरदारों के अत्याचारों से बिजौलिया के किसानों में पोर असन्तोष व्याप्त था। अत: बिजौलिया के किसानों ने जागीरदार के विरुद्ध आन्दोलन शुरू कर दिया। बिजौलिया के किसानों को 84 प्रकार के कर देने पड़ते थे। 1913 ई. में साधु सीतारामदास के नेतृत्व में किसानों ने इन फरों का विरोध किया। 1916 ई. में विजयसिंह पथिक और माणिक्यलाल वर्मा के नेतृत्व में किसानों ने बेगार करने से मना कर दिया और कर भी नहीं दिए। अन्त में बिजौलिया के जागीरदार को बाध्य होकर किसानों की माँगें माननी पड़ी। कालान्तर में अन्य रियाक्तों और ठिकानों के किसानों ने भी बिजौलिया किसान आन्दोलन से सीख लेकर बेगार और कर बन्द कर दिये

प्रश्न 10.
राष्ट्रीय आन्दोलन में प्रजामण्डल आन्दोलनों के योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर
राजस्न की लगभग समस्त रियासतों में प्रजामण्टुलों का गठन हुआ। प्रजामण्डलों ने किसानों की समस्याओं के अलावा रियासतों में व्याप्त अव्यवस्था के विरुद्ध भी आवाज उठाई । प्रजामण्डलों ने रियासतों में उत्तरदायी शासन की स्थापना करने और नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा करने पर चल दिया। 1942 ई. के भारत छोड़ो आन्दोलन में प्रमण्डलों ने मांग रखी कि रियासतें भी अंग्रेजों से सम्बन्ध तोड़ लें।

प्रश्न 11.
केसरीसिंह बारहठ पर क्या आरोप लगाये गये तथा उन्हें क्या सजा दी गई?
उत्तर
केसरीसिंह बारहठ पर सरकारी गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार राजद्रोह, बगावत, ब्रिटिश फौज के भारतीय सैनिकों को शासन के विरुद्ध भड़काने व षड्यन्त्र में शामिल होने के आरोप लगाये गये । इसके साथ-साथ प्यारेराम नामक साधु की हत्या का आरोप भी लगाया गया। इस कारण उन्हें 20 वर्षों की सजा देकर हजारीथा सेन्ट्रल अल (बिहार) भेज दिया गया, जहाँ से वे 1920 ई. में रिहा हुए।

प्रश्न 12.
अंग्रेजी अधिकारी चार्ल्स क्लीवलैंड ने प्रतापसिंह बारहठ पर क्या दबाव डाला? उसका प्रताप ने क्या जवाब दिया?
उत्तर
बरेली जेल में अंग्रेज अधिकारी चाल्र्स क्लीवलैंड प्रतापसिंह था पर रास बिहारी बोस व अन्य क्रान्तिकारियों की जानकारी देने के लिए दबाव डाला, पर प्रताप टस से मस न हुए। क्लीवलैंड ने प्रताप से कहा, “तुम्हारी मां तुम्हारे बिना दु:खी है, वह आँसू बहाती रहती है।” इस पर प्रतापसिंह ने कहा, “तुम कहते हो कि मेरी माँ मेरे लिए रात-दिन रोती है और बहुत दु:खी है, किन्तु मैं अन्य सैकड़ों माताओं के रोने का कारण नहीं बन सकता।” इस कारण उन्हें तरह-तरह की घोर यातनाएं दी जाने लग, जिसके कारण 27 मई, 1918 ई. को जेल में उनका देहान्त हो गया।

प्रश्न 13.
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रति ब्रिटिश शासन का रवैया किस प्रकार का था ?
उत्तर
अंग्रेज सरकार कांग्रेस के प्रस्तावों पर कोई ध्यान नहीं देती थी। इसके अतिरिक्त सरकार उसके नेताओं को तंग करने के नये-नये तरीके ढूंढ़ रही थी। इस प्रकार भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के प्रति ब्रिटिश सरकार का रवैया उपेक्षापूर्ण था। इसकी पुष्टि 1890 के मध्य भारत के अकाल के समय किसानों से जबरन कर वसूलने तथा गेहूं का निर्यात करने तथा मध्य व पश्चिमी भारत में ले के समय सरकार की अकर्मण्यता से हुई।

