Rajasthan Board RBSE Class 10 English Supplementary Reader Resolution Chapter 5 The Purple Jar Notes, Summary, Word Meanings, Hindi Translation and Passages for comprehension.
The Purple Jar RBSE Class 10 English Notes
The Purple Jar Theme Of The Lesson
In the story, The Purple Jar’a little girl about seven years old, Rosamond, once walks with her mother in the street of London. She is overjoyed to see different sorts of things in shops and tells her mother to buy them, though they were of no use for her. Her mother denies to buy anything by saying that they were useless for her. At last she sees a purple jar in a chemist’s shop and yearns for it. Her mother does not buy it as Rosamond’s shoes are quite worn out. One of them has a great hole through which stones come into her shoe which hurts her foot very much. Rosamond tells her mother to buy a pair of shoes also. But her mother tells her to have either of two as she has not enough money to buy both a purple jar and shoes.
Finally, Rosamond decides to have the purple jar. Though her mother makes her understand that a pair of shoes is more necessary than the purple jar, she insists to have the latter. Her mother yields to her craved excitement and buys the purple jar. Rosamond finds something black in the jar which smells very disagreeable. She empties the jar and to her dismay she finds that the jar is a plain white glass. She feels disappointed and regrets her imprudent choice. Thus the story tells us that we should make our choice wisely otherwise we have to regret our choice and we should accept the advice of our elders.
The Purple Jar Short Summary
Rosamond is excited to see things: Rosamond walks with her mother in the streets of London. She is very happy to see a great variety of things in shops. She desires to have all these things. But her mother refused to buy anything as they are of no use to her.
Rosamond insists for a purple jar: While walking they come to a chemist’s shop. Rosamond is mesmerised by the beauty of jars of blue, green, red, yellow and purple colours. She longs to have a purple jar. Her mother denies to buy it by saying that this is of no use to her.
A stone gets into Rosamond’s shoe: Rosamond’s shoes are quite worn out. One of them has a big hole through which stones get into her shoe and hurt her foot. While walking in the street a stone gets into her shoe and gives her so much pain that she is obliged to hop every other step.
They visit a shoemaker’s shop to buy shoes: Rosamond’s mother takes her to a shoemaker’s shop to buy a new pair of shoes for Rosamond. Rosamond does not like the shop as it stinks disagreeably and she still thinks about the jar. Her mother understands her strong desire to have the jar. She does not buy shoes for her.
The mother agrees to buy the purple jar: Rosamond’s mother at last agrees to buy the purple jar. Rosamond feels very happy. At home she collects all her flowers to put them into the purple flower pot. Finally Rosamond’s servant brings the jar for her.
The jar disappoints her: Rosamond finds something black in the jar which smells very disagreeably. When she empties the purple jar, she finds that it is no longer a purple vase, instead it is a plain white jar. She feels depressed and dejected. She regrets her imprudent choice and determines to be wiser in future.
Rosamond’s father refuses to take her with him: Rosamond’s father and her brother are going to a glass house. They tell her to be ready to go there with them. She is quite ready to go. But when she walks downstairs, her shoe dropped off. She puts it again but walks by dragging her shoe. When her father sees it, he refuses to take her with him.
The Purple Jar पाठ का सार
कहानी ‘द पर्पल जार’ में सात साल की एक छोटी-सी लड़की रोजमोंड, अपनी माँ के साथ लंदन की एक सड़क पर चल रही है। वह दुकानों में विभिन्न चीजों को देखकर बहुत खुश होती है और माँ को उन्हें खरीदने को कहती है, हालाँकि वे उसके लिए किसी काम की नहीं थी। उसकी माँ यह कहकर कुछ भी खरीदने से इनकार कर देती हैं। कि वे उसके लिए बेकार थीं। आखिर में वह एक केमिस्ट की दुकान में एक बैंगनी जार देखती है और इसके लिए जिद करने लगती है। उसकी माँ इसे नहीं खरीदती क्योंकि रोजमोंड के जूते काफी पुराने हैं। उनमें से एक में बड़ा छेद है जिसमें से पत्थर उसके जूते में आ जाते हैं जिससे उसके पैर में बहुत दर्द होता है। रोजमोंड अपनी माँ को जूते की एक जोड़ी भी खरीदने के लिए कहती है। लेकिन उसकी माँ उसे दोनों में से एक ही चीज खरीदने को कहती है क्योंकि उसे उसके पास बैंगनी जार और जूते, दोनों खरीदने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।
अंत में, रोजमोंड बैंगनी जार लेने का फैसला करती है। हालाँकि उसकी माँ उसे समझाती है कि बैंगनी जार की तुलना में जूते की जोड़ी अधिक जरूरी है, वह उन्हें बाद में लेने पर जोर देती है। उसकी माँ उसकी उत्साह पूर्ण लालसा के सामने झुक जाती है और उसे बैंगनी जार खरीद देती है। रोजमोंड को जार में कुछ काला सा दिखता है जिसकी गंध विचलित करने वाली है। वह जार को खाली कर देती है और तब उसे यह देखकर निराशा होती है कि यह सिर्फ सादा सफेद काँच है। उसे अपनी अविवेकी पसंद पर पछतावा होता है। इस प्रकार यह कहानी हमें बताती है कि हमें अपना चुनाव बुद्धिमानी से करना चाहिए अन्यथा हमें हमारी पसंद पर पछतावा करना पड़ेगा और हमें अपने बड़ों की सलाह माननी चाहिए।
संक्षिप्त सारांश
रोजमोंड चीजों को देखकर उत्साहित है: रोजमोंड अपनी माँ के साथ लंदन की सड़कों पर घूम रही है। वह दुकानों में ढेर सी चीजों को देखकर बहुत खुश हैं। वह इन सभी चीजों को प्राप्त करने की इच्छा करती है लेकिन उसकी माँ ने कुछ भी खरीदने से इनकार कर दिया क्योंकि वे उसके लिए किसी काम की नहीं हैं।
रोजमोंड एक बैंगनी जार के लिए जिद करती हैं: चलते चलते वे एक केमिस्ट की दुकान पर पहुँचते हैं। रोजमोंड नीले, हरे, लाल, पीले और बैंगनी रंग के जारों की सुंदरता से मंत्रमुग्ध है। वह एक बैंगनी जार पर मोहित हो जाती है। उसकी माँ यह कहकर इसे खरीदने से इनकार करती है कि वह उसके लिए किसी काम की नहीं हैं।
एक पत्थर रोजमोंड के जूते में घुस जाता है। रोजमोंड के जूते काफी घिसे हुए हैं। उनमें से एक में एक बड़ा छेद है। जिसमें से पत्थर उसके जूते में चले जाते हैं और उसके पैर को चोट पहुंचाते हैं। गली में चलते समय एक पत्थर उसके जूते में घुस जाता है और उसे इतना दर्द होता है कि वह लँगड़ा कर चलने के लिए बाध्य हो जाती है।
वे एक मोची की दुकान पर जूते खरीदने के लिए जाते हैं: रोजमोंड की माँ उसे एक मोची की दुकान पर एक नई जोड़ी खरीदने के लिए ले जाती है। रोजमोंड को दुकान पसंद नहीं है क्योंकि उसमे असहनीय बदबू आ रही है और वह अभी भी जार के बारे में सोच रही है। उसकी माँ जार के लिए उसकी मजबूत इच्छा को समझती है वह उसके लिए जूते नहीं खरीदती।
माँ पर्पल जार खरीदने को राजी हो जाती है। आखिरकार रोजमोंड की माँ पर्पल जार खरीदने को राजी हो जाती है। रोजमोंड बहुत खुश होती है। घर जाकर वह उस जार में रखने के लिए बहुत से फूल इकट्टे करती है। अंत में रोजमोंड का नौकर उसके लिए जार लाता है।
जार से उसे निराशा होती है। रोजमोंड को जार में कुछ काला-सा दिखता है जिसमें से दुर्गन्ध आ रही है। जब वो पर्पल जार को खाली करती है तो देखती है कि अब वो पर्पल के स्थान पर एक सफेद जार बन गया है। वह निराश और हतोत्साहित महसूस करती है। उसे अपने बिना सोचे-समझे किए गए फैसले पर पछतावा होता है और भविष्य में अधिक समझदार बनने का निर्णय लेती है।
रोजमोंड के पिता उसे अपने साथ ले जाने से इनकार करते हैं: रोजमोंड के पिता और उसका भाई एक गिलास हाउस में जा रहे हैं। वे उसे उनके साथ वहाँ जाने के लिए तैयार रहने को कहते हैं। वह जाने के लिए तैयार है लेकिन जब वह सीढ़ियों से नीचे उतर रही होती है, तो उसका जूता गिर जाता है वह इसे फिर से पहनती है लेकिन जूते घिसटकर। चलती है। जब उसका पिता यह देखता है, तो वह उसे अपने साथ ले जाने से इनकार कर देता है।
The Purple Jar Main Points Of The Story
- Rosamond, with her mother, walks in the streets of London. She is beguiled by the beauty of different things in the streets.
रोजमोंड अपनी माँ के साथ लंदन की सड़कों पर घूम रही है। वह सड़कों पर विभिन्न चीजों की सुंदरता से विमुग्ध है। - She longs to buy them but her mother refuses to buy them as she does not have enough money.
वह उन्हें खरीदना चाहती है लेकिन उनकी माँ उन्हें खरीदने से मना कर देती है क्योंकि उनके पास पर्याप्त पैसा नहीं है। - Then she sees a purple jar which she wants to have. But her mother says to her that she should buy a pair of shoes as they are quite worn out.
तब वह एक बैंगनी जार देखती है जो वह लेना चाहती है। लेकिन उसकी माँ उससे कहती है कि उसे जूतों की एक जोड़ी खरीदनी चाहिए क्योंकि वे काफी घिस चुके हैं। - They go to a shoemaker’s shop to buy shoes. Rosamond does not like to stay there as the shop looks black and dark and is filled with pungent smell. Reluctantly she tries shoes but intrinsically she still thinks about that purple jar.