प्रश्न 14.
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में बाल गंगाधर तिलक के योगदान को स्पष्ट कीजिये
उत्तर
बाल गंगाधर तिलक का योगदान-

  1. बाल  गंगाधर तिलक ने राजनीतिक आंदोलन को अनुनय-विनय के मार्ग से निकालकर अपने अधिकार प्राप्ति के लिए उग्रवादी मार्ग की तरफ बढ़ाया। उन्होंने स्पष्ट किया कि भारत में अंग्रेजी नौकरशाही से अनुनय-विनय करके हम कुछ भी  प्राप्त नहीं कर सकते।”
  2. शिवाजी और गणपति उत्सवों के माध्यम से उन्होंने देश में नई जागृति पैदा की।
  3. उन्होंने जनता में स्वराज्य का मंत्र फेंका तथा जन शक्ति को स्वराज्य के लिए तैयार करने का कार्य किया तथा होमरूल आंदोलन का संचालन किया।

प्रश्न 15.
राष्ट्रीय आंदोलन के दौरान समय-समय पर क्रांतिकारी नेताओं व कृत्यों का उभार क्यों हुआ?
उत्तर
भारत में जब-जब राष्ट्रीय आंदोलन के अहिंसक तरीकों जैसे-हताल, बहिष्कार आदि की ब्रिटिश सरकार ने उपेक्षा की तथा उसका अत्याचारीपूर्ण ढंग से दमन किया, तब तथ युवकों ने उन्हें सबक सिखाने तथा जनता के भय को दूर करने के लिए हिंसक क्रांतिकारी कृत्यों को अपनाया।
उदाहरण के लिए-

  1. जब बंगाल विभाजन हड़तालों और बहिष्कार से नहीं रुका तो बंगाल के फुड़ नौजवानों ने छोटे-छोटे गुट बनाकर हथियारों का प्रयोग करना सीखा और अंग्रेज अफसरों पर घातक हमले किये । सरकारी खजाने को लुटा। परिणामतः बंगाल का विभाजन निरस्त हुआ।
  2. जलियांवाला हत्याकांड की प्रतिक्रिया में अनेक क्रांतिकारियों का जन्म हुआ। इसी प्रकार
  3. लाला लाजपतराय की मौत को प्रतिक्रिया में क्रांतिकारी आंदोलन उग्न हुआ।

प्रश्न 16.
‘बंगाल विभाजन’ का राष्ट्रीय आन्दोलन पर क्या प्रभाव पड़ा?
उत्तर
बंगाल विभाजन का राष्ट्रीय आन्दोलन पर गहरा प्रभावप। बंगाल विभाजन से पूरे देश में रोष की लहर दौड़ गई। देश भर में लोगों ने सरकार के इस कार्य पर गुस्से भरे ज्ञापन सरकार को भेजे। बंग विभाजन के परिणामस्वरूप कांग्रेस में “गरम दल’ का उदय हुआ। इन लोगों ने हड़ताल तथा अंग्रेजों के आर्थिक बहिष्कार का कार्य किया। क्रान्तिकारी आन्दोलन भी अस्तित्व में आया। बंगाल के कुछ नौजवानों ने छोटे-छोटे गुट बनाकर हथियारों का प्रयोग करना सीखा तथा अंग्रेज अफसरों पर घातक हमले किये। सरकारी खजाने को भी लूटने की कोशिश की गई। अन्त में दिसम्बर, 2011 में बंगाल विभाजन को निरस्त कर दिया गया। स्वदेशी आन्दोलन का आरम्भ भी बंगाल विभाजन से ही माना जाता है।

निबन्धात्मक प्रश्न
प्रश्न 1.
राष्ट्रीय आन्दोलन में राजस्थान के अर्जुनलाल सेठी तथा राव गोपालसिंह खरवा के योगदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर
राष्ट्रीय आन्दोलन में राजस्थान के अर्जुनलाल सेठी तथा राव गोपालसिंह खरवा का योगदान राष्ट्रीय आन्दोलन में राजस्थान के क्रांतिकारी अर्जुनलाल सेठीं तथा राव गोपालसिंह खरया के योगदान का वर्णन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया जा सकता है
(1) अर्जुनलाल सेठी- अर्जुनलाल सेठी का जन्म 1880 ई. में जयपुर में हुआ। उन्होंने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से यी.ए. उत्तीर्ण किया। जब अर्जुनलाल सेठी को जयपुर के प्रधानमन्त्री का पद प्रस्तावित किया गया, तो उन्होंने कहा, “श्रीमान! अर्जुनलाल नौकरी करेगा, तो अंग्रेजों को कौन निकालेगा?” उन्होंने देश-सेवा का व्रत ले लिया था। सेठी जी ने केसरीसिंह बारहठ, गोपाल सिंह खरवा आदि के सहयोग से राजस्थान में एक क्रान्तिकारी संस्था का निर्माण किया।