वे जूते खरीदने के लिए एक मोची की दुकान पर जाते हैं। रोजमोंड को वहाँ ठहरना पसंद नहीं है क्योंकि दुकोन काली और अँधेरी है और उसमें तीखी गंध भरी है। अनिच्छा से वह जूते पहनने की कोशिश करती है लेकिन अंदर से वह अभी भी उस बैंगनी जार के बारे में सोचती है। - Her mother reads her mind and yields to her strong desire to have the purple jar. She sends her servant to fetch the jar.
उसकी माँ उसके मन में बैंगनी जार के प्रति उसकी मजबूत इच्छा को पढ़ लेती है। वह अपने नौकर को जार लाने के लिए भेज देती है। - Rosamond is very excited. She gathers many flowers to put them into the jar.
रोजमोंड बहुत उत्साहित है। वह जार में डालने के लिए कई फूल इकट्ठा करती है। - The servant comes with the purple jar. Rosamond takes the jar. She finds something dark in it which smells very disagreeably.
नौकर बैंगनी जार के साथ आता है। रोजमोंड जार ले लेती है। उसे जार में कुछ काला-सा दिखता है जिसमें से दुर्गन्ध आ रही है। - She empties the purple vase. To her surprise and disappointment, the jar is no longer purple, instead it is a plain white jar.
वह बैंगनी फूलदान खाली कर देती है। उसे आश्चर्य और निराशा होती है कि जार अब बैंगनी नहीं, बल्कि एक सादा सफेद जार है। - She is very disappointed and regrets her choice. She repents for not obeying her mother’s decision to buy the shoes. Finally she determines to take any decision wisely in future.
वह बहुत निराश है और अपनी पसंद पर पछतावा करती है। वह जूते खरीदने के अपनी माँ के फैसले का पालन न करने के लिए पश्चाताप करती हैं। अंत में वह भविष्य में समझदारी से निर्णय लेने का फैसला करती है। - Because she is wearing a worn-out shoe, her father refuses to take her on an outing to the glass house.
चूंकि वह घिसा हुआ जूता पहनी है उसके पिता उसे बाहर आउट हाउस ले जाने से मना कर देते हैं।
The Purple Jar Passages For Comprehension With Hindi Translation
Passage-1: (Page 28)
Rosamond, a little girl about seven years, was walking with her mother in the streets of London.
As she passed along, she looked in at the windows of several shops and she saw a great variety of different sorts of things, of which she did not know the use, or even the names.
She wished to stop to look at them; but there was a great number of people in the streets, and a great many carts and carriages and wheelbarrows, and she was afraid to let go her mother’s hand.
रोजमोंड, जो सात साल की एक छोटी सी लड़की थी, लंदन की गलियों में अपनी माँ के साथ घूम रही थी।
चलते चलते, उसने कई दुकानों की खिड़कियों में देखा। और उसने कई तरह की विभिन्न प्रकार की चीजें देखीं, जिनके बारे में उसे पता नहीं था या यहाँ तक कि उनका नाम भी नहीं जानती थी।
वह उन्हें देखने के लिए रुकना चाहती थी, लेकिन सड़कों पर बहुत से लोग थे, और बहुत से ठेले, घोडागाडियाँ तथा इकपहिया ठेले आदि थे, और उसे अपनी माँ का हाथ छूट जाने डर था।
Passage-2: (Page 28)
“Oh mother, how happy I should be,” said she, as she passed a toy-shop, “if I had all these pretty things!”
“What, all! Do you wish for them all, Rosamond?”
“Yes, mamma, all.”
As she spoke, they came to a milliner’s shop where the windows were hung with ribbons, and lace, and festoons of artificial flowers.
उसने एक खिलौने की दुकान के पास से निकलते हुए कहा, “हे माँ, अगर मुझे ये सब चीजें मिल जाती तो मैं कितना खुश होती!”
क्या सब! क्या तुम ये सभी चीजें चाहती हो, रोजमोंड?”
हाँ, माँ, सब।”
बात करते-करते वे एक दुकान पर आई जहाँ खिड़कियों से रिबन, फीते और कृत्रिम फूल टंगे थे।
Passage-3: (Page 28)
“Oh! mamma, what beautiful roses!
Won’t you buy some of them?”
“No, my dear.” “Why?”
“Because I don’t want them, my dear.”
They went a little farther, and they came to another shop, which caught Rosamond’s eye.
It was a jeweller’s shop; and there were a great many pretty baubles, ranged in drawers behind glass.
“ओह! माँ, क्या सुंदर गुलाब हैं।
क्या आप उनमें से कुछ खरीदेंगी नहीं?”
“नहीं, मेरी प्रिय।” “क्यों?”
“क्योंकि वो मुझे नहीं चाहिए, मेरी प्रिय।”
वे थोड़ी दूर आगे गए, और वे एक और दुकान पर पहुँचे, जो रोजमोंड को आकर्षित कर लेती है।
यह एक जौहरी की दुकान थी; और वहाँ शीशे के पीछे दराज में कई सुंदर छोटी-छोटी वस्तुएँ थीं।
Passage-4: (Page 28)
“Mamma, you’ll buy some of these?”
“Which of them, Rosamond?”
“Which?
I don’t know which, but any of them will do for they are all pretty.”
“Yes, they are all pretty; but of what use would they be to me?”
“Use! Oh, I’m sure you could find some use or other for them if you would only buy them first.”
“But I would rather find out the use first.”
“माँ, आप इनमें से कुछ खरीद लेंगी?”
“उनमें से कौन सी, रोजमोंड?”
“कौन सी?
मुझे नहीं पता कि कौन सी; लेकिन उनमें से कोई भी, वे सभी सुंदर हैं।”
“हाँ, वे सभी सुंदर हैं; लेकिन मेरे लिए किस उपयोग की हैं?”
उपयोग! ओह, मुझे यकीन है कि यदि आप केवल उन्हें खरीद लेंगी तो आपको उनके लिए कुछ-न-कुछ उपयोग मिल सकता है।”
“लेकिन मैं खरीदने से पहले उपयोग जानना चाहती हूँ।”
Passage-5: (Pages 28 & 29)
“Well then, mamma, there are buckles; you know that buckles are useful things, very useful things.”
I have a pair of buckles.
I don’t want another pair,’ said her mother and walked on. Rosamond was very sorry that her mother wanted nothing.
Presently, however, they came to a shop, which appeared to her far more beautiful than the rest.
It was a chemist’s shop; but she did not know that.
ठीक है, माँ, वहाँ बकल्स हैं; आप जानती हैं कि बकल्स उपयोगी होते हैं, बहुत उपयोगी।” ‘मेरे पास बकल्स की एक जोड़ी है।
मैं एक और जोड़ी नहीं चाहती,’ उसकी माँ ने कहा और आगे चल पड़ी।
रोजमोंड बहुत दुखी थी कि उसकी माँ कुछ भी नहीं लेना चाहती थी।
अब वे एक दुकान पर आए, जो उसे बाकी की तुलना में कहीं अधिक सुंदर दिखाई दी।
यह एक दवाइयों की दुकान थी, लेकिन उसे यह नहीं पता था।
Passage-6: (Page 29)
“Oh, mother! oh!” cried she, pulling her mother’s hand.
“Look! look! Blue, green, red, yellow, and purple! Oh, mamma, what beautiful things! Won’t you buy some of these?”
Still her mother answered as before, “Of what use would they be to me, Rosamond?”
“You might put flowers in them, mamma and they would look so pretty on the chimney-piece.
I wish I had one of them.”
“You have a flower-pot,” said her mother; “and that is not a flowerpot.”
“But I could use it for a flower-pot, mamma, you know.”
ओह, माँ! ओह!” उसने चिल्लाकर अपनी माँ का हाथ खींचा।
“देखो! देखो! नीला, हरा, लाल, पीला और बैंगनी! ओह, माँ, क्या सुंदर चीजें हैं। क्या आप इनमें से कुछ नहीं खरीदेंगी?”
फिर भी उसकी माँ ने पहले कहा, “रोजमोंड इनका क्या इस्तेमाल होगा?”
आप उनमें फूल डाल सकते हैं, माँ और वे चिमनी पर बहुत सुंदर दिखेंगे।
काश मैं उनमें से एक ले सकती।”
उसकी माँ ने कहा, “तुम्हारे पास फूलदान है; और यह एक फूलदान नहीं है।”
“लेकिन माँ तुम्हें पता है मैं इसे फूलदान की तरह इस्तेमाल कर सकती हूँ।”
Passage-7: (Page 29)
“Perhaps, if you were to see it nearer, if you were to examine it, you might be disappointed.”
“No, indeed; I’m sure I should not I should like it exceedingly.”
Rosamond kept her head turned to look at the purple vase till she could see it no longer.
“Then, mother,” said she, after a pause, “perhaps you have no money.”
“Yes, I have.”
“Dear! if I had money, I would buy roses, and boxes, and purple flower-pots, and everything.”
Rosamond was obliged to pause in the midst of her speech.
“शायद, अगर तुम इसे नजदीक से देखती, अगर इसे जाँचती, तो तुम निराश हो जाती।”
“नहीं, वास्तव में; मुझे यकीन है कि मुझे यह बेहद पसंद हैं।
रोजमोंड अपना सिर घुमाकर बैंगनी फूलदान को तब तक देखती रही जब तक वह दिखना बंद नहीं हो गया।
तो माँ,” उसने एक विराम के बाद, “शायद आपके पास पैसे नहीं हैं।”
“हाँ मेरे पास है।”
“प्रिय! अगर मेरे पास पैसा होता, तो मैं गुलाब, बक्से, बैंगनी फूलदान और सब कुछ खरीद लेती।”
रोजमोंड को अपनी बात के बीच में रुकना पड़ा।
Passage-8: (Page 29)
“Oh, mamma, would you stop a minute for me? I have got a stone in my shoe; it hurts me very much.”
“How came there to be a stone in your shoe?”
“Because of this great hole, mamma-it comes in there: my shoes are quite worn out;
I wish you’d be so very good as to give me another pair.”
“Nay, Rosamond, but I have not money enough to buy shoes, and flower-pots, and boxes, and everything.”