थोड़े  ही समय में जयपुर में स्थापित यमान विद्यालय देशभर के क्रान्तिकारियों के प्रशिक्षण का मुख्य केन्द्र बन गया। निमाज हत्याकाण्ड तथा दिल्ली षड्यन्त्र में हाथ होने के सन्देह में सेती जी को पकड़ा गया और बन्दीगृह में डाल दिया गया। सेती जी के विरुद्ध कोई ठोस प्रमाण न मिलने के उपरान्त भी जयपुर में उन्हें नजरबन्द रखा गया तथा पाँच वर्ष पश्चात् वेलूर जेन में भेज दिया गया। वहाँ जेल अधिकारियों के दुर्व्यवहार के कारण उन्होंने कई दिनों तक अनशन किया। 1920 में जेल  से रिहा होने पर सेठी कांग्रेस में शामिल हो गए परन्तु कुछ समय बाद वे कांग्रेस से अलग हो गए और जीवन-यापन के लिए उन्होंने अजमेर की दरगाह में मुसलमान बच्चों को अरबी-फारसी पढ़ाना शुरू कर दिया। 22 सितम्बर, 1941. को अजमेर में सेठीजी का देहान्त हो गया।

(2) राव गोपालसिंह खरवा- अजमेर-मेरवाड़ा के खरवा ठिकाने के राम गोपालसिंह राजस्थान के एक प्रसिद्ध क्रान्तिकारी थे। प्रथम विश्व युद्ध के दौरान रास बिहारी बोस तथा सचीन्द्रनाथ सान्याल ने उत्तरी भारत में सशस्त्र क्रान्ति की एक योजना तैयार की। राव गोपालसिंह भी इस योजना से जुड़ गए परन्तु क्रान्तिकारियों के एक सहयोगी ने योजना की सूचना पुलिस को दे दी। फलतः योजना विफल हो गई। जून, 1915 में ब्रिटिश सरकार ने राव गोपालसिंह को आदेश दिया कि वह 24 घण्टे में खरवा छोड़ कर यङगढ़ चला जाए। यड़गढ़ में गोपालसिंह पुलिस निगरानी में रहे। 10 जुलाई, 1915 को राव गोपालसिंह टागढ़ से भाग निकले और सलेमाबाद में पकड़े गए। सरकार ने उन्हें दो वर्ष की सजा देकर तिहाड़ जेल भेज दिया। 1920 में जेल से रिहा होने के बाद राव गोपालसिंह रचनात्मक कार्यों में संलग्न हो गए।

प्रश्न 2.
राष्ट्रीय आंदोलन में राजस्थान के बारहठ परिवार के योगदान की विवेचना कीजिए।
उत्तर
राजस्थान के बारहठ परिवार का योगदानराष्ट्रीय आंदोलन में राजस्थान के बारहठ परिवार के सदस्यों केसरीसिंह बारहठ, जोरावरसिंह बारहठ तथा प्रतापसिंह बारहठ के योगदान का विवेचन निम्नलिखित बिन्दुओं के अन्तर्गत किया गया है
(1) कैसरीसिंह बारहठ- केसरीसिंह बारहठ का जन्म 1872 ई. में शाहपुरा (भीलवाड़ा) के समीप गाँव देवपुरा में हुआ। बाद में वे उदयपुर के महाराणा के पास चले गए। इस दौरान श्यामजी कृष्ण वर्मा, रासबिहारी बोस तथा अन्य क्रान्तिकारियों से उनका सम्पर्क हुआ । जब उदयपुर के महाराणा फतेहसिंह दिल्ली दरबार में भाग लेने के लिए जाने लगे, तो केसरीसिंह बारहठ ने महाराणा फतेहसिंह को 13 सोरठे चेतावणी चंगट्या’ भेजे।

इन्हें पढ़ कर महाराणा दिल्ली पहुँच कर भी दरबार में शामिल नहीं हुए। सरकारी गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार केसरीसिंह बारहत पर राजद्रोह, बगावत, त्रिटिश सेना के भारतीय सैनिकों को सरकार के विरुद्ध भड़काने व षड्यन्त्र में शामिल होने के साथ-साथ प्यारेराम नामक साधु की हत्या का आरोप भी लगाया गया। उन्हें बीस वर्ष की सजा देकर हजारीबाग सेन्ट्रल जेल (बिहार) भेज दिया गया, जहाँ से उन्हें 1920 में रिहा किया गया । केसरीसिंह का शेष जीवन कोटा में व्यतीत हुआ। 1941 में इस स्वतन्त्रता सेनानी का देहान्त हो गया।

(2) प्रतापसिंह बारहठ- केसरीसिंह बारहठ के पुत्र प्रतापसिंह बारहठ का जन्म 24 मई, 1893 को उदयपुर में हुआ। केसरीसिंह ने प्रतापसिंह को अर्जुनलाल सेठी के वर्द्धमान स्कूल में पढ़ने हेतु भेजा। शीघ्र ही प्रतापसिंह भी  क्रान्तिकारी गतिविधियों में संलग्न हो गए। जब वे हैदराबाद (सिन्ध) से बीकानेर आ रहे थे, तो जोधपुर के निकट

आशानाड़ा नामक स्टेशन पर स्टेशन मास्टर ने धोखा देकर उन्हें पकड़वा दिया। प्रतापसिंह को बरेली जेल में रखा वाया। अंग्रेज अधिकारी चाल्र्स क्लीवलैंड ने प्रतापसिंह पर रास बिहारी बोस व अन्य क्रान्तिकारियों की जानकारी देने के लिए बहुत दबाव डाला, परन्तु प्रतापसिंह ने किसी भी तरह की जानकारी देने से इन्कार कर दिया। प्रतापसिंह को तरह-तरह की पोर यातनाएँ दी गई। जिसके कारण 27 मई, 1918 ई. को जेल में उनका देहान्त हो गया।

(3) जोरावरसिंह बारहठ- जोरावरसिंह बारहठ केसरीसिंह बारहठ के छोटे भाई थे। 1912 ई. में क्रान्तिकारी जोरावरसिंह | ने दिल्ली में वायसराय लाई हार्डिंग्ज के जुलूस में वायसराय पर बम फेंका। वायसराय तो बच गया, परन्तु महावत मारा गया। जोरावरसिंह भूमिगत हो गए। बाद में उनका अधिकांश समय मालवा और वागड़ क्षेत्र में साधु वेश में अमरदास वैरागी के रूप में व्यतीत हुआ। जोरावरसिंह पर आरा मर्डर केस के मुकदमे में वारंट जारी था। परन्तु जोरावरसिंह आजीवन अंग्रेजों की पकड़ में नहीं आए।

प्रश्न 3.
बीसवीं सदी में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध राष्ट्रीय आन्दोलन पर प्रकाश डालिए। उस समय यदि आप युवा होते तो राष्ट्रीय आन्दोलन में आपका क्या योगदान होता?
उत्तर
20वीं सदी में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध राष्ट्रीय आन्दोलन  20वीं सदी में ब्रिटिश शासन के विरुद्ध निम्न राष्ट्रीय आन्दोलन हुए
(1) बंगाल विभाजन का विरोध- 1905 ई. में ब्रिटिश सरकार ने बंगाल का विभाजन कर दिया। इससे सम्पूर्ण देश  में असन्तोष और क्रोध की लहर दौड़ गई।

(2) रौलेट एक्ट का विरोध- 1919 ई. में ब्रिटिश सरकार ने रौलेट एक्ट लागू कर दिया। इस कानून के तहत सरकार का विरोध करने वाले किसी भी व्यक्ति को लम्बे समय तक जेल भेजा जा सकता था। इसके विरोध में सम्पूर्ण देश में प्रदर्शन हुए।