“ओह, माँ, क्या आप मेरे लिए एक मिनट रुकेंगी? मेरे जूते में एक पत्थर है; इससे मुझे बहुत दर्द हो रहा है।”
“आपके जूते में पत्थर कैसे आए?”
“इस बड़े छेद के कारण, माँ-यह वहाँ से आता है। मेरे जूते काफी घिसे हुए हैं;
मैं चाहती हूँ कि आप मुझे एक और जोड़ी जूते दिला दें तो कितना अच्छा होगा।”
“नहीं रोजमोंड, लेकिन मेरे पास जूते, फूलदान, बक्से और सब कुछ खरीदने के लिए पर्याप्त धन नहीं है।”
Passage-9: (Page 29)
Rosamond thought that was a great pity.
But now her foot, which had been hurt by the stone, began to give her so much pain that she was obliged to hop every other step, and she could think of nothing else.
They came to a shoemaker’s shop soon afterwards.
“There! there! mamma, there are shoes there are little shoes that would just fit me;
and you know shoes would really be of use to me.”
रोजमोंड ने सोचा था कि यह बहुत दयनीय था।
लेकिन अब उसके पैर, जिसमें पत्थर से चोट लगी थी, उसमें इतना दर्द शुरू हो गया कि वह हर दूसरे कदम पर उछलने को बाध्य थी, और वह और कुछ नहीं सोच पा रही थी।
तभी एक मोची की दुकान आ गई।
वहाँ! वहाँ! माँ, वहाँ जूते हैं-वहाँ छोटे जूते हैं जो मुझे फिट होंगे;
और आप जानती हैं कि जूते वास्तव में मेरे लिए उपयोगी होंगे।”
Passage-10: (Page 30)
“Yes, so they would, Rosamond. Come in.”
She followed her mother into the shop.
Mr. Sole, the shoemaker, had a great many customers, and his shop was full, so they were obliged to wait.
“Well, Rosamond,” said her mother, “you don’t think this shop so pretty as the rest?”
“No, not nearly; it’s black and dark,
and there are nothing but shoes all round; and besides, there’s a very disagreeable smell.”
“That smell is the smell of new leather.”
“हाँ, वो तो हैं, रोजमोंड। अंदर आओ।”
वह दुकान में अपनी माँ के पीछे चली गई।
श्री सोल, जो जूते बनाते थे, के कई बड़े ग्राहक थे और उनकी दुकान पर भीड़ थे इसलिए उन्हें इंतजार करना पड़ा।
खैर, रोजमोंड,” उसकी माँ ने कहा, “क्या आपको लगता है कि यह दुकान बाकी की तुलना में इतनी सुंदर नहीं है?”
नहीं, लगभग नहीं; यह काली और अँधेरी है और कुछ भी नहीं सिर्फ जूते हैं;
और इसके अलावा, यहाँ एक बहुत ही बुरी गंध है।”
यह गंध नए चमड़े की गंध है।”
Passage-11: (Page 30)
“Is it? Oh!” said Rosamond, looking round, “there is a pair of little shoes;
they’ll just fit me, I’m sure.”
“Perhaps they might, but you cannot be sure till you have tried them on, any more than you can be quite sure that you should like the purple vase exceedingly, till you have examined it more attentively.”
“Why, I don’t know about the shoes, certainly, till I’ve tried;
but, mamma, I’m quite sure I should like the flower-pot.”
“क्या ऐसा है? ओह!” रोजमोंड ने कहा, “यहाँ छोटे जूते की एक जोड़ी है;
वे मुझे फिट आएंगे, मुझे यकीन है।”
“शायद संभव है, लेकिन जब तक आप उन्हें पहन कर देख नहीं लेती, तब तक आप यह सुनिश्चित नहीं कर सकती कि आपको इन्हें अथवा बैंगनी फूलदान को पसंद करना चाहिए।”
“जब तक मैंने कोशिश नहीं की, मैं जूते के बारे में निश्चित रूप से नहीं जानती;
लेकिन, माँ मुझे पूरा यकीन है कि मुझे फूलदान चाहिए।”
Passage-12: (Page 30)
“Well, which would you rather have, that jar, or a pair of shoes? I will buy either for you.”
“Dear mamma, thank you-but if you could buy both?”
“No, not both.”
“Then the jar, if you please.”
“But I should tell you that I shall not give you another pair of shoes this month.”
“ठीक है, आप की क्या जरूरत है, जार या जूते की एक जोड़ी? मैं आपके लिए एक ही खरीदूंगी।”
“प्रिय माँ, धन्यवाद- लेकिन क्या आप दोनों खरीद सकते हैं?”
“नहीं, दोनों नहीं?
“तो जार, कृपया।”
“लेकिन मुझे आपको यह बताना है कि मैं इस महीने आपको जूते की दूसरी जोड़ी नहीं लेकर दूंगी।”
Passage-13: (Page 30)
“This month! That’s a very long time indeed.
You can’t think how these hurt me.
I believe I’d better have the new shoes, but yet, that purple flower-pot-Oh, indeed, mamma, these shoes are not so very, very bad;
I think I might wear them a little longer, and the month will soon be over.
I can make them last to the end of the month, can’t I? Don’t you think so, mamma?”
“इस महीने! यह वास्तव में एक बहुत लम्बा समय है।
आप यह नहीं सोच सकते कि ये मुझे कितनी चोट पहुँचाते हैं। मेरा मानना है कि मेरे पास नए जूते होंगे-
लेकिन फिर भी यह बैंगनी फूलदान-ओह, वास्तव में, माँ, ये जूते बहुत बुरे नहीं हैं;
मुझे लगता है कि मैं उन्हें थोड़ी देर पहन सकती हूँ; और महीना जल्द ही समाप्त हो जाएगा।
मैं उन्हें महीने के आखिर तक चला सकती हूँ, क्या नहीं? क्या आपको ऐसा नहीं लगता, माँ?”
Passage-14: (Page 30)
“Nay, my dear, I want you to think for yourself: you will have time enough to consider about it whilst I speak to Mr. Sole about my clogs.”
Mr. Sole was by this time at leisure;
and whilst her mother was speaking to him, Rosamond stood in profound meditation,
with one shoe on, and the other in her hand.
“Well, my dear, have you decided?”
“नहीं, प्रिय, मैं चाहती हूँ कि आप खुद अपने लिए सोचें: आपके पास इस बारे में विचार करने के लिए पर्याप्त समय होगा, जब तक मैं श्री सोल एक से बात करूं मेरे मोजरी के बारे में।”
श्री सोल अब फुर्सत में थे।
और जब माँ उससे बात कर रही थी,
तो रोजमोंड गहन ध्यान में थी, एक जूता उसके हाथ में था। और दूसरा उसने पहना था।
ठीक है, मेरी प्रिय, क्या आपने फैसला किया है?”
Passage-15: (Page 31)
“Mamma!-Yes I believe. If you please-I should like the flower-pot; that is, if you won’t think me very silly, mamma”
“Why, as to that, I can’t promise you, Rosamond;
but when you are to judge for yourself, you should choose what will make you the happiest;
and then it would not signify who thought you silly.”
“Then, mamma, if that’s all, I’m sure the flower-pot would make me the happiest,” said she,
putting on her old shoe again; “so I choose the flower-pot.”
“Very well, you shall have it: clasp your shoe and come home.”
“माँ-हाँ, मैं विश्वास करती हूँ-मुझे फूलदान ही चाहिए; यही है, अगर आप मुझे बहुत मूर्ख नहीं समझेंगी, माँ”
“क्यों, उस स्थिति में, मैं आपसे वादा नहीं कर सकती, रोजमोंड;
लेकिन जब आप अपने लिए सोचना चाहते हैं, तो आपको चुनना चाहिए कि आपको सबसे अधिक खुशी कैसे होगी;
और तब यह नहीं लगेगा कि आपने मूर्खता की।”
“फिर, माँ, यदि यह सब है, तो मुझे यकीन है कि फूलदान मुझे सबसे ज्यादा खुशी देगा,” उसने कहा,
फिर से उसने पुराने जूते पहन लिए; “इसलिए मैं फूलदान चुनती हूं।”
“बहुत अच्छा, आपको यह मिलेगा : अपने जूते पहनो और घर आओ।”
Passage-16: (Page 31)
Rosamond clasped her shoe and ran after her mother: it was not long before the shoe came down at the heel
and many times was she obliged to stop to take the stones out of her shoe and often was she obliged to limp with pain;
but still the thoughts of the purple flowerpot prevailed, and she persisted in her choice.
रोजमोंड ने अपने जूते पहन लिए और अपनी माँ के पश्चात भाग पड़ी:
थोड़ी ही देर में उसे अपनी एड़ी पर बैठना पड़ा और कई बार उसे अपने जूते से पत्थर बाहर निकालना पड़ा और अक्सर वह दर्द से लँगड़ाने के लिए बाध्य थी;
लेकिन अभी भी बैंगनी फूलदान का विचार प्रबल था और वह अपनी पसंद पर कायम थी।
Passage-17: (Page 31)
When they came to the shop with the large window, Rosamond felt her joy redouble,
upon hearing her mother desire the servant, who was with them, to buy the purple jar, and bring it home.
He had other commissions, so he did not return with them.
Rosamond, as soon as she got in, ran to gather all her own flowers,
which she had in a corner of her mother’s garden.
जब वे बड़ी खिड़कीवाली दुकान पर आए, रोजमोंड की खुशी तब दुगनी हो गई,
जब उसने अपने नौकर को जो उनके साथ था, बैंगनी जार खरीदने और घर लाने के लिए कहते सुना।
उनके पास अन्य काम भी थे, इसलिए वह उनके साथ वापस नहीं आया।
रोजमोंड जैसे ही घर पहुँची, अपने सभी फूलों को इकट्ठा करने के लिए भाग गई,
जो उसकी माँ के बगीचे के एक कोने में थे।
Passage-18: (Page 31)
“I’m afraid they’ll be dead before the flowerpot comes, Rosamond,” said her mother to her,
when she was coming in with the flowers in her lap.