(3) जलियांवाला बाग हत्याकाण्डू- रौलेट एक्ट का विरोध करने हेतु 13 अप्रैल, 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक विशाल जन सभा आयोजित की गई। जनरल डायर के नेतृत्व में ब्रिटिश सेना ने सभा में उपस्थित लोगों पर गोलीबारी शुरू कर दी जिससे हजारों लोग मारे गए।

(4) असहयोग आन्दोलन– 1920 ई. में गाँधीजी के नेतृत्व में असहयोग आन्दोलन शुरू किया गया। लेकिन 1922 ई. में गोरखपुर में चौंरा-चौरी में हिंसा के कारण गाँधीजी ने असहयोग आन्दोलन को समाप्त कर दिया।

(5) सविनय अवज्ञा आन्दोलन- 1930 ई. में गाँधीजी के नेतृत्व में सविनय अवज्ञा आन्दोलन शुरू किया। सरकार के दमन चक्र के बावजूद बड़ी संख्या में लोगों ने इस आन्दोलन में भाग लिया। गाँधीजी ने दाण्डी नामक स्थान पर नमक बनाने के लिए दाण्डी मार्च किया। विशाल संख्या में लोग उनके साथ दाड़ी पहुंचे।

(6) भारत छोड़ो आन्दोलन- 1942 ई. में गाँधीजी के नेतृत्व में ‘भारत छोड़ो आन्दोलन शुरू किया गया। यह राष्ट्रीय स्वाधीनता का जन आन्दोलन था जिसमें गाँधीजी ने ‘करो या मरो’ का नारा दिया। इसमें गाँधीजी व अनेक देशभक्त लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। यदि उस वक्त में युवा होता तो राष्ट्रीय आन्दोलन में बढ़ चढ़कर भाग लेता, ब्रिटिश सरकार की देश विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शनों में भाग लेता, विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करता था जन-सामान्य को इस सम्बन्ध में जागरूक करता ताकि देश को स्वतंत्र कराने जन-आन्दोलन में वे शामिल होते ।

We hope the given RBSE Solutions for Class 8 Social Science Chapter 24 राष्ट्रीय आन्दोलन will help you. If you have any query regarding Rajasthan Board RBSE Class 8 Social Science Chapter 24 राष्ट्रीय आन्दोलन, drop a comment below and we will get back to you at the earliest.

Share this:

  • Click to share on WhatsApp (Opens in new window)
  • Click to share on Twitter (Opens in new window)
  • Click to share on Facebook (Opens in new window)

Related

Filed Under: Class 8

Reader Interactions

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Primary Sidebar

Rajasthan Board Questions and Answers

Recent Posts

  • RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 4 Rational Numbers Ex 4.1
  • RBSE Solutions for Class 10 Maths Chapter 3 Polynomials Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 10 Maths Chapter 4 Linear Equation and Inequalities in Two Variables Ex 4.1
  • RBSE Class 9 Maths Notes Chapter 12 Heron’s Formula
  • RBSE Solutions for Class 7 Maths Chapter 2 Fractions and Decimal Numbers In Text Exercise
  • RBSE Solutions for Class 10 Maths Chapter 1 Vedic Mathematics Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 11 Physical Geography Chapter 9 Denudation
  • RBSE Solutions for Class 9 Social Science Chapter 12 Physical Features of India
  • RBSE Solutions for Class 5 Maths Chapter 5 Multiples and Factors Additional Questions
  • RBSE Solutions for Class 10 Social Science Geography Chapter 1 Resource and Development
  • RBSE Solutions for Class 6 Science Chapter 5 Let Us Know the Substance

Footer

RBSE Solutions for Class 12
RBSE Solutions for Class 11
RBSE Solutions for Class 10
RBSE Solutions for Class 9
RBSE Solutions for Class 8
RBSE Solutions for Class 7
RBSE Solutions for Class 6
RBSE Solutions for Class 5
RBSE Solutions for Class 12 Maths
RBSE Solutions for Class 11 Maths
RBSE Solutions for Class 10 Maths
RBSE Solutions for Class 9 Maths
RBSE Solutions for Class 8 Maths
RBSE Solutions for Class 7 Maths
RBSE Solutions for Class 6 Maths
RBSE Solutions for Class 5 Maths
Target Batch
RBSE Class 11 Political Science Notes
RBSE Class 11 Geography Notes
RBSE Class 11 History Notes

Copyright © 2022 RBSE Solutions

 

Loading Comments...