“No, indeed, mamma, it will come home very soon, I dare say, and shan’t I be very happy putting them into the purple flower-pot?”
“I hope so, my dear.”
“मुझे डर है कि फूलदान आने से पहले वे मर जाएँगे, रोजमोंड,” उसकी माँ ने उससे कहा,
जब वह गोद में फूलों के साथ आ रही थीं।
“नहीं माँ, मैं कहती हूँ; और उन्हें बैंगनी फूलदान में डालकर
क्या मैं बहुत खुश नहीं होऊँगी?”
“ मैं आशा करती हूँ, मेरी प्रिय।”
Passage-19: (Page 31)
The servant was much longer returning home than Rosamond had expected;
but at length he came, and brought with him the long-wished-for jar.
The moment it was set down upon the table, Rosamond ran up to it with an exclamation of joy.
“I may have it now, mamma?”
“Yes, my dear, it is yours.”
नौकर रोजमोंड की अपेक्षा से देरी से घर लौट रहा था;
लेकिन लम्बे समय बाद वह आया, और अपने साथ वह जार भी लाया जिसकी वह प्रतीक्षा कर रही थी। जिसे उसने मेज पर रखा, रोजमोंड उसकी ओर खुशी से दौड़ी आई।
“मैं अब यह ले सकती हूँ, माँ?”
“हाँ प्रिय, यह तुम्हारा है।”
Passage-20: (Page 31)
Rosamond poured the flowers from her lap upon the carpet and seized the purple flowerpot.
“Oh, dear mother!” cried she, as soon as she had taken off the top,
“but there’s something dark in it-it smells very disagreeably what is it?
I didn’t want this black stuff.”
“Nor I my dear.”
“But what shall I do with it, mamma?”
रोजमोंड ने फूलों को अपनी गोद से कालीन पर रख दिया और बैंगनी फूलदान उठा लिया।
जैसे ही उसने उसका ऊपर का हिस्सा खोला वह चिल्लाई ओह, प्रिय माँ!” उसने कहा,
लेकिन इसमें कुछ गहरा है-इसमें बहुत दुर्गन्ध है, यह क्या है?
मुझे यह काला सामान नहीं चाहिए था।”
“न ही मुझे मेरा प्रिय।”
“लेकिन मैं इसका क्या करूंगी, माँ?”
Passage-21: (Page 32)
“That I can not tell.”
“But it will be of no use to me, mamma.”
“That I can’t help.”
“But I must pour it out, and fill the flowerpot with water.”
“That’s as you please, my dear.”
“Will you lend me a bowl to pour it into, mamma?”
“That was more than I promised you, my dear; but I will lend you a bowl.”
यह मैं नहीं बता सकती।”
“लेकिन यह मेरे लिए किसी काम का नहीं होगा माँ।”
मैं मदद नहीं कर सकती।”
“लेकिन मैं इसे बाहर निकालकर फूलदान को पानी से भरना चाहती हूँ।”
जैसा तुम्हें ठीक लगे, मेरी प्रिय।”
क्या आप मुझे इसे डालने के लिए एक कटोरी देंगी माँ?”
यह मेरे वायदे से अधिक है, मेरी प्रिय; लेकिन मैं तुम्हें एक कटोरी दे दूंगी।”
Passage-22: (Page 32)
The bowl was produced and Rosamond proceeded to empty the purple vase.
But what was her surprise and disappointment, when it was entirely empty, to find that it was no longer a purple vase.
It was a plain white glass jar, which had appeared to have that beautiful colour merely from the liquor with which it had been filled.
कटोरा लाया गया और रोजमोंड बैंगनी फूलदान खाली करने लगी।
लेकिन उसे आश्चर्य और निराशा तब हुई, जब पूरी तरह खाली होने पर पता लगा कि यह अब बैंगनी फूलदान नहीं था।
यह एक सफेद कांच का जार था, जो उस तरल पदार्थ के रंग से खूबसूरत लग रहा था, जिससे उसे भरा गया था।
Passage-23: (Page 32)
Little Rosamond burst into tears.
“Why should you cry, my dear?” said her mother; “it will be of as much use to you now as ever for a flower-pot.”
“But it won’t look so pretty on the chimneypiece.
I am sure, if I had known that it was not really purple,
I should not have wished to have it so much.”
“But didn’t I tell you that you had not examined it and that perhaps you would be disappointed?”
छोटी रोजमोंड की आँखों में आँसू आ गए।
उसकी माँ ने कहा, “तुम क्यों रो रही हो मेरी प्रिय?” “यह फूलदान के लिए ही इस्तेमाल किया जाएगा।”
लेकिन यह चिमनी पर इतना सुंदर नहीं लगेगा।
मुझे यकीन है, अगर मुझे पता होता कि यह बैंगनी नहीं है,
मैं इसे खरीदने को इतनी उत्सुक नहीं होती।”
“लेकिन क्या मैंने आपको बताया नहीं था कि आपने इसे जाँच नहीं किया है और शायद आप निराश हो जाएँगे?”
Passage-24: (Page 32)
“And so I am disappointed indeed.
I wish I had believed you beforehand.
Now I had much rather have the shoes, for I shall not be able to walk all this month: even walking home that little way hurt me exceedingly.
Mamma, I’ll give you the flower-pot back again and that purple stuff and all, if you’ll only give me the shoes.”
“और इसलिए मैं वास्तव में निराश हूँ।
मेरा मानना है कि मैंने पहले से आप पर विश्वास किया होता।
अब मुझे लगता है की मुझे जूते की ज्यादा जरूरत है, क्योंकि मैं इस पूरे महीने में चलने में असमर्थ रहूँगी: यहाँ तक कि घर तक चलने में मुझे बहुत ज्यादा दर्द होता है।
माँ, मैं आपको उस बैंगनी सामान के साथ फूलदान वापस कर देंगी, यदि आप केवल मुझे जूते ले देंगे।”
Passage-25: (Page 32)
“No, Rosamond, you must abide by your own choice;
and now the best thing you can possibly do is to bear your disappointment with good humour.”
“I will bear it as well as I can,” said Rosamond, wiping her eyes and she began slowly and sorrowfully to fill the vase with flowers.
नहीं, रोजमोंड, आपको अपनी पसंद का पालन करना चाहिए;
और अब आप सबसे अच्छी बात यह कर सकते हैं कि आप निराशा खुशी के साथ सहन करें।”
मैं इसे जितना हो सके सहन करूगी,” रोजमोंड ने कहा, और अपनी आँखों को पोंछते हुए और वह फूलदान धीरे-धीरे फूलों से भरने लगी।
Passage-26: (Page 32)
But Rosamond’s disappointment did not end here: many were the difficulties and distresses into which her imprudent choice brought her before the end of the month.
Every day her shoes grew worse and worse, till at last she could neither run, dance, jump, nor walk in them.
Whenever Rosamond was called to see anything, she was pulling her shoes up at the heels and was sure to be too late.
लेकिन रोजमोंड की निराशा यहाँ खत्म नहीं हुई। उनकी अविवेकपूर्ण पसंद महीने के अंत से पहले कई कठिनाइयाँ और परेशानियाँ लाई।
हर दिन उसके जूते बद से बदतर होते गए, वह उसे पहनकर न तो दौड़, कूद और चल सकती थी और न ही नृत्य कर सकती थी।
जब भी रोजमोंड को कुछ देखने को कहा जाता था, वह अपने जूते की एड़ी खींचने लगती थी और बहुत देर हो जाती थी।
Passage-27: (Pages 32 & 33)
Whenever her mother was going out to walk, she could not take Rosamond with her,
for Rosamond had no soles to her shoes; and at length, on the very last day of the month,
it happened that her father proposed to take her with her brother to a glass-house which she had long wished to see.
She was very happy; but, when she was quite ready, had her hat and gloves on,
and was making haste downstairs to her brother and father, who were waiting for her at the hall door, the shoe dropped off;
she put it on again in a great hurry; but, as she was going across the hall, her father turned round.
जब भी उसकी माँ चलने के लिए बाहर निकलती, वह रोजमोंड को साथ नहीं ले जा पाती,
क्योंकि रोजमोंड के जूते में तलवे नहीं थे; और अंत में, महीने के आखिरी दिन,
ऐसा हुआ कि उसके पिता ने उसे अपने भाई के साथ गिलास-घर ले जाने का प्रस्ताव रखा, जिसे वह लंबे समय से देखना चाहती थी।
वह बहुत खुश थी, लेकिन जब वह तैयार थी, टोपी और दस्ताने भी पहने थे,
और अपने भाई और पिता की तरफ जा रही थी, जो उसके लिए हॉल के दरवाजे पर इंतजार कर रहे थे कि जूता गिर गया।
उसने इसे फिर से जल्दी में पहन लिया; लेकिन, हॉल में उसके पिता उसकी ओर मुड़े।
Passage-28: (Page 33)
“Why are you walking slipshod?
No one must walk slipshod with me. Why, Rosamond,” said he, looking at her shoes with disgust, “I thought that you were always neat; go, I can not take you with me.”
Rosamond coloured and retired. “Oh, mamma,” said she, as she took off her hat, “how I wish that I had chosen the shoes! they would have been of so much more useful to me than that jar:
however, I am sure-no, not quite sure but I hope I shall be wiser another time.”
“तुम टेढ़ी-मेढ़ी क्यों चल रही हो?
कोई भी मेरे साथ टेढ़ा-मेढ़ा नहीं चलना चाहिए, क्यों, राजमोंड.” उसने उसके जूते को घृणा से देखकर कहा, “मैंने सोचा कि तुम हमेशा साफ रहती हो; जाओ, मैं तुम्हें अपने साथ नहीं ले जा सकता।”
रोजमोंड का रंग स्याह हो गया और उसने अपनी हैट उतारते हुए कहा, “ओह, माँ, काश मैंने जूते चुने होते! वे उस जार की तुलना में मेरे लिए कितने अधिक उपयोग के होते :
हालाँकि, मुझे यकीन है-नहीं, बिल्कुल नहीं लेकिन मुझे आशा है कि मैं आगे से समझदारी से काम लूंगी।”
Leave a Reply